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देश को खतरा हुआ तो उठेंगे बड़े कदम – राजनाथ सिंह की स्पष्ट चेतावनी

शस्त्र पूजा से बुराई का अंत

दशहरा के शुभ अवसर पर पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा की। यह पूजा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक अधिवक्ता थी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। शस्त्र पूजा का प्रदर्शन न केवल भारतीय सेना की मान्यताओं को दर्शाता है, बल्कि यह उनके दृढ़ संकल्प और प्रेम को भी दिखता है कि देश की सुरक्षा का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

सीधी चेतावनी: भारत कभी नहीं झुकेगा

शस्त्र पूजा के बाद, राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के सैन्य उपकरणों की पूजा की और उन्होंने देश के दुश्मनों को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “भारत ने कभी किसी देश पर नफरत के कारण आक्रमण नहीं किया, लेकिन अगर कोई हमारे देश की अखंडता और संप्रभुता को चोट पहुंचाएगा, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। हमारी संस्कृति और मानवीय मूल्यों के खिलाफ युद्ध करने वालों का हम सीधे मुकाबला करेंगे।”

भारत की रक्षा शक्ति की विरासत

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह हमें विरासत में मिला है कि हम अपनी धरती की रक्षा करें। भारतीय सेना की परंपराओं और मान्यताओं को संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि अगर हमारे हितों को कोई खतरा होता है, तो हम बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे। शस्त्र पूजा का अर्थ है कि जरूरत पड़ने पर हम अपनी पूरी ताकत से अपने हथियारों का उपयोग करेंगे।

बीआरओ की परियोजनाओं का उद्घाटन

राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें 22 सड़कें, 51 पुल और कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख तक विस्तृत हैं। इस वर्ष बीआरओ द्वारा 3,751 करोड़ रुपये की लागत से 111 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी हुई हैं, जो भारत की सीमाओं को मजबूत बनाती हैं।

सिक्किम की रणनीतिक सड़क परियोजना

सिक्किम में बनाई गई कुपुप-शेरथांग सड़क एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपर्क मार्ग है, जो सेना के जवानों और उपकरणों को सुगमता से आगे के क्षेत्रों में ले जाने का विकल्प प्रदान करती है। रक्षा मंत्री ने इस परियोजना को भारत के सामरिक बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

भारत की सुरक्षा और प्रगति की प्रतिबद्धता

राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ये परियोजनाएं न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को मजबूत करती हैं, बल्कि पूर्वोत्तर की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए सरकार के अटूट संकल्प का प्रमाण हैं। मोदी सरकार ने इस दिशा में तेजी से कदम उठाने का लक्ष्य रखा है, ताकि भारत आने वाले समय में दुनिया के सबसे सुरक्षित और मजबूत देशों की श्रेणी में हो।

भविष्य की योजनाएँ और उम्मीदें

आने वाले समय में भारत को एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में देखे जाने की बात करते हुए, राजनाथ सिंह ने बीआरओ के लिए बढ़े हुए बजट आवंटन का जिक्र किया। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि अपने लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्तर पर भी मजबूत स्थिति बनाएगा।

इस तरह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह कदम भारत के मजबूत और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा और विकास की इस दोहरी नीति के जरिए भारत एक सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।

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