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बसंत पंचमी पर आकर्षित करें मां सरस्वती को ये 5 प्रसाद बनाएंगे भाग्यशाली

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बसंत पंचमी का महत्व

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का उत्सव बड़े ही उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। ज्ञान, संगीत, और कला की देवी, मां सरस्वती की आराधना का यह दिन साक्षात् विद्या का प्रकाश फैलाता है। शिक्षा और साहित्य की देवी की पूजा का यह पर्व माघ महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

इस वर्ष, बसंत पंचमी का पावन पर्व 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। छात्रों द्वारा विशेषतः सरस्वती पुजा का आयोजन किया जाता है ताकि मां सरस्वती से विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त हो। यह मान्यता है कि देवी की पूजा से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

बसंत पंचमी पर प्रसाद के रूप में

पारंपरिक तौर पर इस अवसर पर कुछ विशिष्ट भोग लगाए जाते हैं।

बेसन के लड्डू

बसंत पंचमी के दिन बेसन के लड्डूओं का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मां सरस्वती और देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इन्हें देसी घी में तैयार किए जाने की परंपरा है।

पीली बूंदी

पीले रंग से मां सरस्वती के आनंद को समर्पित करने हेतु बूंदी का भोग लगाने से पुण्यदायी फल की प्राप्ति होती है। भक्तों द्वारा इस प्रसाद को जरूरतमंदों में वितरण करने का भी महत्व है।

केसर के चावल

केसर में बने मीठे चावलों को प्रसाद के रूप में चढ़ाने से न केवल मन की शांति, बल्कि घर में समृद्धि का वास भी होता है। इन्हें बनाते समय देसी घी, चीनी, और सूखे मेवों का उपयोग करें।

राजभोग

राजभोग को माता सरस्वती का एक प्रिय भोग माना जाता है। पीले रंग का यह प्रसाद मां को चढ़ाई जाती है, जिससे सफलता और सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है।

मालपुए

यदि आपके घर में बच्चे पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रहे हैं या कोई समस्या उत्पन्न हो रही है तो मालपुए का भोग लगाकर, आप उसे दूर कर सकते हैं।

सामग्री पर आधारित मान्यताएं

इन सभी प्रसादों में पीला रंग प्रमुख रूप से प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि मां सरस्वती के श्रृंगार में यह रंग सर्वोत्तम माना जाता है।

भक्त इन्हें सच्ची श्रद्धा और भावना के साथ तैयार करते हैं और फिर माता को अर्पित करते हैं। इन उपायों के माध्यम से, वे माता से अपनी अभिलाषाओं की पूर्ति, विद्या की वृद्धि और अपने जीवन में सम्रिद्धि की कामना करते हैं।

Disclaimer: यह जानकारी पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है और डीएनए हिंदी इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

इस प्रकार बसंत पंचमी का दिन जितना विशेष होता है, उतनी ही श्रद्धा और ध्यान से उस दिन की पूजा की तैयारियां और सामग्रीओं का चयन किया जाता है। यह त्योहार हमारे समाज की भक्ति और परंपरागत मूल्यों को दर्शाता है और हमें आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है। आईये, इस पर्व को हम सभी भावनात्मक उत्साह के साथ मनाएं।

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