kerala-logo

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दी सिविल सेवा मोह छोड़ने की नसीहत

उपराष्ट्रपति का छात्रों को संदेश

दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को सिविल सेवा की नौकरियों के मोह से ऊपर उठने की सलाह दी। उपराष्ट्रपति ने पीजी बैच के ‘इंडक्शन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल के समाचार पत्र कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों से भरे रहते हैं। इन विज्ञापनों में बार-बार उन्हीं चेहरों को दिखाया जाता है जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।

समाचार पत्रों में कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार

धनखड़ ने कहा, “अब, मुझे समाचार पत्रों में कुल मिलाकर कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार मिलती है। पेज एक, पेज दो, पेज तीन… इन विज्ञापनों में उन लड़कों और लड़कियों के चेहरों को दिखाया जाता है जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की होती है। यह एक ही चेहरे का उपयोग कई संस्थानों द्वारा किया जा रहा है।”

उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इन विज्ञापनों की लागत उन युवा लड़कों और लड़कियों के पास से आती है जो मेहनत से अपने भविष्य को सुरक्षित करने की कोशिश में लगे होते हैं।

सिविल सेवा के मोह से बाहर निकलने की अपील

उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अन्य क्षेत्रों में अवसरों की तलाश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “समय आ गया है कि हम सिविल सेवा की नौकरियों के मोह से बाहर आएं। अवसर सीमित हैं और हमें दूसरी ओर भी देखना होगा। अन्य क्षेत्रों में अवसरों के विशाल परिदृश्य कहीं अधिक आकर्षक हैं, जो आपको बड़े पैमाने पर राष्ट्र के लिए योगदान करने में सक्षम बनाते हैं।”

खर्च और प्रयास को मान्यता

धनखड़ ने इस दौरान उन युवाओं के प्रयासों को भी सराहा जो कोचिंग सेंटरों में जाकर मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन विज्ञापनों की भरमार को देखें। लागत और एक-एक पैसा उन युवा लड़कों और लड़कियों के पास से आया है जो अपने लिए भविष्य सुरक्षित करने की कोशिश में हैं।”

देश के हित में स्वार्थ को त्यागने का आह्वान

उपराष्ट्रपति ने छात्रों को यह भी नसीहत दी कि वे स्वार्थ को देश के हित से ऊपर रखने वाली ताकतों को किनारे लगाएं और उन्हें निष्प्रभावी करें। उनका मानना था कि सच्ची सफलता केवल सिविल सेवा में नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी प्राप्त की जा सकती है।

विशेष कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति का भाषण

यह कार्यक्रम बौद्धिक संपदा (IP) कानून और प्रबंधन में संयुक्त स्नातकोत्तर व एलएलएम डिग्री के पहले बैच के इंडक्शन के मौके पर आयोजित किया गया था। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वो अपने करियर के व्यापक दायरे में देखें और केवल सिविल सेवा परीक्षाओं तक ही सीमित न रहें।

अवसरों की विशालता पर जोर

उपराष्ट्रपति ने अंत में कहा, “हम जानते हैं कि अवसर सीमित हैं, हमें दूसरी आरे भी देखना होगा और यह खोजना होगा कि अवसरों के विशाल परिदृश्य कहीं अधिक आकर्षक हैं जो आपको बड़े पैमाने पर राष्ट्र के लिए योगदान करने में सक्षम बनाते हैं।”

इस प्रकार, उपराष्ट्रपति ने छात्रों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि वो अपने करियर के विकास के लिए अन्य क्षेत्रों में भी अवसरों की तलाश करें और सिविल सेवा की नौकरियों के मोह से बाहर निकलें।

तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी। देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!

Kerala Lottery Result
Tops