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तरसेम सिंह का राजनीतिक ऐलान: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पिता ने बनाई नई पार्टी

परिचय और घोषणा

पंजाब में राजनीति की दिशा एक नया मोड़ ले रही है, जैसा कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने एक नई राजनीतिक पार्टी के गठन का ऐलान किया है। उन्होंने यह निर्णय अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद लिया। इस घोषणा का मकसद सभी के कल्याण के लिए एक संगठन बनाना है, जो मानवता की भलाई के लिए सक्रिय रहेगा।

पार्टी के सिद्धांत

तरसेम सिंह ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी ‘मानस की जात, सभै एकै पहचानबो’ के सिद्धांत का पालन करेगी यानी मानव जाति में सभी एक समान हैं। पंजाब की वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने के लिए नई पार्टी की स्थापना की जाएगी। संगठन के नाम और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय संगत (सिख समुदाय) से बातचीत के बाद किए जाएंगे।

पंजाब की राजनीतिक स्थिति

तरसेम सिंह ने पंजाब की राजनीतिक स्थिति की आलोचना की और कहा कि वर्तमान राजनीतिक दलों ने राज्य के मुद्दों को अनदेखा किया है। उनका कहना है कि सभी महत्वपूर्ण फैसले दिल्ली से लिए जाते हैं, जो पंजाब के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं को किनारे कर दिया गया, और उन्हें डर है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ भी यही होगा।

अमृतपाल सिंह की स्थिति

तरसेम सिंह के बेटे, अमृतपाल सिंह, वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उन्हें और उनके नौ साथियों को रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं और वह खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे, जिसने उन्हें पंजाब में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाया।

नई पार्टी का एजेंडा

तरसेम सिंह ने कहा कि नई पार्टी राज्य को मजबूत करने के लिए पंजाब के सामने आने वाले सभी मुद्दों पर ध्यान देगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे अमृतपाल सिंह ने उनसे जमीनी हकीकत को देखते हुए सही निर्णय लेने के लिए कहा था। तरसेम सिंह ने कई जगहों का दौरा किया और लोगों की समस्याओं को सुना। लोगों ने उन्हें बताया कि उन्होंने कई राजनीतिक दलों के साथ प्रयोग किया है और अब एक नए संगठन की जरूरत महसूस हो रही है।

आने वाले उपचुनाव

तरसेम सिंह की यह घोषणा बरनाला, गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और होशियारपुर की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के मद्देनजर की गई है। इस घोषणा ने उपचुनावों में नई राजनीति और संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं, जिससे पंजाब की राजनीति एक नए दिशा में जा सकती है।

अकाली तख्त के समक्ष अरदास

नई पार्टी के गठन से पहले तरसेम सिंह ने अकाली तख्त के समक्ष अरदास किया। इस धार्मिक अनुष्ठान का उद्देश्य पार्टी के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मानवता के लिए काम करेगी और सभी के सेक्युलर और सामाजिक अधिकारों के लिए संघर्ष करेगी।

संगठन और रणनीति

नई पार्टी के बारे में विचार संगत (सिख समुदाय) से बातचीत के बाद किए जाएंगे। पार्टी का नाम और एजेंडा भी एक बड़ी सभा में घोषित किया जाएगा। तरसेम सिंह का मानना है कि पंजाब में एक स्वायत्त संगठन की आवश्यकता है, जो केवल राज्य की बेहतरी के लिए कार्य करे।

लोगों की प्रतिक्रिया

तरसेम सिंह के इस निर्णय पर विभिन्न क्षेत्रों से मिली-जुली प्रतिकियाएं आई हैं। कुछ लोग इसे पंजाब की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे केवल एक नया प्रयास मान रहे हैं जो पहले के प्रयासों की तरह असफल हो सकता है। विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं, जिसमें से कुछ ने इसे समर्थन दिया है और कुछ ने इसे आलोचना की है।

भविष्य की दिशा

अतः, तरसेम सिंह के इस निर्णय ने पंजाब की राजनीति में एक नई दिशा दी है। यह देखा जाना बाकी है कि उनकी पार्टी किस हद तक समर्थन प्राप्त करती है और कितना प्रभाव डाल पाती है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि उनकी यह घोषणा और नई पार्टी के गठन का निर्णय पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
(भाषा से इनपुट के साथ)

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