खरमास 2024 का प्रारंभ और महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कुछ विशेष समय होते हैं जब शुभ कार्यों को ना करने की परंपरा होती है, और इन्हीं समयों में से एक है ‘खरमास।’ इसे ‘मलमास’ भी कहा जाता है। वर्ष 2024 में खरमास का आगमन 14 मार्च से हो रहा है और यह 13 अप्रैल तक जारी रहेगा। इस दौरान हर प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास का यह समय विशेष तौर पर विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मानवीय संस्कारों के लिए नहीं होता।
चैत्र नवरात्रि और खरमास का संयोग
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि, जो कि 9 अप्रैल से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल को समाप्त होगी, खरमास के मध्य ही आ रही है। नवरात्रि के पवित्र नौ दिन होते हैं जब देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना की जाती है, और इस दौरान किए गए व्रत एवं पूजन से आराध्य की कृपा से मन की सब इच्छाएं पूरी होने का विश्वास होता है। लेकिन, इस साल खरमास की उपस्थिति के कारण शुभ कार्यों में व्यवधान आएगा। हालांकि, नवरात्रि पर व्रत और पूजा के आयोजन में कोई बाधा नहीं है।
खरमास में शुभ कार्यों पर रोक क्यों?
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, जब सूर्यदेव बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब उनका प्रभाव कम हो जाता है क्योंकि वे देवगुरु की सेवा में होते हैं। शुभ कार्यों की सफलता के लिए ग्रहों का मजबूत होना जरूरी होता है। जब ये ग्रह कमजोर स्थिति में होते हैं तो ऐसे कार्य नहीं किए जाते।
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार से जानें खरमास के प्रभाव
जानी-मानी ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार का कहना है कि खरमास में भले ही शुभ कार्य वर्जित हों, लेकिन नवरात्रि की पवित्रता का अपना महत्व है। वे बताती हैं कि व्रत और देवी पूजा जैसे कार्यों पर खरमास का प्रभाव नहीं पड़ता।
ध्यान देने की बात है कि दी गई जानकारी पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है और इसकी पूर्ण सत्यता की पुष्टि DNए हिंदी नहीं करता। फिर भी यह समय आध्यात्मिक चिंतन और आत्म-संवर्धन के लिए उत्तम माना जाता है।
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