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PM Modi Podcast: मैं पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं… पॉडकास्ट में PM मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या कहा?


Narendra Modi podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र ने एआई शोधकर्ता और पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में कई मुद्दों पर खुलकर बात की. पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ अपने इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की और संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति को एकमात्र व्यवहार्य मार्ग के रूप में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सैन्य जीत से स्थायी समाधान नहीं निकलेगा और उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) दोनों से सीधी बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया.
मैं पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं. मैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है. और मैं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से भी मित्रवत तरीके से कह सकता हूं कि दुनिया में चाहे कितने भी लोग आपके साथ क्यों न खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा.’ पीएम मोदी की यह टिप्पणी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता हेतु चल रहे वैश्विक प्रयासों के बीच आई है.
बातचीत ही शांति का एकमात्र मार्ग…
प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धरत देशों के बीच सीधी बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया और केवल सहयोगी देशों के समर्थन पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ अनगिनत चर्चाएं कर सकता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इसके बजाय चर्चाओं में दोनों पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत ही शांति का एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, खास तौर पर ग्लोबल साउथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पीड़ित है. उन्होंने कहा, ‘बहुत पीड़ा हुई है. यहां तक ​​कि ग्लोबल साउथ को भी पीड़ा हुई है. दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति की तलाश में एकजुट होना चाहिए.’
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
मैं पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं. मैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है. और मैं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से भी मित्रवत तरीके से कह सकता हूं कि दुनिया में चाहे कितने भी लोग आपके साथ क्यों न खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा.’ पीएम मोदी की यह टिप्पणी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता हेतु चल रहे वैश्विक प्रयासों के बीच आई है.
बातचीत ही शांति का एकमात्र मार्ग…
प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धरत देशों के बीच सीधी बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया और केवल सहयोगी देशों के समर्थन पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ अनगिनत चर्चाएं कर सकता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इसके बजाय चर्चाओं में दोनों पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत ही शांति का एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, खास तौर पर ग्लोबल साउथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पीड़ित है. उन्होंने कहा, ‘बहुत पीड़ा हुई है. यहां तक ​​कि ग्लोबल साउथ को भी पीड़ा हुई है. दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति की तलाश में एकजुट होना चाहिए.’
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं. मैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है. और मैं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से भी मित्रवत तरीके से कह सकता हूं कि दुनिया में चाहे कितने भी लोग आपके साथ क्यों न खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा.’ पीएम मोदी की यह टिप्पणी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता हेतु चल रहे वैश्विक प्रयासों के बीच आई है.
बातचीत ही शांति का एकमात्र मार्ग…
प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धरत देशों के बीच सीधी बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया और केवल सहयोगी देशों के समर्थन पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ अनगिनत चर्चाएं कर सकता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इसके बजाय चर्चाओं में दोनों पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत ही शांति का एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, खास तौर पर ग्लोबल साउथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पीड़ित है. उन्होंने कहा, ‘बहुत पीड़ा हुई है. यहां तक ​​कि ग्लोबल साउथ को भी पीड़ा हुई है. दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति की तलाश में एकजुट होना चाहिए.’
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
बातचीत ही शांति का एकमात्र मार्ग…
प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धरत देशों के बीच सीधी बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया और केवल सहयोगी देशों के समर्थन पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ अनगिनत चर्चाएं कर सकता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इसके बजाय चर्चाओं में दोनों पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत ही शांति का एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, खास तौर पर ग्लोबल साउथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पीड़ित है. उन्होंने कहा, ‘बहुत पीड़ा हुई है. यहां तक ​​कि ग्लोबल साउथ को भी पीड़ा हुई है. दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति की तलाश में एकजुट होना चाहिए.’
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धरत देशों के बीच सीधी बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया और केवल सहयोगी देशों के समर्थन पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ अनगिनत चर्चाएं कर सकता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इसके बजाय चर्चाओं में दोनों पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत ही शांति का एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, खास तौर पर ग्लोबल साउथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पीड़ित है. उन्होंने कहा, ‘बहुत पीड़ा हुई है. यहां तक ​​कि ग्लोबल साउथ को भी पीड़ा हुई है. दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति की तलाश में एकजुट होना चाहिए.’
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, खास तौर पर ग्लोबल साउथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के कारण पीड़ित है. उन्होंने कहा, ‘बहुत पीड़ा हुई है. यहां तक ​​कि ग्लोबल साउथ को भी पीड़ा हुई है. दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति की तलाश में एकजुट होना चाहिए.’
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
3 साल में रूस-यूक्रेन युद्ध से भारी नुकसान
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अब तक भारी नुकसान हुआ है. युद्ध में लाखों लोगों की जान गई और घायल हुए. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और इस युद्ध ने कई शहरों को मलबे में बदल दिया. इस युद्ध ने मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच दशकों का सबसे तीखा टकराव शुरू कर दिया. अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई, क्योंकि कीव ने कहा कि वह वॉशिंगटन के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तैयार है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस सैद्धांतिक रूप से युद्ध विराम प्रस्ताव का समर्थन करता है, लेकिन जब तक कई महत्वपूर्ण शर्तें तय नहीं हो जातीं या स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक लड़ाई रोकी नहीं जा सकती. पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, हालांकि यूक्रेन को यह घोषणा करनी होगी कि वह नाटो की सदस्यता नहीं मांगेगा और रूस यूक्रेन में अपने दावे वाली सारी जमीन अपने पास रखेगा, जिसमें कुछ ऐसी जमीनें भी शामिल हैं, जिन पर उसका नियंत्रण नहीं है.

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