kerala-logo

विधायक समेत 100 से ज्यादा मराठी भाषी कर्नाटक में गिरफ्तार भड़के एकनाथ; बोले-जनता सिखाएगी सबक


Karnataka News: विधायक, मेयर समेत 100 से ज्यादा मराठी भाषी लोगों को गिरफ्तार करने को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कर्नाटक सरकार पर हमला बोला. शिंदे ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के लोग सिद्धारमैया सरकार को सबक सिखाएंगे. पुलिस ने बेलगावी में प्रदर्शन कर रहे महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. 
निशाना साधते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों ने एक सम्मेलन आयोजित किया था. इस देश में कोई भी कहीं भी रह सकता है, कहीं भी जा सकता है और सम्मेलन आयोजित कर सकता है, लेकिन कर्नाटक सरकार ने दमन चक्र चलाया और विधायक, मेयर और मराठी एकीकरण समिति के 100 से ज्यादा मराठी भाषी भाइयों और बहनों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने सम्मेलन का आयोजन किया था.’
एकनाथ शिंदे ने किया करारा प्रहार
डिप्टी सीएम ने कहा, ‘मैं इसकी निंदा करता हूं… देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सावरकर का सम्मान किया जाना चाहिए. मैं उन लोगों की निंदा करता हूं जो उनकी मूर्ति हटाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा रुख स्पष्ट है, महाराष्ट्र और कर्नाटक की जनता सिद्धारमैया सरकार को सबक सिखाएगी जो इस तरह के दमन का सहारा ले रही है.
दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समिति विरोध कर रही है. इसके लिए उन्होंने बेलगावी में एक सम्मेलन का आयोजन किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र नेताओं पर राज्य में प्रवेश को लेकर बैन लगा दिया.
समिति ने भी बोला हमला
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
निशाना साधते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों ने एक सम्मेलन आयोजित किया था. इस देश में कोई भी कहीं भी रह सकता है, कहीं भी जा सकता है और सम्मेलन आयोजित कर सकता है, लेकिन कर्नाटक सरकार ने दमन चक्र चलाया और विधायक, मेयर और मराठी एकीकरण समिति के 100 से ज्यादा मराठी भाषी भाइयों और बहनों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने सम्मेलन का आयोजन किया था.’
एकनाथ शिंदे ने किया करारा प्रहार
डिप्टी सीएम ने कहा, ‘मैं इसकी निंदा करता हूं… देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सावरकर का सम्मान किया जाना चाहिए. मैं उन लोगों की निंदा करता हूं जो उनकी मूर्ति हटाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा रुख स्पष्ट है, महाराष्ट्र और कर्नाटक की जनता सिद्धारमैया सरकार को सबक सिखाएगी जो इस तरह के दमन का सहारा ले रही है.
दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समिति विरोध कर रही है. इसके लिए उन्होंने बेलगावी में एक सम्मेलन का आयोजन किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र नेताओं पर राज्य में प्रवेश को लेकर बैन लगा दिया.
समिति ने भी बोला हमला
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
एकनाथ शिंदे ने किया करारा प्रहार
डिप्टी सीएम ने कहा, ‘मैं इसकी निंदा करता हूं… देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सावरकर का सम्मान किया जाना चाहिए. मैं उन लोगों की निंदा करता हूं जो उनकी मूर्ति हटाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा रुख स्पष्ट है, महाराष्ट्र और कर्नाटक की जनता सिद्धारमैया सरकार को सबक सिखाएगी जो इस तरह के दमन का सहारा ले रही है.
दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समिति विरोध कर रही है. इसके लिए उन्होंने बेलगावी में एक सम्मेलन का आयोजन किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र नेताओं पर राज्य में प्रवेश को लेकर बैन लगा दिया.
समिति ने भी बोला हमला
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
डिप्टी सीएम ने कहा, ‘मैं इसकी निंदा करता हूं… देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सावरकर का सम्मान किया जाना चाहिए. मैं उन लोगों की निंदा करता हूं जो उनकी मूर्ति हटाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा रुख स्पष्ट है, महाराष्ट्र और कर्नाटक की जनता सिद्धारमैया सरकार को सबक सिखाएगी जो इस तरह के दमन का सहारा ले रही है.
दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समिति विरोध कर रही है. इसके लिए उन्होंने बेलगावी में एक सम्मेलन का आयोजन किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र नेताओं पर राज्य में प्रवेश को लेकर बैन लगा दिया.
समिति ने भी बोला हमला
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समिति विरोध कर रही है. इसके लिए उन्होंने बेलगावी में एक सम्मेलन का आयोजन किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र नेताओं पर राज्य में प्रवेश को लेकर बैन लगा दिया.
समिति ने भी बोला हमला
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
समिति ने भी बोला हमला
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
हालांकि मराठी एकीकरण समिति ने एक्स पर लिखा, ‘हम सरकार के अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.’ एक अन्य पोस्ट में मराठी एकीकरण समीति ने पूछा कि क्या मराठी भाई-बहनों के साथ महाराष्ट्र सरकार खड़ी होगी. 
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खत लिखा है और उनसे कहा है कि वह इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें. 
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
‘मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है’
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
आदित्य ने कहा, ‘बेलगावी में मराठी भाषी लोगों को दबाया जा रहा है. कर्नाटक सरकार ने सिर्फ कॉन्फ्रेंस की इजाजत देने से ही इनकार नहीं किया बल्कि उस जगह बेलगाम में कर्फ्यू भी लगा दिया. सीमाओं को बंद किया जा रहा है. मराठी भाषी लोगों के साथ इस अन्याय का हम विरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने वादा किया था कि वह इस विवादित इलाके में रहने वाले मराठी लोगों को अतिरिक्त धनराशि देंगे. उस वादे का क्या हुआ?
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.
वहीं शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि कर्नाटक के बेलगाम, निपानी में रहने वाले मराठी भाइयों को सुरक्षा दी जाए और लोकतंत्र में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, वे उन्हें मिलने चाहिए. दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए अगर मराठी भाई-बहनों के साथ अन्याय हो रहा है, तो केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए.

Kerala Lottery Result
Tops