राफेल के प्रहार से नहीं बचेंगे जासूसी गुब्बारे
भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब भारतीय आसमान में यदि कोई जासूसी गुब्बारा उड़ने का प्रयास करेगा, तो उसे भारतीय वायुसेना के राफेल जेट के प्रहार का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में वायुसेना ने एक विशेष ड्रिल का आयोजन किया जिसमें राफेल फाइटर जेट ने बेहद कुशलता से चीनी जासूसी गुब्बारे जैसा लक्ष्य उड़ाकर दिखाया।
ड्रिल की सफलता
यह ड्रिल भारतीय वायुसेना की पूर्वी कमान द्वारा आयोजित की गई थी। ड्रिल के दौरान एक गुब्बारे में पेलोड भरकर उसे 5500 फीट की ऊंचाई पर छोड़ा गया। इसके बाद राफेल जेट ने उसे निशाना बनाकर मिसाइल से धराशायी कर दिया। गिरे हुए गुब्बारे का मलबा बाद में जमीन पर मिला। यह दिखाता है कि भारतीय वायुसेना अब किसी भी जासूसी गुब्बारे को नष्ट करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अमेरिका में हुई घटना से मिली प्रेरणा
सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने यह कार्रवाई तब की जब इसी प्रकार का एक चीनी जासूसी गुब्बारा अमेरिकी आसमान में देखा गया और अमेरिकी वायुसेना ने उसे मार गिराया। इससे पहले भी अंडमान-निकोबार के पास एक रहस्यमयी चीनी गुब्बारा देखा गया था, लेकिन तब भारत ने कोई कदम नहीं उठाया था। अब स्थितियां बदल चुकी हैं और भारत किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार है।
आधुनिक तकनीक के साथ बढ़ती सुरक्षा
चीन ने विभिन्न देशों की जासूसी करने के लिए जासूसी गुब्बारों का इस्तेमाल किया है। ये गुब्बारे अत्याधुनिक जासूसी उपकरणों और कैमरों से लैस होते हैं। इनकी ऊंचाई और तकनीक इतनी उन्नत होती है कि इन्हें मार गिराना हर देश के लिए संभव नहीं है। ऐसे में भारत ने भी अपनी क्षमताओं को उन्नत बनाया है, ताकि वह इन जासूसी गुब्बारों को पहचानकर उन्हें नष्ट कर सके।
भारतीय वायुसेना की तैयारी
ड्रिल के आयोजन के समय वायुसेना के वाइस चीफ अमर प्रीत सिंह थे। मौजूदा वाइस चीफ एयर मार्शल पूर्वी वायु कमान के प्रभारी थे, जबकि पूर्वी कमान वायु प्रमुख एयर मार्शल सूरत सिंह ऑपरेशन के डीजी की भूमिका निभा रहे थे। इन वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में वायुसेना ने एक उच्चस्तरीय ड्रिल को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
निष्कर्ष
भारतीय वायुसेना की इस रखरखाव ड्रिल से यह साफ हो जाता है कि देश अब किसी भी बाहरी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्नत तकनीकों और अत्याधुनिक विमान जैसे राफेल के साथ भारतीय वायुसेना अपने दुश्मनों को साफ संदेश दे रही है। अब चीन के जासूसी गुब्बारों को बिना चिंता के भारतीय आसमान में उड़ान भरने की इजाजत नहीं होगी। इस महत्वपूर्ण क्षमता के साथ वायुसेना भारत को और भी सुरक्षित कर रही है।