प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर अयोध्या
अयोध्या की पवित्र नगरी में, प्रभु श्रीराम के जल्द ही अपने घर वापसी की तैयारी जोरों पर है। भक्तों की आराध्य, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महत्वपूर्ण समारोह बस कुछ ही समय में संपन्न होने वाला है। अयोध्या, जो पहले से ही अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है, इन दिनों और भी अधिक दिव्यता से ओत-प्रोत है।
22 जनवरी को, एक शुभ घड़ी में, जब 12 से अधिक शुभ योग बन रहे होंगे, रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह समारोह इतना महत्वपूर्ण है कि इसे देखने और इसमें सम्मिलित होने के लिए केवल चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया गया है। उस दिन, भगवान श्रीराम भव्यता के साथ अपने नए मंदिर में विराजमान होंगे। इस शुभ इवेंट के बाद के दिन, यानी 23 जनवरी से मंदिर सभी भक्तों के लिए अपने द्वार खोल देगा।
अयोध्या में उमड़ेगी भक्तों की भीड़
खबर है कि रामलला के दर्शनों के लिए भक्तों का सैलाब अयोध्या की ओर रुख करेगा। बड़ी संख्या में लोगों ने अभी से दर्शन के लिए अपनी यात्राएं आयोजित और यात्रा तथा आवास की बुकिंग करा ली हैं। यह आयोजन न केवल अयोध्या के लिए, बल्कि पूरे भारत और विश्व के हिंदू समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। इस अवसर पर आने वाले भक्तों को यात्रा की सार्थकता के लिए कुछ और मंदिरों के दर्शन भी अवश्य करने चाहिए।
प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर
अयोध्या की इस यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण दर्शन हैं प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर के। हनुमानगढ़ी मंदिर, जिसका निर्माण शुजाऊद्दौला ने स्वामी अभय रामदास जी महाराज के निर्देशन में किया था, एक भव्य संरचना है। इसे अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है। यहां विराजमान हैं बजरंगबली, प्रभु श्रीराम के परम भक्त। यह माना जाता है कि रावण को पराजित करने के पश्चात श्रीराम ने हनुमानजी को अयोध्या में यह स्थान दिया था। हनुमानजी के दर्शन के बिना, रामलला के दर्शन भी अधूरे माने जाते हैं। मान्यता है कि हनुमानजी आज भी यहां निवास करते हैं।
शुभ योग और भविष्यवाणी
आगामी 22 जनवरी को, जब मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चों का भाग्य भी अत्यंत उज्ज्वल माना जाएगा। ऐसा योग वर्षों में कभी-कभार आता है, और इसका असर भविष्य पर बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस अद्भुत क्षण का अनुभव करने के लिए देश-दुनिया से भक्त और आगंतुक अयोध्या की ओर बढ़ रहे हैं। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा भी है, जो हर एक भक्त को अपने ईश्वर के करीब लाने का वादा करती है। इस महान उत्सव में शामिल होने का यह एक सुनहरा अवसर है, जो न केवल आपको दिव्यता का अनुभव कराएगा बल्कि आपकी आत्मा को भी परम शांति प्रदान करेगा।