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हिंदुओं के साथ जो भी बांग्लादेश में हो रहा.. जिम्मेदारी भारत की ये बोलकर RSS ने किस तरफ इशारा कर दिया?


RSS on Bangladesh Hindus: पूरी दुनिया में पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में जो भी हो रहा है उस पर चर्चा जारी है. भारत भी इस पर नजर बनाए हुए है क्योंकि वहां अल्पसंख्यकों  कई अन्याय के मामले सामने आए हैं. इसी कड़ी में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर बड़ा बयान दिया है. बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान आरएसएस के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा भारत की जिम्मेदारी है और इस कर्तव्य से बचा नहीं जा सकता.
भारत पीछे नहीं हट सकता..
असल में अरुण कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को शांति और सम्मान के साथ रहना चाहिए लेकिन अगर कोई मुश्किल स्थिति उत्पन्न होती है तो भारत पीछे नहीं हट सकता. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और बांग्लादेश का इतिहास और सभ्यता समान रही है और 1947 के विभाजन के समय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सहमति बनी थी. हालांकि बांग्लादेश ने इस समझौते का पूरी तरह पालन नहीं किया.
केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं 
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने इसे धार्मिक आधार पर होने वाली हिंसा करार दिया और कहा कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक वहां लंबे समय से उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. उनका कहना था कि इस हिंसा के पीछे कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतों का हाथ भी हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान और अमेरिकी डीप स्टेट की भूमिका पर चर्चा हुई है.
आरएसएस नेता ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का भी प्रयास है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है. हालांकि जब तक सामान्य स्थिति पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती, तब तक प्रयास जारी रखने की जरूरत है.
बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट
भारत पीछे नहीं हट सकता..
असल में अरुण कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को शांति और सम्मान के साथ रहना चाहिए लेकिन अगर कोई मुश्किल स्थिति उत्पन्न होती है तो भारत पीछे नहीं हट सकता. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और बांग्लादेश का इतिहास और सभ्यता समान रही है और 1947 के विभाजन के समय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सहमति बनी थी. हालांकि बांग्लादेश ने इस समझौते का पूरी तरह पालन नहीं किया.
केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं 
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने इसे धार्मिक आधार पर होने वाली हिंसा करार दिया और कहा कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक वहां लंबे समय से उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. उनका कहना था कि इस हिंसा के पीछे कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतों का हाथ भी हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान और अमेरिकी डीप स्टेट की भूमिका पर चर्चा हुई है.
आरएसएस नेता ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का भी प्रयास है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है. हालांकि जब तक सामान्य स्थिति पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती, तब तक प्रयास जारी रखने की जरूरत है.
बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट
केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं 
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने इसे धार्मिक आधार पर होने वाली हिंसा करार दिया और कहा कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक वहां लंबे समय से उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. उनका कहना था कि इस हिंसा के पीछे कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतों का हाथ भी हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान और अमेरिकी डीप स्टेट की भूमिका पर चर्चा हुई है.
आरएसएस नेता ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का भी प्रयास है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है. हालांकि जब तक सामान्य स्थिति पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती, तब तक प्रयास जारी रखने की जरूरत है.
बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को केवल राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने इसे धार्मिक आधार पर होने वाली हिंसा करार दिया और कहा कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक वहां लंबे समय से उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. उनका कहना था कि इस हिंसा के पीछे कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतों का हाथ भी हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान और अमेरिकी डीप स्टेट की भूमिका पर चर्चा हुई है.
आरएसएस नेता ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का भी प्रयास है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है. हालांकि जब तक सामान्य स्थिति पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती, तब तक प्रयास जारी रखने की जरूरत है.
बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट
आरएसएस नेता ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का भी प्रयास है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है. हालांकि जब तक सामान्य स्थिति पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती, तब तक प्रयास जारी रखने की जरूरत है.
बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट
बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए तो अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि यह बांग्लादेश के लोगों का निर्णय होगा. भारत को किसी भी देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. एजेंसी इनपुट

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