प्रशांत किशोर ने आखिरकार सक्रिय राजनीति में कदम रखा
प्रशांत किशोर, जिन्हें हम सब एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में जानते हैं, ने आखिरकार सक्रिय राजनीति में कदम रखने का बड़ा ऐलान कर दिया है। बुधवार को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने ‘जन सुराज पार्टी’ नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी का उद्घाटन कर दिया है। इस मौके पर कई जानी-मानी हस्तियां उपस्थित थीं, जिन्होंने इस बड़े कदम को सराहा।
कार्यक्रम में मुख्य घोषणाएँ
इस समारोह में प्रशांत किशोर ने भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी मनोज भारती को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। मनोज भारती मधुबनी से हैं और प्रशांत ने घोषणा की कि इन्हें मार्च तक इस पद पर बनाए रखा जाएगा। मार्च में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव होंगे और उसके बाद ही अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस निर्णय को पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जश्न के रूप में लिया।
चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा
प्रशांत किशोर की इस घोषणा को महत्व इसलिए भी दिया जा रहा है क्योंकि उन्होंने लगभग दो साल पहले चंपारण से एक पदयात्रा शुरू की थी। इस यात्रा के जरिए उन्होंने बिहार के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और जनता की समस्याओं को करीब से समझा। यह वही चंपारण है जहां से महात्मा गांधी ने भारत में पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था। उन्होंने इस पदयात्रा के जरिए जनता को एक नया राजनीतिक विकल्प देने का संकल्प लिया।
राजनीतिक परामर्श छोड़ राजनीति में प्रवेश
प्रशांत किशोर ने कुछ साल पहले राजनीतिक परामर्श देने का काम छोड़ दिया था। उन्होंने अपने भाषण में घोषणा की कि जन सुराज अभियान का उद्देश्य बिहार के लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के लोग लंबे समय से इन मुद्दों पर वोट नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि इन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए।
शराबबंदी कानून पर बड़ा वादा
प्रशांत किशोर ने एक और बड़ी घोषणा की कि जन सुराज पार्टी सत्ता में आते ही एक घंटे के अंदर शराबबंदी कानून को खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि हर साल शराबबंदी के कारण राज्य को 20000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पीके ने यह भी कहा कि इस धन को राज्य की शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने में उपयोग किया जाएगा।
बैंकों को देंगे विशेष निर्देश
प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई, तो वे बैंकों को निर्देश देंगे कि वे राज्य की जनता द्वारा जमा की गई बचत के अनुपात में राज्य को पूंजी प्रदान करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्हें राज्य के विकास के लिए चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी, और इसके लिए वे अन्य पूंजी जुटाने के स्रोतों पर भी काम करेंगे।
दिग्गज हस्तियों का समर्थन
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, राजनयिक से नेता बने पवन वर्मा और पूर्व सांसद मोनाजिर हसन भी उपस्थित थे, जिन्होंने प्रशांत किशोर की इस नई पहल का समर्थन किया। इन दिग्गजों की उपस्थिति से यह साफ है कि प्रशांत किशोर के पक्ष में कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली लोग भी हैं, जो उन्हें राजनीतिक समर्थन दे रहे हैं।
नए राजनीतिक विकल्प का उद्देश्य
प्रशांत किशोर ने अपने भाषण में कहा कि जन सुराज का उद्देश्य राज्य के लोगों को एक नया राजनीतिक विकल्प देना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में कई खामियां हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है। प्रशांत किशोर का मानना है कि राज्य की शिक्षा और रोजगार की स्थिति में बड़ा बदलाव लाना उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य होगा।
समाजिक कार्यों का वादा
प्रशांत किशोर ने यह भी वादा किया कि उनकी पार्टी विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से जुड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ पेयजल और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया जाएगा। प्रशांत किशोर का मानना है कि इन बुनियादी सुविधाओं की कमी की वजह से राज्य का विकास रुक गया है और इसे पुनः गति दी जानी चाहिए।
निकट भविष्य की योजनाएं
पार्टी के निकट भविष्य की योजनाओं में शामिल है कि वे राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर वहां की समस्याओं को नजदीक से समझेंगे और उन्हें हल करने के लिए काम करेंगे। प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने आश्वासन दिया है कि वे राज्य की हर छोटी-बड़ी समस्या को गंभीरता से लेंगे और उनका समाधान निकालेंगे।
इस प्रकार, प्रशांत किशोर ने अपनी नई पार्टी ‘जन सुराज’ के जरिए बिहार की राजनीति में एक नई दिशाधारा की शुरुआत की है। उनकी यह पहल राज्य के लोगों के बीच कितनी सफल साबित होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन उनकी इस बड़ी घोषणा ने राज्य की राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है। प्रकाशनों और जनता के बीच इस घोषणा को लेकर काफी उत्सुकता देखी जा रही है।