Maharashtra News: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कामों की वजह से चर्चा में रहते हैं. एक बार फिर उनके एक आदेश पर विपक्षी नेताओं में खलबली मची है. महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में जुमे की नमाज सड़क पर न पढ़ने के आदेश पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश करार दिया. इसके अलावा उन्होंने महाकुंभ को लेकर भी टिप्पणी की है.
हुसैन दलवई ने कहा, “क्या सिर्फ नमाज ही सड़क पर होती है? महाकुंभ हुआ तो एक महीने से ज्यादा सड़कें बंद थीं, क्या हमने उसका विरोध किया?” उन्होंने कहा कि हर त्योहार में लोग सड़क पर होते हैं, और नवरात्र भी आने वाली है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह “सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करने की कोशिश” है, जो गलत है. मस्जिदों में जगह की कमी की वजह से लोग सड़क पर नमाज पढ़ते हैं, और इस पर विरोध करना गलत है. उन्होंने कहा कि यह नफरत की सोच आरएसएस ने फैलाई है.
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहें कि वे मुसलमानों के त्योहारों में दखल न दें. उत्तर प्रदेश सरकार केवल नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने महाराष्ट्र में बुलडोजर कार्रवाई के संदर्भ में कहा कि अब उत्तर प्रदेश की राजनीति महाराष्ट्र में भी आ रही है, और यह बहुत गलत है. इसके अलावा, वाराणसी नगर निगम द्वारा जारी किए गए फरमान पर हुसैन दलवई ने कहा, “यह दादागिरी है. क्या भारत में सिर्फ मुसलमान ही मटन खाते हैं?”
उन्होंने कहा कि देश में 80 प्रतिशत लोग मटन खाते हैं और इस प्रकार के फैसले करने की कोई जरूरत नहीं है. जहां नवरात्र का उत्सव है, वहां मटन की दुकानें बंद रखना समझ आता है, लेकिन पूरे दिन मटन की दुकानों को बंद रखना ठीक नहीं है. वक्फ संशोधन विधेयक पर भी दलवई ने प्रधानमंत्री से तुरंत रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि कई प्रकार के ट्रस्ट चलते हैं, लेकिन सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ क्यों विरोध किया जा रहा है? मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर पैसा और जमीन दान की है ताकि महिलाओं और बच्चों की मदद की जा सके. (आईएएनएस)
हुसैन दलवई ने कहा, “क्या सिर्फ नमाज ही सड़क पर होती है? महाकुंभ हुआ तो एक महीने से ज्यादा सड़कें बंद थीं, क्या हमने उसका विरोध किया?” उन्होंने कहा कि हर त्योहार में लोग सड़क पर होते हैं, और नवरात्र भी आने वाली है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह “सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करने की कोशिश” है, जो गलत है. मस्जिदों में जगह की कमी की वजह से लोग सड़क पर नमाज पढ़ते हैं, और इस पर विरोध करना गलत है. उन्होंने कहा कि यह नफरत की सोच आरएसएस ने फैलाई है.
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहें कि वे मुसलमानों के त्योहारों में दखल न दें. उत्तर प्रदेश सरकार केवल नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने महाराष्ट्र में बुलडोजर कार्रवाई के संदर्भ में कहा कि अब उत्तर प्रदेश की राजनीति महाराष्ट्र में भी आ रही है, और यह बहुत गलत है. इसके अलावा, वाराणसी नगर निगम द्वारा जारी किए गए फरमान पर हुसैन दलवई ने कहा, “यह दादागिरी है. क्या भारत में सिर्फ मुसलमान ही मटन खाते हैं?”
उन्होंने कहा कि देश में 80 प्रतिशत लोग मटन खाते हैं और इस प्रकार के फैसले करने की कोई जरूरत नहीं है. जहां नवरात्र का उत्सव है, वहां मटन की दुकानें बंद रखना समझ आता है, लेकिन पूरे दिन मटन की दुकानों को बंद रखना ठीक नहीं है. वक्फ संशोधन विधेयक पर भी दलवई ने प्रधानमंत्री से तुरंत रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि कई प्रकार के ट्रस्ट चलते हैं, लेकिन सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ क्यों विरोध किया जा रहा है? मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर पैसा और जमीन दान की है ताकि महिलाओं और बच्चों की मदद की जा सके. (आईएएनएस)
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहें कि वे मुसलमानों के त्योहारों में दखल न दें. उत्तर प्रदेश सरकार केवल नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने महाराष्ट्र में बुलडोजर कार्रवाई के संदर्भ में कहा कि अब उत्तर प्रदेश की राजनीति महाराष्ट्र में भी आ रही है, और यह बहुत गलत है. इसके अलावा, वाराणसी नगर निगम द्वारा जारी किए गए फरमान पर हुसैन दलवई ने कहा, “यह दादागिरी है. क्या भारत में सिर्फ मुसलमान ही मटन खाते हैं?”
उन्होंने कहा कि देश में 80 प्रतिशत लोग मटन खाते हैं और इस प्रकार के फैसले करने की कोई जरूरत नहीं है. जहां नवरात्र का उत्सव है, वहां मटन की दुकानें बंद रखना समझ आता है, लेकिन पूरे दिन मटन की दुकानों को बंद रखना ठीक नहीं है. वक्फ संशोधन विधेयक पर भी दलवई ने प्रधानमंत्री से तुरंत रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि कई प्रकार के ट्रस्ट चलते हैं, लेकिन सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ क्यों विरोध किया जा रहा है? मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर पैसा और जमीन दान की है ताकि महिलाओं और बच्चों की मदद की जा सके. (आईएएनएस)
उन्होंने कहा कि देश में 80 प्रतिशत लोग मटन खाते हैं और इस प्रकार के फैसले करने की कोई जरूरत नहीं है. जहां नवरात्र का उत्सव है, वहां मटन की दुकानें बंद रखना समझ आता है, लेकिन पूरे दिन मटन की दुकानों को बंद रखना ठीक नहीं है. वक्फ संशोधन विधेयक पर भी दलवई ने प्रधानमंत्री से तुरंत रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि कई प्रकार के ट्रस्ट चलते हैं, लेकिन सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ क्यों विरोध किया जा रहा है? मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर पैसा और जमीन दान की है ताकि महिलाओं और बच्चों की मदद की जा सके. (आईएएनएस)
