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T-72 टैंकों के लिए रूस से भारत ने कर ली ऐसी डील सुनकर कांप जाएंगे दुश्मन


India Russia defence: भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक (MBT) T-72 अब और ज्यादा ताकतवर बनने जा रहे हैं. रक्षा मंत्रालय ने रूस की कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ 248 मिलियन डॉलर (करीब 2,156 करोड़ रुपये) का समझौता किया है. इस डील के तहत भारतीय सेना के मौजूदा T-72 टैंकों में 1000 हॉर्सपावर (HP) के नए इंजन लगाए जाएंगे. जिससे इनकी गति और मारक क्षमता में भारी इजाफा होगा. फिलहाल, इन टैंकों में 780 HP के इंजन लगे हैं.
रूस से तकनीक हस्तांतरण भी होगा
इस सौदे के तहत रूस से चेन्नई के आवडी स्थित सरकारी बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (पूर्व में भारी वाहन कारखाना) को तकनीक हस्तांतरित की जाएगी. इसके जरिए इंजन को भारतीय स्तर पर इंटीग्रेट और लाइसेंस प्राप्त उत्पादन किया जाएगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी मजबूती मिलेगी.
भारतीय सेना को मिलेगा बढ़त का फायदा
T-72 टैंक भारतीय सेना के बख्तरबंद बेड़े की रीढ़ माने जाते हैं. नए इंजन लगने से सेना की गतिशीलता और आक्रामक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी. यह डील ऐसे समय पर हुई है जब सरकार ने हाल ही में T-72 और T-90 टैंकों के आधुनिकीकरण को मंजूरी दी थी.
एशिया और अफ्रीका में होगा निर्यात
भारत वर्तमान में 2,400 से अधिक T-72 और 1,200 T-90 टैंकों का संचालन करता है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार T-72 टैंकों का एशिया और अफ्रीकी बाजारों में निर्यात करने की योजना बना रही है, लेकिन निर्यात से पहले इन्हें अपग्रेड किया जाएगा.
रूस से तकनीक हस्तांतरण भी होगा
इस सौदे के तहत रूस से चेन्नई के आवडी स्थित सरकारी बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (पूर्व में भारी वाहन कारखाना) को तकनीक हस्तांतरित की जाएगी. इसके जरिए इंजन को भारतीय स्तर पर इंटीग्रेट और लाइसेंस प्राप्त उत्पादन किया जाएगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी मजबूती मिलेगी.
भारतीय सेना को मिलेगा बढ़त का फायदा
T-72 टैंक भारतीय सेना के बख्तरबंद बेड़े की रीढ़ माने जाते हैं. नए इंजन लगने से सेना की गतिशीलता और आक्रामक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी. यह डील ऐसे समय पर हुई है जब सरकार ने हाल ही में T-72 और T-90 टैंकों के आधुनिकीकरण को मंजूरी दी थी.
एशिया और अफ्रीका में होगा निर्यात
भारत वर्तमान में 2,400 से अधिक T-72 और 1,200 T-90 टैंकों का संचालन करता है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार T-72 टैंकों का एशिया और अफ्रीकी बाजारों में निर्यात करने की योजना बना रही है, लेकिन निर्यात से पहले इन्हें अपग्रेड किया जाएगा.
भारतीय सेना को मिलेगा बढ़त का फायदा
T-72 टैंक भारतीय सेना के बख्तरबंद बेड़े की रीढ़ माने जाते हैं. नए इंजन लगने से सेना की गतिशीलता और आक्रामक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी. यह डील ऐसे समय पर हुई है जब सरकार ने हाल ही में T-72 और T-90 टैंकों के आधुनिकीकरण को मंजूरी दी थी.
एशिया और अफ्रीका में होगा निर्यात
भारत वर्तमान में 2,400 से अधिक T-72 और 1,200 T-90 टैंकों का संचालन करता है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार T-72 टैंकों का एशिया और अफ्रीकी बाजारों में निर्यात करने की योजना बना रही है, लेकिन निर्यात से पहले इन्हें अपग्रेड किया जाएगा.
एशिया और अफ्रीका में होगा निर्यात
भारत वर्तमान में 2,400 से अधिक T-72 और 1,200 T-90 टैंकों का संचालन करता है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार T-72 टैंकों का एशिया और अफ्रीकी बाजारों में निर्यात करने की योजना बना रही है, लेकिन निर्यात से पहले इन्हें अपग्रेड किया जाएगा.

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