धनवर्षा से अमीर बनने की कहानी
अमीर बनने की चाहत दुनिया भर में लोगों को प्रेरित करती है। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि की कामना करता है। परंतु, वास्तविकता यह है कि बहुत ही कम लोग इन ख्वाबों को जमीनी हकीकत बना पाते हैं। अमीरी का सपना पूर्ण करने के लिए व्यक्ति या तो जन्म से ही सम्पन्न हो, या अत्यधिक मेहनत और धैर्य के साथ एक विशाल कारोबार खड़ा करे, अथवा किस्मत के करिश्मे से लॉटरी जैसी अनदेखी खुशियों का लाभ पाये।
लॉटरी की सफलता पूरी तरह से किस्मत के भरोसे होती है। जिनका भाग्य द्वार खुल जाता है, वे रातों-रात सौभाग्यशाली बन जाते हैं। ऐसी ही एक कहानी इंग्लैंड के मिकी कैरल की है, जिनकी किस्मत ने उन्हें करोड़पति बना दिया। मिकी ने ऐसी लॉटरी जीती, जिसमें 1 या 2 नहीं बल्कि पूरे 100 करोड़ रुपये का इनाम था।
बेतहाशा खर्च और बर्बादी
एक मूर्ख से भी पैसा संभालकर रखना मुश्किल हो सकता है। मिकी कैरल इस तथ्य का प्रमाण थे। मिकी कैरल ने अपनी लॉटरी जीत के तुरंत बाद दिशा-भ्रमित रूप से अपना धन लुटाना शुरू कर दिया। नशे की लत, महंगी यात्रा और भोग विलास ने उन्हें अपने पैसे से दूर कर दिया। मात्र 19 वर्ष की उम्र में करोड़पति बन चुके मिकी ने लॉटरी की जीत से बहुत से नशे की मद में डूबकर अपनी जिंदगी से हाथ धो डाला।
वे अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों में बेफिक्री के साथ पार्टियां मनाने लगे, महंगी गाड़ियाँ और जेवर खरीदे, और अपनी पत्नी को धोखे में रखकर अन्य महिलाओं के साथ अय्याशी में लिप्त हो गए। उनके अनचाहे और गैर जिम्मेदाराना फैसले उन्हें तेजी से नीचे गिराते रहे।
पत्थरों से टकरा कर बर्बादी की राह
साल 2013 तक हालात ऐसे हो चुके थे कि मिकी कैरल पूरी तरह से बर्बाद हो चुके थे। उनके पास न तो घर बचा था और न ही कोई आमदनी का स्रोत। उनके जीवन में केवल असंतोष और निराशा बाकी रह गई थी। हालांकि, मिकी का कहना है कि उन्हें अपनी जिंदगी के इस दौर का कोई अफसोस नहीं है। वह इसे अपने सबसे मजेदार समय के रूप में याद करते हैं।
नए जीवन की शुरुआत
वर्तमान में 39 वर्ष के मिकी कैरल अपनी पिछली गलतियों से सीख कर एक नई शुरुआत कर चुके हैं। 2019 में उन्होंने स्कॉटलैंड में अपने कदम जमाने का विचार किया और तब से वे कोयला डिलीवरी के काम में जुट गए हैं।
मिकी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, लेकिन यदि व्यक्ति अपनी गलती से सीख लेकर पुन: सही रास्ते पर बढ़ता है, तो नै तो उसे सफलता से रोका जा सकता है और न ही किसी नई शुरुआत से।
जबकि मिकी कैरल ने अपनी विलासिता के दौरान बहुत कुछ खो दिया, उनके लिए यह समय अब नई जिम्मेदारियों को अपनाने और मानसिक रूप से सशक्त बनने का है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि धन के साथ-साथ संयम और जीवन के प्रति जिम्मेदारी भी आवश्यक होती है।