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जम्मू कश्मीर चुनाव 2024: राहुल गांधी ने घोषणा किए कांग्रेस के मुख्य मुद्दे और रणनीतियाँ

राहुल गांधी का बढ़ता आत्मविश्वास

लोकसभा चुनावों में बागी निर्दलीय सांसद के सहयोग से संसद में ‘सैकड़ा’ पूरा करने वाली कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का आत्मविश्वास इस समय अपने सर्वोच्च पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विजय रथ को रोकने के दस साल बाद कांग्रेस फिर से पूरे देश में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश में जुटी है। राहुल गांधी अपने आक्रामक चुनाव प्रचार के माध्यम से पार्टी के पक्ष में सियासी माहौल बना रहे हैं और अपने एजेंडे को स्पष्ट रूप से पेश कर रहे हैं।

लोकतांत्रिक अधिकार और पूर्ण राज्य का दर्जा

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना उनकी पार्टी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) की प्राथमिकता है। उन्होंने बयान देते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार जल्द से जल्द वापस मिलने चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जिसका उनके एजेंडे में विशेष महत्व है।

राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’

राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आई है। उन्होंने बताया कि उनका यहाँ आना सौभाग्य की बात है और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ उनका गहरा रिश्ता है। “हम समझते हैं कि आप बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं,” राहुल ने कहा। उनके मुताबिक, कांग्रेस पार्टी हमेशा जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी रही है और वह सम्मान और भाईचारे के साथ ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ खोलना चाहते हैं।

मल्लिकार्जुन खरगे की गठबंधन की पहल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की इच्छा जताई है। उन्होंने बीजेपी के वादों को ‘जुमला’ करार देते हुए लोगों से सचेत रहने की अपील की। खरगे ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लिया और स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय भी जानी।

भाजपा पर निशाना

खरगे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही भाजपा चिंतित है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने बहुमत का फायदा उठाकर कृषि कानून जैसे कानून पारित करती है। जम्मू-कश्मीर के बारे में खरगे का कहना है कि चुनाव से पहले भाजपा द्वारा किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया गया है और वे सभी वादे ‘जुमला’ साबित हुए हैं।

चुनाव की तैयारी

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। ये चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे, जबकि मतगणना चार जून को होगी। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद यह पहला मौका होगा जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। कांग्रेस पार्टी इस बार पूरी तैयारी के साथ चुनाव में उतर रही है और गठबंधन की संभावना को भी खुला रखा गया है।

राहुल गांधी की उम्मीद

राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि चुनाव से पहले ही जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। “हमें उम्मीद थी कि चुनाव से पहले ऐसा हो जाएगा, लेकिन अब चुनाव घोषित हो गए।” उन्होंने कहा। उनकी प्रमुख चिंता यह है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार जल्द से जल्द बहाल किए जाएं।

कांग्रेस पार्टी का यह प्रयास है कि पूरे प्रदेश में वह अपनी स्थिति को मजबूती से पेश करे और लोगों के अधिकारों को बहाल करने के अपने वादे को निभाए।

निष्कर्ष

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी अपनी रणनीतियों को अंजाम देने में जुटी हुई है और अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन की संभावना को भी तलाश रही है। भाजपा की सत्ता में बने रहने की कोशिशों के बीच कांग्रेस अपनी पुरानी छवि और विशेषाधिकारों को वापस पाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। आगामी चुनाव प्रदेश की सियासत में नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है।

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