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जातिवार राजनीति पर अखिलेश-योगी का सियासी वार


अखिलेश यादव Vs योगी आदित्यनाथ: पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच सियासी वार-पलटवार का दौर जारी है। इस बार अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर लूट के आरोपी के एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाया है, जिससे इस विवाद की आग और भड़क उठी है।

### सुल्तानपुर एनकाउंटर पर अखिलेश का सवाल

अखिलेश यादव ने अपने बयान में सुल्तानपुर में हुए एनकाउंटर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था। नकली एनकाउंटर से पहले मुख्य आरोपी से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई, जबकि ‘जात’ देखकर जान ली गई।”

इस बयान के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि अखिलेश यादव एक ऐसे ‘दुर्दांत’ अपराधी में भी जाति क्यों खोज रहे हैं, जिस पर एक लाख का ईनाम था।

### योगी आदित्यनाथ का पलटवार

अखिलेश के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “कुछ लोगों को हर काम में बस जाति ही दिखती है। हमें अपनी सरकार के फैसलों पर गर्व है।” इससे पहले भी मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद नया आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।

### जातिवाद की राजनीति

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिवाद एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। अखिलेश यादव का यह बयान इस बात को और मजबूती से स्थापित करता है कि जातिवाद की राजनीति से उभरना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। उनका कहना है कि एनकाउंटर में सिर्फ यादव जाति के व्यक्ति को टार्गेट किया गया, यह सीधे तौर पर जातिवाद का आरोप है।

### चुनावी रणनीति या हकीकत?

इस सियासी वार-पलटवार को कई जानकार चुनावी रणनीति के तौर पर देख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अगले कुछ वर्षों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ दोनों ही अपने-अपने समर्थकों को एकजुट रखने की कोशिश में हैं, और यह बयानबाजी उसी रणनीति का एक हिस्सा है।

### पुलिस एनकाउंटर और विवाद

पुलिस एनकाउंटर के मसले पर पहले भी उत्तर प्रदेश में कई बार विवाद हो चुका है। पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर का समर्थन करने वाले इसे कानून व्यवस्था को बने रखने के लिए आवश्यक मानते हैं, जबकि विरोध करने वाले इसे मानवाधिकार का उल्लंघन कहते हैं। इस बार भी सुल्तानपुर एनकाउंटर को लेकर उठे विवाद ने इस मुद्दे को नए सिरे से उछाल दिया है।

### सुल्तानपुर एनकाउंटर: एक विस्तृत दृष्टिकोण

सुल्तानपुर में ज्वैलरी शॉप में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। लखनऊ-वाराणसी फोर लेन रोड पर यूपी STF ने मोटरसाइकिल से भाग रहे मुख्य आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में गोली मारी थी, जिससे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया और कहा कि सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क आरोपी के साथ था, और नकली एनकाउंटर के दौरान जाति देखकर गोली मारी गई।

### जातिवाद और राजनीतिक लाभ

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिवाद हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। अखिलेश यादव के इस आरोप से यह साफ होता है कि इस मुद्दे को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में इसका विरोध करते हुए कहा कि कुछ लोग हर काम में जाति ही देखते हैं, जबकि उनको अपनी सरकार के कामों पर गर्व है।

### निष्कर्ष

इस सियासी वार-पलटवार का असल स्वरूप क्या है, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि इस विवाद ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में जातिवाद की राजनीति को सुर्खियों में ला दिया है। अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच का यह विवाद आने वाले चुनावों की दिशा और दशा को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। जनमानस की नजर इस पर बनी हुई है कि इस विवाद का समाधान कैसे होगा और इससे उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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