Muslims Shower Flowers On Ramnavami Procession: देशभर में आज ( 6 अप्रैल 2025 ) रामनवमी का त्यौहार बहुत ही धूमधाम मनाया गया. राजधानी दिल्ली, अयोध्या, काशी, कोलकाता समेत देश के अलग-अलग शहरों और ग्रामीण इलाकों में भक्तिमय माहौल रहा. सुबह से ही देवालयों में दर्शन-पूजन के लिए राम भक्तों की भारी भीड़ रही. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद रही. पुलिस की निगरानी में रामनवमी की शोभायात्रा निकाली गई. खास बात यह है कि इस पवित्र त्यौहार में सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल भी देखने को मिली.
गंगा जमुनी तहजीब और रामवनमी पर हिंदू-मुस्लिम एकता की ये तस्वीर बंगाल के मालदा से सामने आई है.राम भक्तों की शोभायात्रा मालदा शहर में जैसे ही प्रवेश किया मुसलमानों ने श्रद्धालुओं का इस्तकबाल मिठाई से किया और उन पर फूल बरसाए. शहर की सड़कों पर रविवार को जहां ‘जय श्री राम’ के नारों की गूंज रही थी वहीं एकजुटता की भी भावना दिख रह थी.
रामनवमी पर श्रद्धालुओं ने शहर में मार्च किया, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे और श्रद्धालुओं के बीच मिठाइयां और पानी की बोतलें बांट रहे थे. विश्व हिन्दू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित सालाना रामनवमी शोभायात्रा में भगवा वस्त्र धारण किये हजारों लोग शामिल हुए. शोभायात्रा में शामिल लोगों ने झंडे लहराये और भगवान राम के जन्म का जश्न मनाया.
मुसलामनों ने बालकनी से फूलों की बारिश की
हालांकि, इस साल के समारोह को असाधारण बनाने वाली बात सिर्फ लोगों की मौजूदगी ही नहीं थी, बल्कि वह सद्भावना थी जो धार्मिक सीमाओं के पार सहजता से प्रवाहित हुई. शोभायात्रा जब इंग्लिश बाजार इलाके से गुजरी, मुसलमानों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर छतों और बालकनी से फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं.
एक परिवार के रूप में जश्न
साथ ही, शोभायात्रा के रास्ते में भारत के नक्शे के आकार की एक विशाल माला लगायी गई थी, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है. समारोह में शामिल एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद अली ने कहा, ‘भारत इसी का प्रतीक है. विविधता में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव.’ उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा अमन से साथ-साथ रहते आए हैं और आज हम एक परिवार के रूप में जश्न मना रहे हैं.’
‘धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है’
सड़क पर मुस्लिम समुदाय के नौजवानों के एक ग्रुप ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे. रामनवमी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ‘हर्ष के ऐसे मौके का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है. धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है. हम सभी एक हैं – हिंदू और मुसलमान – हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं.’
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
गंगा जमुनी तहजीब और रामवनमी पर हिंदू-मुस्लिम एकता की ये तस्वीर बंगाल के मालदा से सामने आई है.राम भक्तों की शोभायात्रा मालदा शहर में जैसे ही प्रवेश किया मुसलमानों ने श्रद्धालुओं का इस्तकबाल मिठाई से किया और उन पर फूल बरसाए. शहर की सड़कों पर रविवार को जहां ‘जय श्री राम’ के नारों की गूंज रही थी वहीं एकजुटता की भी भावना दिख रह थी.
रामनवमी पर श्रद्धालुओं ने शहर में मार्च किया, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे और श्रद्धालुओं के बीच मिठाइयां और पानी की बोतलें बांट रहे थे. विश्व हिन्दू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित सालाना रामनवमी शोभायात्रा में भगवा वस्त्र धारण किये हजारों लोग शामिल हुए. शोभायात्रा में शामिल लोगों ने झंडे लहराये और भगवान राम के जन्म का जश्न मनाया.
मुसलामनों ने बालकनी से फूलों की बारिश की
हालांकि, इस साल के समारोह को असाधारण बनाने वाली बात सिर्फ लोगों की मौजूदगी ही नहीं थी, बल्कि वह सद्भावना थी जो धार्मिक सीमाओं के पार सहजता से प्रवाहित हुई. शोभायात्रा जब इंग्लिश बाजार इलाके से गुजरी, मुसलमानों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर छतों और बालकनी से फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं.
एक परिवार के रूप में जश्न
साथ ही, शोभायात्रा के रास्ते में भारत के नक्शे के आकार की एक विशाल माला लगायी गई थी, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है. समारोह में शामिल एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद अली ने कहा, ‘भारत इसी का प्रतीक है. विविधता में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव.’ उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा अमन से साथ-साथ रहते आए हैं और आज हम एक परिवार के रूप में जश्न मना रहे हैं.’
‘धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है’
सड़क पर मुस्लिम समुदाय के नौजवानों के एक ग्रुप ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे. रामनवमी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ‘हर्ष के ऐसे मौके का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है. धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है. हम सभी एक हैं – हिंदू और मुसलमान – हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं.’
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
रामनवमी पर श्रद्धालुओं ने शहर में मार्च किया, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे और श्रद्धालुओं के बीच मिठाइयां और पानी की बोतलें बांट रहे थे. विश्व हिन्दू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित सालाना रामनवमी शोभायात्रा में भगवा वस्त्र धारण किये हजारों लोग शामिल हुए. शोभायात्रा में शामिल लोगों ने झंडे लहराये और भगवान राम के जन्म का जश्न मनाया.
मुसलामनों ने बालकनी से फूलों की बारिश की
हालांकि, इस साल के समारोह को असाधारण बनाने वाली बात सिर्फ लोगों की मौजूदगी ही नहीं थी, बल्कि वह सद्भावना थी जो धार्मिक सीमाओं के पार सहजता से प्रवाहित हुई. शोभायात्रा जब इंग्लिश बाजार इलाके से गुजरी, मुसलमानों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर छतों और बालकनी से फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं.
एक परिवार के रूप में जश्न
साथ ही, शोभायात्रा के रास्ते में भारत के नक्शे के आकार की एक विशाल माला लगायी गई थी, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है. समारोह में शामिल एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद अली ने कहा, ‘भारत इसी का प्रतीक है. विविधता में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव.’ उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा अमन से साथ-साथ रहते आए हैं और आज हम एक परिवार के रूप में जश्न मना रहे हैं.’
‘धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है’
सड़क पर मुस्लिम समुदाय के नौजवानों के एक ग्रुप ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे. रामनवमी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ‘हर्ष के ऐसे मौके का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है. धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है. हम सभी एक हैं – हिंदू और मुसलमान – हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं.’
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
मुसलामनों ने बालकनी से फूलों की बारिश की
हालांकि, इस साल के समारोह को असाधारण बनाने वाली बात सिर्फ लोगों की मौजूदगी ही नहीं थी, बल्कि वह सद्भावना थी जो धार्मिक सीमाओं के पार सहजता से प्रवाहित हुई. शोभायात्रा जब इंग्लिश बाजार इलाके से गुजरी, मुसलमानों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर छतों और बालकनी से फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं.
एक परिवार के रूप में जश्न
साथ ही, शोभायात्रा के रास्ते में भारत के नक्शे के आकार की एक विशाल माला लगायी गई थी, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है. समारोह में शामिल एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद अली ने कहा, ‘भारत इसी का प्रतीक है. विविधता में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव.’ उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा अमन से साथ-साथ रहते आए हैं और आज हम एक परिवार के रूप में जश्न मना रहे हैं.’
‘धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है’
सड़क पर मुस्लिम समुदाय के नौजवानों के एक ग्रुप ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे. रामनवमी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ‘हर्ष के ऐसे मौके का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है. धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है. हम सभी एक हैं – हिंदू और मुसलमान – हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं.’
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
एक परिवार के रूप में जश्न
साथ ही, शोभायात्रा के रास्ते में भारत के नक्शे के आकार की एक विशाल माला लगायी गई थी, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है. समारोह में शामिल एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद अली ने कहा, ‘भारत इसी का प्रतीक है. विविधता में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव.’ उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा अमन से साथ-साथ रहते आए हैं और आज हम एक परिवार के रूप में जश्न मना रहे हैं.’
‘धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है’
सड़क पर मुस्लिम समुदाय के नौजवानों के एक ग्रुप ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे. रामनवमी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ‘हर्ष के ऐसे मौके का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है. धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है. हम सभी एक हैं – हिंदू और मुसलमान – हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं.’
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
‘धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है’
सड़क पर मुस्लिम समुदाय के नौजवानों के एक ग्रुप ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे. रामनवमी प्रोग्राम में हिस्सा लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ‘हर्ष के ऐसे मौके का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है. धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है. हम सभी एक हैं – हिंदू और मुसलमान – हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं.’
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं’
पिछले कुछ सालों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है. हालांकि, मालदा में इस साल यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया. खान-पान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘हम शांति और भाईचारे का मैसेज देना चाहते हैं. देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस वक्त में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं.’
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
‘यह वही भारत है जिसे मैं जानता हूं’
पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं – जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं. विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है.’
इनपुट-भाषा
इनपुट-भाषा
