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चैत्र नवरात्रि 2024: मां शैलपुत्री पूजन की विशेष विधि और आरती

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चैत्र नवरात्रि 2024 के पावन पर्व पर मां शैलपुत्री की पूजा की अनुपम परंपरा

भारतीय सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का महत्वपूर्ण स्थान है और इसका आरंभ होता है माता शैलपुत्री की आराधना से। माना जाता है कि इस पावन दिवस पर कलश स्थापना के साथ माता की पूजा अर्चना, मंत्र जाप और आरती से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता शैलपुत्री को हिमालय की पुत्री माना जाता है और उनकी उपासना से भक्तों को उत्तम स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि

माता शैलपुत्री की आराधना का विधान बड़े ही विशिष्ट तरीके से किया जाता है। पूजा से पहले घर को स्वच्छ करना, गंगाजल से शुद्धिकरण करना, और देवी की मूर्ति अथवा तस्वीर को पवित्र स्थल पर विधिवत स्थापित करना आवश्यक माना गया है। इसके साथ, नवरात्रि के पहले दिन सफेद वस्त्र धारण कर कलश की स्थापना करने की परंपरा है। सफेद पुष्पों के साथ सफेद खीर या राजभोग का भोग लगाने से माता रानी खुश होकर भक्तों की सभी आकांक्षाएँ पूर्ण करती हैं।

चैत्र नवरात्रि पर विशेष योग का महत्व

सन 2024 में 30 वर्षों के बाद चैत्र नवरात्रि पर एक विशेष योग बन रहा है, जिसे भक्तों के लिए अतिशुभ माना जा रहा है। कलश स्थापना से लेकर पूजा की समय-सारिणी और विशेष उपायों की जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन विधि विधान से किए गए उपायों से देवी मां की कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है।

शैलपुत्री मां की शक्तिशाली आरती

मां शैलपुत्री की आरती में उन्हें बैल पर विराजमान, शिव शंकर की प्रिय भवानी और पार्वती रूप में वर्णन किया गया है, जिनकी शक्ति और कृपा से भक्त सभी सुखों को प्राप्त करते हैं। इस दिन घी का दीपक जलाकर और ‘गोला गरी’ जैसी मिठाइयों का भोग लगाने के साथ ही श्रद्धा भाव से मंत्रों का जाप करना चाहिए। मां शैलपुत्री की आरती गायन से पूर्व उन्हें पुष्पों, चंदन आदि से अलंकृत करना शुभ माना गया है।

कलश स्थापना और इसके महत्व

नवरात्रि में कलश स्थापना को बहुत ही शुभ माना गया है क्योंकि यह देवी मां के आगमन और नवरात्रि पूजा की शुरुआत का प्रतीक है। कलश की स्थापना से संपूर्ण परिवार के सदस्यों की रक्षा, समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

मां शैलपुत्री की शक्तिशाली पूजा मंत्र

भक्तों को शैलपुत्री माता की पूजा करते समय विशेष बीज मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः” की जप करना चाहिए। कहा जाता है कि इस मंत्र की सतत उच्चारण से माता रानी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपादृष्टि रखती हैं।

इस लेख का उद्देश्य आपको चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण पर्व पर मां शैलपुत्री की उचित पूजा विधि, आरती और मंत्र जाप की संपूर्ण जानकारी प्रदान करना है। समय पर सही विधि से पूजन व अर्चन करने से निश्चित ही देवी मां की कृपा आप पर और आपके परिवार पर सदैव बनी रहेगी।

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