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क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन? राज्यपाल ने केंद्रीय नेताओं से की मुलाकात

कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप-मर्डर से उपजा आक्रोश

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अगस्त की रात को एक प्रशिक्षु लेडी डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के बाद से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भारी आलोचना हो रही है। जहां एक ओर जनता का गुस्सा फूट पड़ा है, वहीं सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस घटना ने बंगाल में राजनीति के गलियारों में भी तूफान ला दिया है।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस की महत्वपूर्ण मुलाकातें

इस आक्रोश के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की है। उनके इन मुलाकातों को औपचारिक बताया जा रहा है, लेकिन राज्य की वर्तमान राजनीतिक और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इन मुलाकातों का काफी महत्व माना जा रहा है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की है।

‘लोगों का मौजूदा सरकार से भरोसा उठ गया है’: राज्यपाल

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लेडी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर आयोजित रैली के दौरान उनके रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की टिप्पणियां केवल बयानबाजी भर हैं और जमीनी स्तर पर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। बोस ने कहा, “छात्रों का सरकार के ऊपर से भरोसा उठ गया है, युवा डरे हुए हैं और महिलाएं निराशा की स्थिति में हैं। जिस सरकार पर नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा है, वह अपनी भूमिका निभाने में विफल हो रही है।”

लेडी डॉक्टर की दर्दनाक मौत

8-9 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। उसका शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला। पुलिस ने अगले दिन एक सिटीजन वालंटियर संजय रॉय को इस मामले में गिरफ्तार किया था, जो अक्सर अस्पताल आया-जाया करता था। इस घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की, जिससे पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गईं।

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

जूनियर डॉक्टर इस घटना से आहत हैं और उन्होंने पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है। उनके अनुसार, कार्यस्थल पर सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और पीड़िता के न्याय की गारंटी सुनिश्चित करना है।

पुलिस पर भी उठे सवाल

राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों का पुलिस पर से भी भरोसा उठ गया है और युवाओं, खासकर महिला डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मियों में निराशा की भावना बढ़ गई है। राज्यपाल का मानना है कि कोलकाता पुलिस का अपराधियों के साथ जारी सांठ-गांठ और राजनीतिकरण ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, “कोई भी कार्रवाई की मांग नहीं मानी जाती है, जिससे जनता का विश्वास पुलिस और प्रशासन दोनों पर से खत्म हो गया है।”

मुख्यमंत्री के रुख पर सवाल

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि वह स्पष्टता का अभाव दिखाती हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने परिसरों में सुरक्षा की कमी को लेकर गृह मंत्री से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेडी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री की कथित रैली भी सवालों के घेरे में है।

क्या राष्ट्रपति शासन लगेगा?

जागो बांग्ला ने दावा किया है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की है। हालांकि, अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

जनता का आक्रोश और भविष्य की चुनौती

इस घटना के बाद बंगाल में जनता का आक्रोश चरम पर है और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो यह ममता बनर्जी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। सरकार को अपनी छवि और जनता का विश्वास बहाल करने के लिए त्वरित और कठोर कदम उठाने होंगे।

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