हरियाणा के यमुनानगर में अरण्य संघ राम बौद्धविहार में कल्याणमित्र भवन का उद्घाटन किया गया. ये भारत की पहली फॉरेस्ट मॉनेस्ट्री है, जो 28 एकड़ में फैली है इस फॉरेस्ट मॉनेस्ट्री में विदेशों से भी बौद्ध भिक्षु भी आ कर तपस्या कर सकेंगे. साथ ही खास बात ये भी है कि यहां रहने वाले बौद्ध भिक्षु रोज सुबह 8 बजे पास के गांव में जाकर भिक्षा मांगते हैं और भिक्षा में मिले अनाज को बना कर खाते हैं. आने वाले दिनों में इस फॉरेस्ट मिनिस्ट्री में कई कुटिया बनाई जाएगी, जहां भिक्षु और साधु संत आकर तपस्या कर सकेंगे.
2016 में हुई थी इस आश्रम की शुरुआत
दरअसल, इस आश्रम की शुरुआत 2016 में हुई थी. इसकी स्थापना करने के लिए सबसे पहले अन्यवरण ट्रस्ट नाम की एक संस्था बनाई गई, जिसके बाद ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने भारत में बौद्ध धर्म के विस्तार के लिए थाईलैंड में आचार्य केवली से बात की. आचार्य से अनुमति मिलने के बाद अनीश गोयल और उनकी टीम ने हरियाणा के यमुनानगर में जमीन की तलाश शुरू की. जमीन मिलने के बाद साल 2017 में फॉरेस्ट मॉनेस्ट्री के निर्माण का काम शुरू किया गया. 9 सितंबर को इस मॉनेस्ट्री का उद्घाटन कर अन्यवरण ट्रस्ट ने इसे बौद्ध भिक्षुओं को दान कर दी.
भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की मिलेगी प्रेरणा
इससे जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोगों को भगवान बुद्ध के बताए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलेगी. यहां से लोगों को सच्चे रास्ते पर चलने, आपसी भाईचारा बनाए रखने और सद्भावना का विकाश करने जैसे मूलमंत्रों पर चलने की शिक्षा दी जाएगी.
2016 में हुई थी इस आश्रम की शुरुआत
दरअसल, इस आश्रम की शुरुआत 2016 में हुई थी. इसकी स्थापना करने के लिए सबसे पहले अन्यवरण ट्रस्ट नाम की एक संस्था बनाई गई, जिसके बाद ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने भारत में बौद्ध धर्म के विस्तार के लिए थाईलैंड में आचार्य केवली से बात की. आचार्य से अनुमति मिलने के बाद अनीश गोयल और उनकी टीम ने हरियाणा के यमुनानगर में जमीन की तलाश शुरू की. जमीन मिलने के बाद साल 2017 में फॉरेस्ट मॉनेस्ट्री के निर्माण का काम शुरू किया गया. 9 सितंबर को इस मॉनेस्ट्री का उद्घाटन कर अन्यवरण ट्रस्ट ने इसे बौद्ध भिक्षुओं को दान कर दी.
भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की मिलेगी प्रेरणा
इससे जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोगों को भगवान बुद्ध के बताए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलेगी. यहां से लोगों को सच्चे रास्ते पर चलने, आपसी भाईचारा बनाए रखने और सद्भावना का विकाश करने जैसे मूलमंत्रों पर चलने की शिक्षा दी जाएगी.
दरअसल, इस आश्रम की शुरुआत 2016 में हुई थी. इसकी स्थापना करने के लिए सबसे पहले अन्यवरण ट्रस्ट नाम की एक संस्था बनाई गई, जिसके बाद ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने भारत में बौद्ध धर्म के विस्तार के लिए थाईलैंड में आचार्य केवली से बात की. आचार्य से अनुमति मिलने के बाद अनीश गोयल और उनकी टीम ने हरियाणा के यमुनानगर में जमीन की तलाश शुरू की. जमीन मिलने के बाद साल 2017 में फॉरेस्ट मॉनेस्ट्री के निर्माण का काम शुरू किया गया. 9 सितंबर को इस मॉनेस्ट्री का उद्घाटन कर अन्यवरण ट्रस्ट ने इसे बौद्ध भिक्षुओं को दान कर दी.
भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की मिलेगी प्रेरणा
इससे जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोगों को भगवान बुद्ध के बताए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलेगी. यहां से लोगों को सच्चे रास्ते पर चलने, आपसी भाईचारा बनाए रखने और सद्भावना का विकाश करने जैसे मूलमंत्रों पर चलने की शिक्षा दी जाएगी.
भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की मिलेगी प्रेरणा
इससे जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोगों को भगवान बुद्ध के बताए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलेगी. यहां से लोगों को सच्चे रास्ते पर चलने, आपसी भाईचारा बनाए रखने और सद्भावना का विकाश करने जैसे मूलमंत्रों पर चलने की शिक्षा दी जाएगी.
इससे जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोगों को भगवान बुद्ध के बताए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलेगी. यहां से लोगों को सच्चे रास्ते पर चलने, आपसी भाईचारा बनाए रखने और सद्भावना का विकाश करने जैसे मूलमंत्रों पर चलने की शिक्षा दी जाएगी.