बसंत की बहार संग प्रेम का इजहार
वसंत ऋतु की खुशबू जब प्रेम के रंग से मिलती है, तब जीवन के एक सुनहरे संगम की शुरुआत होती है। इस वर्ष ऐसा ही अद्भुत संयोग देखने में आ रहा है जब बसंत पंचमी एवं वैलेंटाइन डे एक साथ पड़ रहे हैं। यह दिन, जो आपसी प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, विवाह के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त लेकर आ रहा है।
मां सरस्वती और कामदेव की अराधना
बसंत पंचमी के दिव्य दिन को हिंदू संस्कृतियों में ज्ञान और संगीत की देवी, मां सरस्वती की उपासना के रूप में मनाया जाता है। इसी सांझे दिन, कामदेव – प्रेम के देवता – की भी पूजा अर्चना की जाती है। यह दिन सभी शुभ कार्यों के लिए मान्य और सुकृत काल सिद्ध होता है।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त
इस पवित्र दिन को वे सभी जोड़े, जो एक साथ जीवन की नई शुरुआत करने की कामना रखते हैं, उनके लिए विवाह जैसे मांगलिक संस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है। इस विशेष दिन को विवाह करने से जीवन सुगंधमय और प्रेमपूरित बनता है।
अबूझ मुहूर्त का महात्म्य
हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बसंत पंचमी को ‘अबूझ मुहूर्त’ कहा जाता है – ऐसा समय जब किसी भी शुभ कार्य के लिए कोई विशेष मुहुर्त देखे बिना कार्य किए जा सकते हैं। विवाह जैसे महत्वपूर्ण संस्कार के लिए यह दिन अति उत्तम और संपूर्ण मन जाता है।
ज्योतिषीय संयोग और आशीर्वाद
ज्योतिष विज्ञान की रोशनी में इस बार बसंत पंचमी के योग में कोई दोष नहीं देखा जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों का मत है कि इस दिन विवाहित जीवन प्रेम से परिपूर्ण और देवत्व के आशीर्वाद से संपन्न होता है। यह विश्वास किया जाता है कि विवाह की इस शुभ घड़ी में बंधने वाले जोड़े सात जन्मों तक एक दूसरे के साथी बनकर साझे करेंगे जीवन के सुख-दुख।
माघ मास की पंचमी तिथि का महत्व
इस साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 2:41 बजे प्रारंभ हो रही है और वसंत पंचमी 14 फरवरी दोपहर 12:09 बजे तक चलेगी। इसलिए, 14 फरवरी को ही बसंत पं
चमी पूजा का आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ, जिन जोड़ों का विवाह 13 फरवरी की मध्यरात्रि को होगा, वे भी इस शुभ पंचमी तिथि के अंतर्गत आएंगे।
आप सभी को याद रहे की यहां बताई गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। यह सभी की व्यक्तिगत आस्था और निर्णय पर निर्भर करता है। इस पुनीत और मंगलमय दिन में सभी की मंगलकामना हो।