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मणिपुर की तकलीफों का PM दौरा बन सकता है समाधान

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मणिपुर में जारी हिंसा पर राहुल गांधी का गंभीर बयान

मणिपुर में बीते कुछ महीनों से जारी हिंसा की स्थिति चिंताजनक है। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा कर शांति की अपील करने की गुजारिश की है। राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर आज भी दो टुकड़ों में बंटा हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे राज्य का दौरा कर यहां की जनता की तकलीफें सुनें और हिंसा को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

दो टुकड़ों में बंटा मणिपुर

बृहस्पतिवार को राहुल गांधी ने एक बार फिर मणिपुर की स्थिति में सुधार न होने की ओर इशारा किया। उनका कहना था कि राज्य अभी भी दो हिस्सों में बंटा हुआ है और हिंसा की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में आकर शांति की अपील करनी चाहिए और जमीनी हकीकत से रूबरू होना चाहिए। गांधी ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों का भी जिक्र किया जो इस मुद्दे को संसद में उठाकर सरकार पर दबाव बनाएंगे कि इस त्रासदी को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए।

संसद में उठाया मणिपुर का मुद्दा

राहुल गांधी ने पिछले सोमवार को मणिपुर का दौरा किया और हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की थी। उन्होंने इस दौरे का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बृहस्पतिवार को साझा किया। उन्होंने बताया कि 22 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में वे मणिपुर का मुद्दा उठाएंगे।

पीड़ितों से मुलाकात और उनके दर्द की कथा

राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करते हुए उनकी दुश्वारियों को खुद देखा और सुना। उनके अनुसार, यहां हजारों परिवार राहत शिविरों में जीवन बिताने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा, “मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद से यह मेरा तीसरा दौरा है, लेकिन आज भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। घर जल रहे हैं, मासूम जिंदगियां खतरे में हैं और हजारों परिवार राहत शिविर में जीवन बिता रहे हैं।”

प्रधानमंत्री से शांति की अपील

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को खुद मणिपुर आकर प्रदेशवासियों की तकलीफ सुननी चाहिए और शांति की अपील करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी का लाभ नहीं होता और यह केवल अधिक दुःख और दर्द को जन्म देती है। राहुल गांधी ने हिंसा के कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह गलतफहमी के कारण शुरू हुई और इसका कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।

कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन की भूमिका

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और ‘इंडिया’ गठबंधन मणिपुर में शांति की आवश्यकता को संसद में पूरी शक्ति के साथ उठाएंगे और सरकार पर इस त्रासदी को खत्म करने का दबाव बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी का फायदा नहीं है, इसके बजाय यह राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को और भी बिगाड़ रही है।

महिलाओं के अनुभव और सवाल

राहुल गांधी ने महिलाओं के एक समूह से बातचीत करते हुए उनसे हिंसा के कारणों के बारे में पूछा। महिलाओं ने बताया कि हिंसा गलतफहमी के कारण शुरू हुई और इसका कोई फायदा नहीं है। यह सिर्फ लोगों के जीवन में दुःख और परेशानी ला रही है।

मणिपुर की स्थिति पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता

इस बीच, राहुल गांधी ने यह स्पष्ट किया कि मणिपुर की स्थिति में सुधार लाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि मानवता के दृष्टिकोण से भी यह जरूरी है कि राज्य में शांति और स्थिरता लौटे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर

मणिपुर की हिंसा और उसके प्रभाव को देखा जाए तो यह केवल राज्य या देश तक सीमित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि यहां की हिंसा का असर पड़ोसी देशों पर भी पड़ सकता है।

समाप्ति और आगे की राह

अंततः, मणिपुर की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हस्तक्षेप और उनका राज्य दौरा अत्यंत आवश्यक है। इससे ना सिर्फ राज्य के लोगों में एक आशा की किरण जागेगी बल्कि प्रभावकारी परिणाम भी सामने आ सकते हैं। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस दिशा में कितना गंभीरता से कदम उठाती है और मणिपुर के लोगों को इस दर्दनाक परिस्थिति से बाहर लाने के लिए क्या उपाय करती है।

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