Chile President India Visit: चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 1 से 5 अप्रैल तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की पुष्टि करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा. राष्ट्रपति बोरिक के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आएगा जिसमें चिली के मंत्री, संसद सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी, व्यापार संघ के प्रतिनिधि, मीडिया से जुड़े लोग और भारत-चिली सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल होंगे. इस यात्रा से व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
पहली बार भारत आ रहे हैं राष्ट्रपति बोरिक
राष्ट्रपति के रूप में यह गेब्रियल बोरिक की पहली भारत यात्रा होगी. वह 5 अप्रैल को चिली लौटने से पहले आगरा, मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे. उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत के अलग-अलग शहरों में व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ना है.यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति बोरिक 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस बैठक में दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी. प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन भी करेंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी करेंगे मुलाकात
राष्ट्रपति बोरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी और राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन भी करेंगी. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चिली के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. चिली, लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. यह उल्लेखनीय है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय चिली एकमात्र लैटिन अमेरिकी देश था जिसने विशेष दूत भेजकर भारत के स्वतंत्रता समारोह में भाग लिया था.
व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर होगा संवाद
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
पहली बार भारत आ रहे हैं राष्ट्रपति बोरिक
राष्ट्रपति के रूप में यह गेब्रियल बोरिक की पहली भारत यात्रा होगी. वह 5 अप्रैल को चिली लौटने से पहले आगरा, मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे. उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत के अलग-अलग शहरों में व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ना है.यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति बोरिक 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस बैठक में दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी. प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन भी करेंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी करेंगे मुलाकात
राष्ट्रपति बोरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी और राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन भी करेंगी. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चिली के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. चिली, लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. यह उल्लेखनीय है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय चिली एकमात्र लैटिन अमेरिकी देश था जिसने विशेष दूत भेजकर भारत के स्वतंत्रता समारोह में भाग लिया था.
व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर होगा संवाद
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
राष्ट्रपति के रूप में यह गेब्रियल बोरिक की पहली भारत यात्रा होगी. वह 5 अप्रैल को चिली लौटने से पहले आगरा, मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे. उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत के अलग-अलग शहरों में व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ना है.यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति बोरिक 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस बैठक में दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी. प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन भी करेंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी करेंगे मुलाकात
राष्ट्रपति बोरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी और राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन भी करेंगी. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चिली के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. चिली, लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. यह उल्लेखनीय है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय चिली एकमात्र लैटिन अमेरिकी देश था जिसने विशेष दूत भेजकर भारत के स्वतंत्रता समारोह में भाग लिया था.
व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर होगा संवाद
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी करेंगे मुलाकात
राष्ट्रपति बोरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी और राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन भी करेंगी. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चिली के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. चिली, लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. यह उल्लेखनीय है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय चिली एकमात्र लैटिन अमेरिकी देश था जिसने विशेष दूत भेजकर भारत के स्वतंत्रता समारोह में भाग लिया था.
व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर होगा संवाद
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
राष्ट्रपति बोरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी और राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में एक विशेष भोज का आयोजन भी करेंगी. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चिली के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. चिली, लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. यह उल्लेखनीय है कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय चिली एकमात्र लैटिन अमेरिकी देश था जिसने विशेष दूत भेजकर भारत के स्वतंत्रता समारोह में भाग लिया था.
व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर होगा संवाद
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर होगा संवाद
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचारधारा है. चिली, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (एलएसी) क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है. राष्ट्रपति बोरिक अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु और मुंबई में कई व्यावसायिक बैठकों में भाग लेंगे. इस दौरान वे भारत के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्ट-अप उद्यमियों, नवाचारकर्ताओं और तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
(एजेंसी इनपुट के साथ)
