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Qatar Emir India Visit: कौन हैं ये अरबी नेता जिनके लिए पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पहुंच गए एयरपोर्ट? बोले- मेरा भाई आया है


Qatar Emir Sheikh Tamim bin Hamad Al Thani India Visit: पीएम मोदी को यूं ही कूटनीति का उस्ताद नहीं कहा जाता है. गैरों को भी मित्र बना लेना उनकी एक ऐसी कला है, जो हर किसी को उनका मुरीद बना लेती है. ऐसा ही नजारा आज शाम इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर दिखा, जब कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी अपने 2 दिवसीय भारत दौरे पर प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे. उनके स्वागत के लिए खुद पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर वहां मौजूद थे. कतर के अमीर को एयरपोर्ट पर रेड कारपेट वेलकम देकर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया. 
पीएम ने कतर के अमीर को लगा लिया गले
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया. अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया. इस दौरान दोनों खिलखिलाकर बात करते हुए दिखाई दिए. दोनों की बॉन्डिंग देखकर अमीर के साथ आए प्रतिनिधिनमंडल के सदस्य हैरान थे. इस दौरान पीएम ने एयरपोर्ट पर मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर का परिचय करवाया तो अमीर ने उनकी प्रशंसा में कुछ कहा, जिस पर जयशंकर ने दिल पर हाथ रखकर उन्हें शुक्रिया कहा. 

मंगलवार को हैदराबाद हाउस में होगी बैठक
पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी अमीर को दिखाई, जिसे देखकर वे बहुत खुश हुए. इसके बाद अमीर को आराम करने के लिए होटल रवाना कर दिया गया. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. शाम को राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में रात्रिभोज दिया जाएगा. इस दौरान उनकी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात होगी. 
कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी? 
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
पीएम ने कतर के अमीर को लगा लिया गले
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया. अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया. इस दौरान दोनों खिलखिलाकर बात करते हुए दिखाई दिए. दोनों की बॉन्डिंग देखकर अमीर के साथ आए प्रतिनिधिनमंडल के सदस्य हैरान थे. इस दौरान पीएम ने एयरपोर्ट पर मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर का परिचय करवाया तो अमीर ने उनकी प्रशंसा में कुछ कहा, जिस पर जयशंकर ने दिल पर हाथ रखकर उन्हें शुक्रिया कहा. 

मंगलवार को हैदराबाद हाउस में होगी बैठक
पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी अमीर को दिखाई, जिसे देखकर वे बहुत खुश हुए. इसके बाद अमीर को आराम करने के लिए होटल रवाना कर दिया गया. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. शाम को राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में रात्रिभोज दिया जाएगा. इस दौरान उनकी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात होगी. 
कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी? 
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया. अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया. इस दौरान दोनों खिलखिलाकर बात करते हुए दिखाई दिए. दोनों की बॉन्डिंग देखकर अमीर के साथ आए प्रतिनिधिनमंडल के सदस्य हैरान थे. इस दौरान पीएम ने एयरपोर्ट पर मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर का परिचय करवाया तो अमीर ने उनकी प्रशंसा में कुछ कहा, जिस पर जयशंकर ने दिल पर हाथ रखकर उन्हें शुक्रिया कहा. 

मंगलवार को हैदराबाद हाउस में होगी बैठक
पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी अमीर को दिखाई, जिसे देखकर वे बहुत खुश हुए. इसके बाद अमीर को आराम करने के लिए होटल रवाना कर दिया गया. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. शाम को राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में रात्रिभोज दिया जाएगा. इस दौरान उनकी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात होगी. 
कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी? 
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
मंगलवार को हैदराबाद हाउस में होगी बैठक
पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी अमीर को दिखाई, जिसे देखकर वे बहुत खुश हुए. इसके बाद अमीर को आराम करने के लिए होटल रवाना कर दिया गया. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. शाम को राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में रात्रिभोज दिया जाएगा. इस दौरान उनकी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात होगी. 
कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी? 
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी अमीर को दिखाई, जिसे देखकर वे बहुत खुश हुए. इसके बाद अमीर को आराम करने के लिए होटल रवाना कर दिया गया. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. शाम को राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में रात्रिभोज दिया जाएगा. इस दौरान उनकी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात होगी. 
कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी? 
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी? 
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (44) कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं. वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं. उनके पास  करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं. वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. उन्होंने 3 निकाह किए, जिससे उनकी 13 संतानें हैं. वे ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले वे कतर की सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ पद पर रहे. 
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
खेलों में है गहरी रूचि
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
खेलों में उनकी गहरी रूचि रही है. वे कतर की राजधानी दोहा में 2006 में सफलतापूर्वक एशियन गेम्स का आयोजन करवा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2022 का फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में करवाया. उनका पड़ोस के सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी के बाकी देशों से खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. लेकिन वे झुके नहीं और तुर्की, ईरान, कुवैत व ओमान जैसे दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने पर जुट गया. आखिरकार सऊदी अरब को झुकना पड़ा और उसने कतर के खिलाफ नाकाबंदी खत्म कर दी. 
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
कतरी अमीर के लिए क्यों दिखाया बड़ा दिल?
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
कतर भारत के लिए बेहद अहम देश है. वहां की कुल 30 लाख की आबादी में करीब 10 लाख भारतीय हैं, जो वहां अलग-अलग काम धंधों में लगे हुए हैं. वे हर साल अपनी कमाई के लाखों डॉलर भारत भेजते हैं, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है. भारत को मिलने वाली एलएनजी और गैस का कतर सबसे बड़ा निर्यातक है. जिससे करोड़ों भारतीयों के गैस के चूल्हे जलते हैं. 
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.
इन बातों के अलावा पिछले साल कतर ने अपनी जेल में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. उन्हें इस्राइल को सीक्रेट इंफोर्मेशन लीक करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में चली कूटनीति के बाद आखिरकार अमीर मीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने आठों पूर्व नौसैनिकों को क्षमादान देकर भारत भेज दिया था. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एक तरह से कतर के अमीर का आभार जताया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की के लिए बड़े दरवाजे खोलने जा रही है.

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