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मुगलों ने होली को कैसे बना दिया मुबारक शुभ होली की जगह लोग क्यों बोलने लगे होली मुबारक


Holi Mubarak vs Shubh Holi: संभल में होली को शांतिपूर्ण कराने का प्रण संभल के सिंघम ने उठाया है. इस बीच होली के मौके पर एक और बहस छिड़ गई है. आपने कई बार सुना होगा या शायद होली पर किसी से मिलते हुए होली मुबारक कहा भी होगा. इसी होली मुबारक पर अब सवाल उठा है. कहा जा रहा है होली मुबारक नहीं, बल्कि शुभ होली कहा जाना चाहिए. भाषा की बाध्यता नहीं हो सकती, लेकिन सवाल उठाने वालों का कहना है कि क्या आपने कभी ईद की हार्दिक शुभकामनाएं कहते हुए किसी को सुना है. सुना है कि रमजान शुभ हो.
होली मुबारक की शुरुआत कैसे हुई?
इस सवाल का जवाब इतिहास में मिलता है. रेफेरेंस मिलता है मुगल काल में. इसका एपिसेंटर हैं वो औरंगजेब और अकबर, जिनपर आजकल बहस जारी है. हमारे देश में एक नैरेटिव है कि मुगलों ने भारत को अपनाया. मुगलों ने होली को भी अपनाया, लेकिन मुगल बादशाह शाहजहां के दरबार में होली तो खेली जाती थी, लेकिन उसका नाम होली नहीं, बल्कि ईद ए गुलाबी था. जिस मुगल बादशाह अकबर को महान कहा जाता है, उसके दौर में भी होली को ईद ए गुलाबी कहा जाता था. तुज़ुक ए जहांगीरी में खुद जहांगीर ने लिखा है कि उसके दरबार में होली का जश्न होता था, जिसे महफिल ए होली कहा जाता था. कुछ मुगल बादशाहों ने होली को आब-ए-पाशी का नाम दिया और क्रूर औरंगजेब ने तो मुगल दरबार में होली खेलने पर ही प्रतिबंध लगा दिया था.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान का वो धाम, जहां से हुई थी होली की शुरुआत… आज वो सनातनी धाम कैसे है बेरंग

मुगलों ने ने होली का नाम क्यों बदला?
कैसे सनातन त्योहारों के नाम बदले गए ये कोई नहीं बताता, लेकिन मुगलों ने भारत को अपनाया और जाने क्या-क्या दिया. ये सब बताया जाता है. क्या कभी पूछा जाता है कि क्यों? पूछा नहीं गया, लेकिन पूछा जाना चाहिए. आखिर मुगलों को होली पसंद थी तो उन्होंने होली का नाम क्यों बदला. क्या भारत को कब्जाने के बाद मुगलों का मकसद भारतीय संस्कृति से जुड़े पहलों को भी कब्जाना था. क्या मुगल हिंदुओं की पहचान को मिटाना चाहते थे?
होली मुबारक की शुरुआत कैसे हुई?
इस सवाल का जवाब इतिहास में मिलता है. रेफेरेंस मिलता है मुगल काल में. इसका एपिसेंटर हैं वो औरंगजेब और अकबर, जिनपर आजकल बहस जारी है. हमारे देश में एक नैरेटिव है कि मुगलों ने भारत को अपनाया. मुगलों ने होली को भी अपनाया, लेकिन मुगल बादशाह शाहजहां के दरबार में होली तो खेली जाती थी, लेकिन उसका नाम होली नहीं, बल्कि ईद ए गुलाबी था. जिस मुगल बादशाह अकबर को महान कहा जाता है, उसके दौर में भी होली को ईद ए गुलाबी कहा जाता था. तुज़ुक ए जहांगीरी में खुद जहांगीर ने लिखा है कि उसके दरबार में होली का जश्न होता था, जिसे महफिल ए होली कहा जाता था. कुछ मुगल बादशाहों ने होली को आब-ए-पाशी का नाम दिया और क्रूर औरंगजेब ने तो मुगल दरबार में होली खेलने पर ही प्रतिबंध लगा दिया था.
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मुगलों ने ने होली का नाम क्यों बदला?
कैसे सनातन त्योहारों के नाम बदले गए ये कोई नहीं बताता, लेकिन मुगलों ने भारत को अपनाया और जाने क्या-क्या दिया. ये सब बताया जाता है. क्या कभी पूछा जाता है कि क्यों? पूछा नहीं गया, लेकिन पूछा जाना चाहिए. आखिर मुगलों को होली पसंद थी तो उन्होंने होली का नाम क्यों बदला. क्या भारत को कब्जाने के बाद मुगलों का मकसद भारतीय संस्कृति से जुड़े पहलों को भी कब्जाना था. क्या मुगल हिंदुओं की पहचान को मिटाना चाहते थे?
इस सवाल का जवाब इतिहास में मिलता है. रेफेरेंस मिलता है मुगल काल में. इसका एपिसेंटर हैं वो औरंगजेब और अकबर, जिनपर आजकल बहस जारी है. हमारे देश में एक नैरेटिव है कि मुगलों ने भारत को अपनाया. मुगलों ने होली को भी अपनाया, लेकिन मुगल बादशाह शाहजहां के दरबार में होली तो खेली जाती थी, लेकिन उसका नाम होली नहीं, बल्कि ईद ए गुलाबी था. जिस मुगल बादशाह अकबर को महान कहा जाता है, उसके दौर में भी होली को ईद ए गुलाबी कहा जाता था. तुज़ुक ए जहांगीरी में खुद जहांगीर ने लिखा है कि उसके दरबार में होली का जश्न होता था, जिसे महफिल ए होली कहा जाता था. कुछ मुगल बादशाहों ने होली को आब-ए-पाशी का नाम दिया और क्रूर औरंगजेब ने तो मुगल दरबार में होली खेलने पर ही प्रतिबंध लगा दिया था.
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मुगलों ने ने होली का नाम क्यों बदला?
कैसे सनातन त्योहारों के नाम बदले गए ये कोई नहीं बताता, लेकिन मुगलों ने भारत को अपनाया और जाने क्या-क्या दिया. ये सब बताया जाता है. क्या कभी पूछा जाता है कि क्यों? पूछा नहीं गया, लेकिन पूछा जाना चाहिए. आखिर मुगलों को होली पसंद थी तो उन्होंने होली का नाम क्यों बदला. क्या भारत को कब्जाने के बाद मुगलों का मकसद भारतीय संस्कृति से जुड़े पहलों को भी कब्जाना था. क्या मुगल हिंदुओं की पहचान को मिटाना चाहते थे?
मुगलों ने ने होली का नाम क्यों बदला?
कैसे सनातन त्योहारों के नाम बदले गए ये कोई नहीं बताता, लेकिन मुगलों ने भारत को अपनाया और जाने क्या-क्या दिया. ये सब बताया जाता है. क्या कभी पूछा जाता है कि क्यों? पूछा नहीं गया, लेकिन पूछा जाना चाहिए. आखिर मुगलों को होली पसंद थी तो उन्होंने होली का नाम क्यों बदला. क्या भारत को कब्जाने के बाद मुगलों का मकसद भारतीय संस्कृति से जुड़े पहलों को भी कब्जाना था. क्या मुगल हिंदुओं की पहचान को मिटाना चाहते थे?
कैसे सनातन त्योहारों के नाम बदले गए ये कोई नहीं बताता, लेकिन मुगलों ने भारत को अपनाया और जाने क्या-क्या दिया. ये सब बताया जाता है. क्या कभी पूछा जाता है कि क्यों? पूछा नहीं गया, लेकिन पूछा जाना चाहिए. आखिर मुगलों को होली पसंद थी तो उन्होंने होली का नाम क्यों बदला. क्या भारत को कब्जाने के बाद मुगलों का मकसद भारतीय संस्कृति से जुड़े पहलों को भी कब्जाना था. क्या मुगल हिंदुओं की पहचान को मिटाना चाहते थे?

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