कैब बुक करने के लिए मांगे पैसे
इन दिनों एक सोशल मीडिया पोस्ट ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। एक व्यक्ति ने ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खुद को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के रूप में पेश करते हुए एक अजीब संदेश भेजा। संदेश में लिखा था, “हैलो, मैं चीफ जस्टिस हूँ। कॉलेजियम की अर्जेंट मीटिंग है। मैं कनॉट प्लेस में फंस गया हूं। क्या आप मुझे कैब के लिए 500 रुपये भेज सकते हैं? कोर्ट पहुंचते ही मैं पैसा वापस कर दूंगा।” यह संदेश कई लोगों के ध्यान में आया और इसे आगे शेयर कर दिया गया, जिसके बाद यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई।
पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत
यह मामला इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया। यह तथ्य सार्वजनिक हुआ कि किसी ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का नाम इस्तेमाल कर इस प्रकार का संदेश भेजा। अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा में इस जालसाजी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। पुलिस अब तक यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह सोशल मीडिया हैंडल किसका है और इस संदेश का वास्तविक उद्देश क्या था।
कनॉट प्लेस में फँसने का दावा
सार्वजनिक हुए पोस्ट के एक स्क्रीनशॉट के अनुसार, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने या उनके नाम से इस जालसाज ने लिखा था कि वह कनॉट प्लेस में फंस गए हैं। जालसाज ने यह भी दावा किया कि उन्हें उच्चतम न्यायालय में कॉलेजियम की एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए तत्क्षण कैब की जरूरत है। पूरे देश में यह मामला जंगल की आग की तरह फैल गया। लोग इसे मजाक भी समझ रहे थे, जबकि कुछ इसे गंभीरतः ले रहे थे।
सोशल मीडिया यूजर्स का रिएक्शन
जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, लोगों ने इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ यूजर्स ने इसे मजाकिया और हास्यास्पद बताया, जबकि कुछ ने गहरी चिंता व्यक्त की। कई लोगों ने इसे संज्ञान में लिया और सोशल मीडिया पर अपनी राय भी साझा की। यह मामला न केवल इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना, बल्कि राष्ट्रीय मीडिया में भी इसे प्रमुखता से उठाया गया।
मुख्य न्यायाधीश भी हुए हैरान
यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने से पहले ही बेहद संवेदनशील हो गया था। खुद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी इस घटना से हैरान हो गए। इतनी बड़ी और जिम्मेदार पदवी का दुरुपयोग किस प्रकार किया जा सकता है, यह एक चौंकाने वाली बात थी। यह घटना न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ मानी जा रही है, और इसे बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।
क्या है साइबर क्राइम की सच्चाई
आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फेक आईडी, फेक मैसेज और ऐसी ही अन्य गतिविधियों से लोग अक्सर शिकार होते हैं। यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि हमें अपने डेटा और जानकारी की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। किसी भी अनजान संदेश या कॉल पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए और आवश्यक होने पर इसकी सत्यता की जाँच करनी चाहिए।
नवीनतम अपडेट्स के लिए जुड़े रहें
इस मामले की तफ्तीश जारी है और जल्द ही पुलिस इसके बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक कर सकती है। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए आप खबरों के विभिन्न माध्यमों से जुड़े रह सकते हैं। यह भी सुनिश्चित करें कि आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत करें।
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इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि जागरूकता और सतर्कता हर स्थिति में महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय होते हैं। तुरंत नतीजे पर जाना और किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से पहले इनकी सत्यता की जांच करना अनिवार्य है।
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