भारतीय सुरक्षा पर चौकसी
पिछले कुछ वर्षों में भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति रही है, खासकर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में। हालांकि अब दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर की बातचीत के बाद समाधान की संभावना नजर आ रही है, लेकिन भारत अब भी चीन पर पूरा भरोसा करने के मूड में नहीं है। इस कारणवश, भारत सरकार और तीनों सेनाएं सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं।
इस समय जब पूरा देश दिवाली के जश्न में डूबा हुआ था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ के रण में जाकर जवानों की हौसला अफजाई की, वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने असम के तेजपुर में एक सैन्य छावनी का दौरा किया। इसी कड़ी में केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के बुमला और त्वांग का दौरा किया।
बुमला में चीनी सैनिकों से मुलाकात
बुमला बॉर्डर पर किरेन रिजिजू की यात्रा के दौरान कुछ ऐसा हुआ जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। यहाँ पर रिजिजू की भेंट चीनी सैनिकों से हो गई। इस दौरान, रिजिजू ने मिलिट्री ट्रांसलेटर की मदद से चीन के सैनिकों से बातचीत की। उन्होंने पूछा कि क्या मौसम की वजह से उन्हें कोई दिक्कत होती है। चीनी सैनिकों ने जवाब दिया कि उन्हें कोई परेशानी नहीं होती।
इसके बाद, रिजिजू ने पूछा कि अगर उन्हें सांस लेने में कोई दिक्कत हो तो क्या वे ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग करते हैं। इसके उत्तर में चीनी सैनिक ने बताया कि वे इस मौसम में अच्छी तरह से ढल चुके हैं। यह बातचीत सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गई और इसे केंद्रीय मंत्री ने खुद अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर शेयर किया।
सीमा विकास पर गर्व
इस मुलाकात के वीडियो को साझा करते हुए रिजिजू ने लिखा कि बॉर्डर पर बुनियादी ढांचे को देखने के बाद हर भारतीय गर्व महसूस करेगा। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के बुमला में भारतीय सैनिकों के साथ दिवाली मनाई और उनकी बहादुरी की सराहना की।
त्वांग में जवानों से मुलाकात
बुमला से आगे वे त्वांग गए, जहां उन्होंने भारतीय सैनिकों से मुलाकात की। इस मौके पर रिजिजू ने सैनिकों की वीरता और देशभक्ति की तारीफ की। उन्होंने सैनिकों से कहा कि उनकी वजह से पूरा देश सुरक्षित है और चैन की नींद सो सकता है। इस मौके पर रिजिजू ने अपनी भावनाओं को एक्स पर व्यक्त करते हुए कहा कि बहादुर जवानों के साथ दिवाली मना कर गर्व का एहसास हुआ। उनके समर्पण और साहस के कारण ही भारत का भविष्य सुरक्षित है।
सीमा पर सुरक्षा सतर्कता का महत्व
केंद्र सरकार और सेना द्वारा की जा रही इन सतर्कताओं का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सीमा पर कोई भी आकस्मिक स्थिति न बने। चीन के साथ पिछले कुछ सालों में हुई घटनाओं से सीख लेते हुए भारत अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने और उसकी नियमित निगरानी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे सैनिक विषम परिस्थितियों में लगातार तैनात रहते हैं और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इन प्रयासों से सैनिकों की गतिविधियों में सुधार होगा और देश के प्रति उनका समर्पण और विश्वास और मजबूत होगा।
कुल मिलाकर किरेन रिजिजू का यह दौरा न केवल संयम और सतर्कता दिशा में एक मजबूत संकेत है बल्कि यह दर्शाता है कि भारत चाहे कितनी भी वैश्विक राजनीति में बदलाव हो, अपनी सीमाओं की सुरक्षा के प्रति हमेशा सजग और तत्पर रहेगा।