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लॉटरी का टिकट खरीदने से शख्स बना करोड़पति

लॉटरी: भाग्य का खेल

लॉटरी एक ऐसा माध्यम है जो सहजता से किसी भी व्यक्ति को रातों-रात अमीर बना सकता है। यह एक ऐसा तरीका है, जिसमें न तो मेहनत की आवश्यकता होती है और न ही कौशल की। कुछ देशों में यह कानूनी मान्यता प्राप्त है तो कुछ देशों में इस पर प्रतिबंध है। भारत में भी कुछ राज्यों में लॉटरी की अनुमति है जबकि कुछ राज्यों में यह वर्जित है। इसके पीछे मुख्य कारण है समाज के कुछ वर्गों का मानना कि लॉटरी भाग्य पर आधारित होती है और यह व्यक्ति को अवांछनीय आश्रित बना सकती है।

और यही कारण है जो लोगों को इसकी ओर आकृष्ट करता है। क्योंकि कहीं न कहीं, हर व्यक्तित्व में यह चाहत होती है कि बिना किसी कठिनाई अथवा संघर्ष के, धन-संपत्ति हासिल हो जाए।

कैसे बना कार्लोस गुटिरेज महज एक रात में करोड़पति

वर्जीनिया के सेंटरविले शहर का रहने वाला कार्लोस गुटिरेज उस दिन अपने लिए चिकन सैंडविच का ऑर्डर देने गया था। जबकि वह अपनी डिश का इंतजार कर रहा था, उसकी नजर शॉप पर लगी एक लॉटरी वेंडिंग मशीन पर पड़ी। ना तो उसे पहले से इसका कोई विचार था और न ही उसने कभी लॉटरी खेलने के बारे में सोचा था। परंतु उस दिन उसने बिना किसी योजना के एक लॉटरी टिकट खरीदने का निर्णय लिया। उसके इस अचानक लिए गए निर्णय ने उसके भाग्य को पूरी तरह से बदलकर रख दिया।

अगले दिन जब वह उसी शॉप पर से गुजरा तो उसे पता चला कि उसने जो टिकट खरीदा था, वह 1 मिलियन डॉलर के इनाम में परिवर्तित हो गया है। लॉटरी टिकट पर लिखे 5 संख्याएँ, अर्थात 16, 34, 46, 55 और 67 सभी नंबर मशीन पर प्रदर्शित हुए। यह सिर्फ आखिरी संख्या के कारण था कि वह पूर्ण तौर पर जैकपॉट नहीं जीत पाया। हालांकि उसने 14 लेने का निर्णय पहले लिया था, लेकिन अंत में उसने संख्या बदलकर 19 चुनी।

जीते पैसे का उपयोग

जिस समय लॉटरी कंपनी के अधिकारी ने गुटिरेज से पूछा कि वह इस राशि का क्या उपयोग करेगा, तो उसका उत्तर था कि वह इस पैसे का उपयोग अपने छोटे से व्यापार को बढ़ाने के लिए करेगा। गुटिरेज का मानना है कि बिना मेहनत का पैसा जितना जल्दी आता है उतना ही जल्दी चला भी जाता है। इसलिए उन्होंने विवेकपूर्ण निर्णय लिया कि वह इस राशि का उपयोग अपने व्यापारिक उद्देश्यों के लिए करेंगे।

खबर का प्रभाव

इस प्रकार की खबरें अक्सर उन लोगों में जोश भर देती हैं जो लॉटरी को केवल एक सुंदर सपना मानते हैं। हालांकि ऊपर दिए गए उदाहरण में यह साफ हो जाता है कि कभी-कभी भाग्य सच में मुस्कुराता है। लेकिन इस खेल को खत्म होने वाली उम्मीदों के साथ भी देखना चाहिए, क्योंकि लॉटरी वह माध्यम नहीं है जिसकी सफलता की गारंटी दी जा सके।

भारतीय समाज में लॉटरी के प्रति लोगों की मिश्रित भावनाएँ हैं; कुछ इसको संघर्षरहित धन पाने का उपाय मानते हैं, तो कुछ इसे आर्थिक पतन का कारण भी समझते हैं। परंतु एक बात स्पष्ट है कि ऐसे घटनाओं का समाज पर व्यापक असर होता है और व्यक्ति की सोच को चुनौती देते हैं।

इस तरह के उदाहरण हमें यह समझाते हैं कि भाग्य की भूमिका भी विशेष होती है और कभी-कभी सिर्फ एक लॉटरी टिकट ही व्यक्ति के जीवन को नया मोड़ दे सकता है।

यह घटना इस बात को पुनः स्पष्ट करती है कि यदि किस्मत साथ दे तो व्यक्ति सचमुच खस्ता खाने की जगह करोड़पति बन सकता है। यह कहानी जीवन के उन अजीबो-गरीब और अप्रत्याशित क्षणों का जिक्र करती है जो अक्सर हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं।

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