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जी-सोनी डील में नया मोड़: सुभाष चंद्रा ने सेबी प्रमुख पर लगाए गंभीर आरोप

डॉ. सुभाष चंद्रा का गंभीर आरोप

जी एंटरटेनमेंट और सोनी के बीच डील के टूटने के मामले में नया मोड़ आया है। एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने इस मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉ. चंद्रा का कहना है कि इस डील के विफल होने के पीछे बुच का हाथ है, और उन्होंने रिटेल शेयरहोल्डर्स को हुए नुकसान की जिम्मेदारी बुच पर डाली है।

रिश्वत मांगने के आरोप

डॉ. सुभाष चंद्रा ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने खुलासा किया कि सेबी के साथ मामला सुलझाने के लिए उनसे सैकड़ों करोड़ की रिश्वत मांगी गई थी। यह रिश्वत मनजीत सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा मांगी गई थी, जो बुच के लिए काम कर रहा था। डॉ. चंद्रा का कहना है कि वह बुच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना तलाश रहे हैं क्योंकि उन्हें सेबी प्रमुख के भ्रष्ट होने का यकीन है।

अन्य कॉरपोरेट घरानों से समर्थन की अपील

डॉ. चंद्रा ने अन्य कॉरपोरेट घरानों से भी इस लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया है। संवाददाताओं के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि बुच उनके खिलाफ पक्षपाती हैं और उन्होंने सेबी के साथ आगे सहयोग नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने अपनी कंपनी जी एंटरटेनमेंट से भी सेबी के साथ सहयोग न करने का आग्रह किया है, यह कहते हुए कि कंपनी के खिलाफ पक्षपातपूर्ण जांच की जा रही है।

कांग्रेस का समर्थन

इस विषय पर कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले को सेबी के सेक्शन-54 के उल्लंघन का मामला बताया है और ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ का उल्लंघन भी कहा है। हिंडनबर्ग ने भी इससे पहले बुच पर अपने पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे।

वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा

डॉ. सुभाष चंद्रा का कहना है कि सेबी प्रमुख अपने पूर्व-निर्धारित मानसिकता के साथ काम कर रही हैं और जी एंटरटेनमेंट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि यह जांच वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर आधारित है, लेकिन इसका उद्देश्य एस्सेल ग्रुप को नुकसान पहुंचाना है।

सेबी की प्रतिक्रिया

अब तक, इस मुद्दे पर सेबी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने भी इस मामले में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, इस विवाद ने वित्तीय जगत में हलचल मचा दी है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सेबी और अन्य संबंधित पक्ष इस मामले का समाधान कैसे करते हैं।

आगे की कार्रवाई

डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि वह कानूनी सलाहकारों की टीम के साथ इस मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही बुच के खिलाफ संस्थागत कार्रवाई करने का फैसला करेंगे। उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि वह आर्थिक अपराधों के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सारांश रूप में, जी-सोनी डील के टूटने की खबर ने भारतीय कॉर्पोरेट जगत में भूचाल ला दिया है। डॉ. सुभाष चंद्रा के गंभीर आरोपों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह विवाद कानूनी रूप से सुलझाया जा सकता है और क्या सेबी प्रमुख पर लगे ये आरोप साबित होते हैं या नहीं। इस मामले पर सभी की निगाहें टिकी हैं और आगे के घटनाक्रम का इंतजार है।

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