प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) ने इस साल अपने शुरूआती 10 साल पूरे कर लिए हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना को 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य था गरीबों और वंचितों के आर्थिक समावेशन को सुनिश्चित करना। इस मौके पर ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर ‘मोदी आर्काइव’ नामक अकाउंट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर किया है, जिसमें वे अपने स्कूल के दिनों का एक दिलचस्प किस्सा सुना रहे हैं। यह वीडियो वर्ष 2014 का है, जहां पीएम मोदी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ कार्यक्रम के दौरान अपने बचपन के दिनों का अनुभव साझा करते नजर आ रहे हैं।
बचपन का गुल्लक और बैंक खाता
वीडियो में पीएम मोदी कहते हैं, “मैं, मेरे गांव में एक स्कूल में पढ़ता था और उस दौरान ‘देना बैंक’ के लोग हमारे स्कूल में आए। वो गुल्लक देकर समझाते थे कि पैसों को किस तरह से बचाना है। इसी के चलते हमने भी बैंक में खाता खुलवा दिया और मुझे एक गुल्लक भी दिया गया। वह गुल्लक कभी भरा नहीं, क्योंकि मेरा बैकग्राउंड ऐसा नहीं था कि उसमें कभी पैसे डाल पाता।”
दो दशक तक खोजते रहे बैंक वाले
उन्होंने आगे बताया, “खाता खुल गया था, लेकिन मैंने स्कूल, गांव छोड़ दिया। मगर बैंक वाले मुझे खोजने लगे। शायद उन्होंने मुझे 20 साल तक खोजा, क्योंकि वह खाता बंद करवाना चाहते थे। तब जाकर मुझे पता चला कि उस दौर में खाता बंद करवाने के लिए भी कोशिश की जाती थी। लेकिन, आज खाता खोलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और मैं इसे गरीबों की जिंदगी का सूर्योदय मानता हूं।”
जनधन योजना का महत्व
प्रधानमंत्री जनधन योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 7 साल में इस योजना के तहत करीब 43 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। इस योजना ने न सिर्फ आर्थिक समावेशन को बढ़ावा दिया है, बल्कि गरीब तबके को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़कर उनकी वित्तीय स्थिति को भी मजबूती दी है। इस योजना के अंतर्गत खोले गए खातों में न केवल शून्य बैलेंस की सुविधा है बल्कि खातेधारक को रूपे डेबिट कार्ड, दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा और ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर किए गए इस वीडियो को बहुत से उपयोगकर्ताओं ने देखा और अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। ‘मोदी आर्काइव’ ने इस वीडियो के साथ एक कैप्शन भी लिखा, “पांच दशक से भी अधिक समय पहले एक युवा स्कूली छात्र ने बचत का महत्व समझाकर बैंक खाता खोला था। उस समय उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखाएगा। एक सबक जो बचत के महत्व को दर्शाता है।”
परिवार की आर्थिक स्थिति और संघर्ष
कैप्शन में आगे लिखा था, “परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि छात्र के पास बड़े होने के बाद भी बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए साधन नहीं थे। दशकों बिना इस्तेमाल के खाता पड़े रहने को सिस्टम ने एक बोझ के रूप में देखा और इसे बंद करने के लिए लगातार प्रयास किए। आखिरकार 20 साल बाद उन्होंने खुद ही इसे बंद करने का फैसला किया। यह युवा लड़का कोई और नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।”
प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि
पीएम मोदी ने जनधन योजना के माध्यम से गरीबों और वंचितों के साथ वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उनका मानना है कि जब गरीब तबके के लोग बैंकिंग प्रणाली से जुड़ेंगे, तो उनको न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि समाज में उनकी भागीदारी भी बढ़ेगी। इस योजना ने न केवल ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग कवरेज को बढ़ाया है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की है।
जनधन योजना का भविष्य
जनधन योजना के 10 साल पूरे होने पर, इसे और भी अधिक सशक्त और व्यापक बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इस योजना के तहत, अबतक 43 करोड़ से भी अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 55% खाते महिलाएं चलाती हैं। यह योजना वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर सिद्ध हुई है और इसके अंतर्गत कई नई सुविधाएँ और लाभ भी जोड़े जा रहे हैं।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री जनधन योजना ने न केवल गरीब और वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है, बल्कि उनके जीवन में आर्थिक सम्मान और सुरक्षा की एक नयी सुबह भी लाई है।
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