घटना का पूरा विवरण और पृष्ठभूमि
कोलकाता के डॉक्टर रेप और मर्डर केस के खिलाफ देशभर में गुस्से का माहौल है। इस गंभीर और दिल दहला देने वाली घटना ने संपूर्ण चिकित्सा समुदाय को हिलाकर रख दिया है। इसके खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गुजरात के अमरेली शहर में भी इसका विरोध किया गया, लेकिन दूसरे ही तरीके से। डॉक्टर जी.जे. गजेरा ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ ऐसा कर दिया जिससे वे खुद ही विवादों में आ गए।
अमरेली में हुआ विरोध प्रदर्शन
अमरेली के राजकमल चौक पर बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र और डॉक्टर कोलकाता की घटना के खिलाफ विरोध करने कैंडल मार्च के लिए एकत्र हुए थे। इस मार्च का उद्देश्य था कि समाज के तहत इस गंभीर अपराध की भर्त्सना की जाए और सरकार से जल्द से जल्द न्याय की मांग की जाए।
डॉक्टर गजेरा का विवादित कदम
विरोध प्रदर्शन के दौरान निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर जी.जे. गजेरा ने अचानक कुछ ऐसा किया जिसने सबको हैरान कर दिया। डॉक्टर गजेरा ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल निकाली और भीड़ के सामने उसे लहराया। ऐसा बताया गया है कि उन्होंने लोगों में डर पैदा करने के इरादे से यह कदम उठाया।
पोलिस की कार्रवाई
इस घटना के तुरंत बाद अमरेली पुलिस ने डॉक्टर गजेरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस घटना के वक्त वहाँ मौजूद लोगों में अचानक से खलबली मच गई और विरोध प्रदर्शन का माहौल बिगड़ने लगा। अमरेली पुलिस उपाधीक्षक (डीवाईएसपी) चिराग देसाई ने इस पर कहा कि “यह घटना शुक्रवार रात करीब नौ बजकर 30 मिनट की है। मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के कैंडल मार्च में इस प्रकार की हरकत अस्वीकार्य है।”
कानूनी कार्यवाही
डॉक्टर गजेरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (1) (बी) (सार्वजनिक स्थान पर शरारतपूर्ण व्यवहार) और धारा 270 (सार्वजनिक स्थान पर उपद्रव) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा शस्त्र अधिनियम और गुजरात पुलिस अधिनियम के तहत भी उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
चिकित्सा समुदाय का रोष
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और अमरेली के सरकारी अस्पताल के चिकित्सक एवं कर्मचारी कोलकाता में घटित इस वारदात के विरोध में कैंडल मार्च निकालने के लिए एकत्र हुए थे। डॉक्टर गजेरा की इस हरकत से चिकित्सा समुदाय में भी रोष है। लोग अब उनके इस गैरजिम्मेदाराना कृत्य की निंदा कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
पुलिस का बयान
डीवाईएसपी चिराग देसाई ने कहा कि “यह घटना लोगों में डर पैदा करने के इरादे से की गई प्रतीत होती है। किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन या सार्वजनिक सभा में हथियार लहराना बेहद गैर जिम्मेदाराना और खतरनाक कदम है। दोषी पाए जाने पर डॉक्टर गजेरा के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”
समाज में बढ़ता क्रोध
एक तरफ कोलकाता की घटना ने चिकित्सा समुदाय को हिला कर रख दिया है तो दूसरी तरफ ऐसे असामाजिक कदम पुलिस और जनता दोनों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। समाज में बढ़ती हिंसा और असुरक्षा की भावना को देखते हुए ऐसे कृत्यों के विरुद्ध सख्त एक्शन लेने की आवश्यकता है।
भविष्य का रास्ता
कोलकाता रेप और मर्डर केस के विरोध में निकाले गए कैंडल मार्च में हुए इस विवाद से स्पष्ट है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर समाज को और सचेत रहने की जरूरत है। जहां एक तरफ विरोध प्रदर्शन में अनुशासन बनाए रखना जरूरी है, वहीं दूसरी तरफ सरकार और कानून व्यवस्था को भी तत्परता से कार्यवाही करनी चाहिए ताकि ऐसे घटनाएं दोबारा नहीं हों।
इस घटना ने न केवल चिकित्सा समुदाय बल्कि आम जनमानस में भी एक संदेश छोड़ा है कि विरोध करने का भी एक सही और सुरक्षित तरीका होना चाहिए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बचाव और सुरक्षा के उपाय भी सख्ती से लागू हों ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
इस प्रकार, यह घटना हमें सीख देती है कि समाज के हर वर्ग को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए।