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राम मंदिर महोत्सव: प्रतिष्ठित होगा राम यंत्र विशेषता और महत्व की पूरी जानकारी

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राम मंदिर महोत्सव की शुरुआत

आगामी 22 जनवरी का दिन अयोध्यावासियों के साथ-साथ पूरे भारतवर्ष के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिवस पर विश्व प्रसिद्ध राम मंदिर के परिसर में रामलला की पवित्र मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। यह प्रतिमा राम यंत्र पर प्रतिष्ठित की जाएगी। इस अवसर पर, आइए इस राम यंत्र के महत्व और विशेषताओं की गहराई से जानकारी प्राप्त करें।

राम यंत्र का धार्मिक महत्व

ज्योतिष और तंत्र-मंत्र शास्त्र में यंत्रों का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है। यंत्र का उपयोग मानव के आत्मिक और धार्मिक उत्थान के लिए होता है। राम यंत्र भी इसी प्रकार के एक शक्तिशाली यंत्र के रूप में जाना जाता है। इस यंत्र का सम्बन्ध विशेष रूप से प्रभु श्रीराम से है और इसका महत्व सर्वोपरि है।

राम यंत्र का अनूठा डिज़ाइन

राम यंत्र की रचना आध्यात्मिक ज्ञान और दिव्य शक्तियों का संगम है। यह यंत्र चौकोर आकार का होता है जिस पर आठ कमल की पंखुड़ियाँ उकेरी जाती हैं। प्रत्येक पंखुड़ी पर विशेष मंत्र अंकित किए जाते हैं, जो कि देवत्व और शक्ति का प्रतीक हैं। यंत्र के चारों तरफ़ भी विशेष श्लोक और मंत्रों की रेखाएँ खींची जाती हैं।

राम यंत्र के केंद्र का विशेष महत्व

राम यंत्र के मध्य भाग में त्रिकोण बना होता है जिसमें ‘रा रामाय नमः’ जैसे पवित्र मंत्र अंकित होते हैं। यह त्रिकोण यंत्र की दिव्य ऊर्जा का केंद्र होता है। इसमें अंकित शब्द और डिज़ाइन जीवन में सकारात्मकता और सुरक्षा लाने के लिए माने जाते हैं, इसी कारण इसे राम रक्षा यंत्र के नाम से भी पुकारा जाता है।

राम यंत्र की तैयारी

राम यंत्र को बनाने के लिए प्राचीन परंपरा और विधि का पालन किया जाता है। इसे प्राकृतिक सामग्री जैसे कि भोजपत्र पर बनाया जाता है जिस पर अनार के पेड़ की नुकीली कलम से केसर की स्याही का उपयोग करके लिखा जाता है। यंत्र के निर्माण के बाद, उसे मंत्रोच्चारण और पवित्र अनुष्ठानों के माध्यम से सक्रिय किया जाता है।

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