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आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप केस: प्रधान संदीप घोष की गिरफ्तारी और तीन अन्य की हिरासत

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भयानक घटना का पर्दाफाश

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात घटी एक भयानक घटना में 31 वर्षीय लेडी डॉक्टर का रेप और मर्डर का मामला सामने आया था। अगले दिन 9 अगस्त की सुबह, मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में इस डॉक्टर का शव बरामद हुआ। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया और जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को नियुक्त किया गया।

संदीप घोष की गिरफ्तारी क्यों?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को CBI ने वित्तीय अनियमितताओं में कथित तौर पर शामिल होने के कारण गिरफ्तार किया। गरीबी औऱ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए 16 दिनों की लंबी पूछताछ और पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद, CBI ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया। सोमवार सुबह वे सॉल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में CBI कार्यालय में पेश हुए थे और बाद में उन्हें कोलकाता के निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया, जहां CBI की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने उन्हें गिरफ्तार किया।

तीन अन्य की हिरासत

CBI ने संदीप घोष के साथ ही उनके सुरक्षा गार्ड अफसर अली खान और अस्पताल के दो वेंडर्स बिप्लव सिंहा और सुमन हाजरा को भी हिरासत में लिया। बिप्लव सिंहा और सुमन हाजरा आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मेटेरियल सप्लाई का कार्य करते थे। 23 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच SIT से CBI को सौंपने का आदेश दिया, जिसके बाद यह गिरफ्तारी की गई।

अख्तर अली की याचिका और आरोप

अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने शिकायत दर्ज की थी कि संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान संस्थान में वित्तीय कदाचार के कई मामले सामने आए। याचिका में आरोप लगाया गया कि घोष का काम करते हुए लावारिस शवों की अवैध बिक्री, बायोमेडिकल कचरे की तस्करी, और टेंडर को पास करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं से कमीशन लिया गया। अली ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों को परीक्षा पास करने के लिए 5 से 8 लाख रुपये तक की रिश्वत देने का दबाव बनाया गया।

भ्रष्टाचार की जांच और FIR

CBI ने संदीप घोष के खिलाफ अख्तर अली की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया और 24 अगस्त को FIR में नामजद किया। FIR में IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोप लगाए गए।

कॉलेज में पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर की मौत का संबंध

अख्तर अली की याचिका में यह सवाल उठाया गया कि क्या आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर की मौत का संबंध संस्थान में हो रहे कथित भ्रष्टाचार से हो सकता है। पीड़िता को इस बारे में जानकारी थी, और संभव था कि वह इसके सामने आने की धमकी दे रही थी।

CBI द्वारा उठाए गए कदम

SIT से केस के CBI को सौंपने के एक दिन बाद, CBI ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया और उनके सुरक्षा गार्ड व वेंडर्स की भी हिरासत में लिया। अधिकारियों ने यह भी सूचित किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए और भी कई लोगों की जांच और पूछताछ की जा सकती है।

आगे की कार्रवाई

इस घटनाक्रम ने कोलकाता और पूरे राज्य में चिंता की लहर उठा दी है। आने वाले दिनों में, CBI की और जांच, पूछताछ और आरोपियों की हिरासत बढ़ने की संभावना है। अनियमितताओं और अपराधों के इस जाल को खोलने के लिए CBI हर संभव कदम उठा रही है।

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