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नेशनल कांफ्रेंस का घोषणापत्र 2024: अटल ने ठुकराया था अब उमर ने चुनावी वादों में फिर किया शामिल

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही सभी राजनीतिक दलों ने जनता को लुभाने की अपनी तैयारी शुरू कर दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में 12 ‘गारंटियों’ की घोषणा की है, जिसमें अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ साल 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का कार्यान्वयन भी शामिल है।

स्वायत्तता प्रस्ताव का इतिहास

दरअसल, जून 2000 में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर राज्य में 1953 से पहले की संवैधानिक स्थिति बहाल करने की मांग की थी। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने इसे खारिज कर दिया था। मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

राजनीतिक कैदियों के लिए माफी

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में सभी राजनीतिक कैदियों के लिए माफी और कश्मीरी पंडितों की घाटी में सम्मानजनक वापसी का भी वादा किया गया है।

लोकलुभावन योजनाएं

पार्टी द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, पानी के संकट से राहत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को हर साल 12 एलपीजी सिलेंडर मुफ्त उपलब्ध कराना शामिल है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सत्ता में आने के 180 दिनों के भीतर एक व्यापक नौकरी पैकेज, एक लाख युवाओं को नौकरियां देने और सरकारी विभागों में सभी रिक्तियों को भरने का वादा किया है।

उमर अब्दुल्ला का बयान

घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी केवल वही वादे कर रही है जिन्हें वह पूरा कर सकती है। उन्होंने घोषणापत्र को पार्टी का दृष्टिकोण दस्तावेज और शासन का रोडमैप बताया।

अनुच्छेद 370-35ए की बहाली

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हम अनुच्छेद 370-35ए को बहाल करने और पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति की तरह राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करेंगे।’

चुनाव कार्यक्रम

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव होंगे। 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राठेर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति में पार्टी के श्रीनगर से सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल थे।

लोकलुभावन योजनाओं का विस्तृत विवरण

घोषणापत्र के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सरकार में आते ही पहले 180 दिनों में कई लोकलुभावन योजनाओं को लागू करने का वादा किया है। इसमें 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का आश्वासन दिया गया है, जिससे जनता को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा पानी की समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने के प्रयास किए जाएंगे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए हर साल 12 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे, जो गृहिणियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।

नौकरी के अवसर

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में एक विस्तृत नौकरी पैकेज का भी वादा किया है। पार्टी ने घोषणा की है कि वे एक लाख युवाओं को नौकरियां देंगे और सभी सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरने का काम करेंगे। यह कदम बेरोजगारी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है।

कश्मीर में शांति और स्थिरता

उमर अब्दुल्ला ने घोषणापत्र के दौरान बताया कि पार्टी ने अपने वादों में हर वह मुद्दा शामिल किया है जो वास्तविकता में पूरा कर सकती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने का हर संभव प्रयास करेगी और जम्मू-कश्मीर को उसकी पूर्ववर्ती स्थिति में लौटाने का प्रयत्न करेगी।

समिति के सदस्य

घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई समिति में वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राठेर की अध्यक्षता में अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। इन नेताओं में श्रीनगर से सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

इस घोषणापत्र के माध्यम से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने स्पष्ट कर दिया है कि वे जनता की भलाई और प्रदेश की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब देखना यह है कि चुनावी समर में जनता उनके इन वादों को कितना संजीवनी मानती है।