परिचय
क्या आपको पता है कि घर के कुछ विशेष कोनों में नीले रंग की वस्तुएं या चित्रकारी रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार अनुकूल नहीं समझा जाता है? जी हां, यह सत्य है कि कुछ रंग ऐसे होते हैं जो किसी निश्चित दिशा या स्थान पर शुभ या अशुभ प्रभाव डाल सकते हैं। नीला रंग, जिसे आमतौर पर शांति और स्थिरता का प्रतिक माना जाता है, घर की दीवारों पर उमंग और नवीनता भर देता है। किंतु फिर भी, वास्तु शास्त्र की दृष्टि से इस रंग को किन्हीं विशेष स्थानों पर उपयोग करने से बचना चाहिए।
जानिए कहां नहीं करना चाहिए नीले रंग का इस्तेमाल
मुख्य रूप से दक्षिण दिशा के लिए कहा जाता है कि यहां नीले रंग की उपस्थिति से बचना चाहिए क्योंकि यह अग्नि की दिशा है और नीले रंग का संबंध जल तत्व से होता है। इस दिशा में नीले रंग का प्रयोग घरेलू परेशानियों और सेहत से जुड़ी समस्याओं को भी आमंत्रित कर सकता है।
पूर्व दिशा सूर्य की दिशा होती है और इसका स्वभाव से गर्म आवेग होता है। वास्तु के अनुसार, पूर्व दिशा में भी नीले रंग का प्रयोग न करने की सलाह दी गई है। यदि नीला रंग आवश्यक है तो ईशान कोण में इसका प्रयोग करें। यानी घर के उस कोने में जहाँ उत्तर और पूर्व दोनों दिशाएँ आपस में मिलती हों, वहाँ नीले रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
रसोई में नीले रंग के प्रयोग से बचने की सलाह विशेष रूप से दी जाती है क्योंकि नीला रंग आमतौर पर जहर से जोड़ा जाता है। जहर की चर्चा होती है तो अक्सर उसे नीले रंग में ही दर्शाया जाता है। इसलिए रसोई में नीले रंग के प्रयोग से परहेज करें।
नीली टाइलें और पैसे की कोठरी
आजकल बाज़ार में उपलब्ध डिज़ाइनर टाइल्स आपके घर की शोभा बढ़ा सकती हैं। लेकिन फर्श या दीवार के लिए टाइल्स चुनते समय दिशा का ध्यान रखें। अगर आपका घर उत्तर दिशा की ओर है तो नीले रंग की टाइल्स चुन सकते हैं।
जिस अलमारी या कोठरी में आप धन रखते हैं, उसे नीला न रंगवाएं क्योंकि नीला रंग तरलता का संकेत देता है और वास्तु के अनुसार, नीली अलमारी में धन रखने से पैसे का अपव्यय होता रहता है।
समापन
किसी भी रंग का चयन करते समय उसका प्रभाव सोच-समझकर लें। नीले रंग की सुंदरता और मनमोहकता के बावजूद, घर में सही जगह पर ही इसका प्रयोग करें। अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति के लिए वास्तु के इन नियमों का ध्यान रखें और अधिक जानकारी के लिए डीएनए हिंदी के ऐप को डाउनलोड करें।
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी सूचना के लिए है। वास्तु शास्त्र या रंगों से संबंधित किसी भी परिवर्तन को आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ या वास्तुविद से परामर्श लें।)