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‘मुगलों का इतिहास मिटाना चाहते हैं लेकिन…’ औरंगजेब विवाद पर फारूक अब्दुल्ला की एंट्री


Farooq Abdullah On Aurangzeb: मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर छिड़ा राजनीतिक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. महाराष्ट्र से शुरू हुई ये सियासत अब जम्मू-कश्मी पहुंच गई है. इस बहस में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला भी कूद पड़े हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार पर इतिहास मिटाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, ‘वे मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है. मुगल सैकड़ों सालों तक भारत में रहे और यहीं दफन हुए हैं.’ साथ ही उन्होंने मुजफ्फरनगर का नाम बदलने के सवाल पर भी जवाब  दिया. पूर्व सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘इतिहास नहीं बदला जा सकता. वे मुगलों के इतिहास को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे.’

औरंगजेब की तारीफ से शुरू हुआ विवाद
 महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी (SP) विधायक अबू आज़मी ने हाल ही में औरंगजेब की तारीफ की थी और उसे एक अच्छा शासक बताया.  उन्होंने कहा था कि औरंगजेब के शासन में भारत उन्नति कर रहा था. उनके इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया. हालांकि, बीजेपी नेताओं के लगातार विरोध के बाद सपा विधायको को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सेशन से निलंबित कर दिया गया.
सपा ने दी थी सफाई
हालांकि,  अबू आजमी ने मंगलवार (4 मार्च) को विवाद बढ़ने के बाद सफाई दी थी. उन्होंने  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट में कहा था कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. सपा नेता नेता कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका जिक्र इतिहासकारों और लेखकों ने किया है. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी हस्ती के खिलाफ कोई अपमानजनक लफ्जों का इस्तेमाल  नहीं की है. फिर भी, अगर अलफाज से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने लफ्ज और टिप्पणियां वापस लेता हूं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार पर इतिहास मिटाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, ‘वे मुगलों के इतिहास को मिटाना चाहते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है. मुगल सैकड़ों सालों तक भारत में रहे और यहीं दफन हुए हैं.’ साथ ही उन्होंने मुजफ्फरनगर का नाम बदलने के सवाल पर भी जवाब  दिया. पूर्व सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘इतिहास नहीं बदला जा सकता. वे मुगलों के इतिहास को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे.’

औरंगजेब की तारीफ से शुरू हुआ विवाद
 महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी (SP) विधायक अबू आज़मी ने हाल ही में औरंगजेब की तारीफ की थी और उसे एक अच्छा शासक बताया.  उन्होंने कहा था कि औरंगजेब के शासन में भारत उन्नति कर रहा था. उनके इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया. हालांकि, बीजेपी नेताओं के लगातार विरोध के बाद सपा विधायको को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सेशन से निलंबित कर दिया गया.
सपा ने दी थी सफाई
हालांकि,  अबू आजमी ने मंगलवार (4 मार्च) को विवाद बढ़ने के बाद सफाई दी थी. उन्होंने  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट में कहा था कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. सपा नेता नेता कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका जिक्र इतिहासकारों और लेखकों ने किया है. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी हस्ती के खिलाफ कोई अपमानजनक लफ्जों का इस्तेमाल  नहीं की है. फिर भी, अगर अलफाज से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने लफ्ज और टिप्पणियां वापस लेता हूं.
औरंगजेब की तारीफ से शुरू हुआ विवाद
 महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी (SP) विधायक अबू आज़मी ने हाल ही में औरंगजेब की तारीफ की थी और उसे एक अच्छा शासक बताया.  उन्होंने कहा था कि औरंगजेब के शासन में भारत उन्नति कर रहा था. उनके इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया. हालांकि, बीजेपी नेताओं के लगातार विरोध के बाद सपा विधायको को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सेशन से निलंबित कर दिया गया.
सपा ने दी थी सफाई
हालांकि,  अबू आजमी ने मंगलवार (4 मार्च) को विवाद बढ़ने के बाद सफाई दी थी. उन्होंने  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट में कहा था कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. सपा नेता नेता कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका जिक्र इतिहासकारों और लेखकों ने किया है. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी हस्ती के खिलाफ कोई अपमानजनक लफ्जों का इस्तेमाल  नहीं की है. फिर भी, अगर अलफाज से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने लफ्ज और टिप्पणियां वापस लेता हूं.
सपा ने दी थी सफाई
हालांकि,  अबू आजमी ने मंगलवार (4 मार्च) को विवाद बढ़ने के बाद सफाई दी थी. उन्होंने  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट में कहा था कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. सपा नेता नेता कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका जिक्र इतिहासकारों और लेखकों ने किया है. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी हस्ती के खिलाफ कोई अपमानजनक लफ्जों का इस्तेमाल  नहीं की है. फिर भी, अगर अलफाज से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने लफ्ज और टिप्पणियां वापस लेता हूं.

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