kerala-logo

वक्त पर नहीं मिलती सैलरी… UPA की इस योजना को लेकर मोदी सरकार पर बरसीं सोनिया


Sonia Gandhi in Rajya Sabha: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने मंगलवार को राज्यसभा में मनरेगा योजना का मुद्दा उठाया. उन्होंने शून्यकाल में बोलते हुए कहा कि मनरेगा योजना को कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने इस पर अपनी चिंता जाहिर की. सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर इस योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार के ज़रिए संघीय बजट में इस योजना के लिए रकम कम आवंटित की है.
मनरेगा को कमजोर कर रही सरकार
सोनिया गांधी ने राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए कहा,’मैं आपका ध्यान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार के अधिकार की तरफ आकर्षित करना चाहती हूं. इस योजना को यूपीए सरकार के कार्यकाल में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू किया गया था. यह ऐतिहासिक कानून लाखों गांव के गरीबों के लिए एक अहम सुरक्षा चक्र साबित हुआ है.’
बजट में नहीं किया जा इजाफा
मनरेगा योजना की मौजूदा हालत पर फिक्र का इजहार करते हुए सोनिया ने कहा,’मुझे इस बात की गहरी चिंता है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है और बजट आवंटन 86000 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा है. वास्तविकता में आवंटित बजट में 4000 करोड़ रुपए की कमी आई है. इसके अलावा अनुमान है कि लगभग 20 फीसद आवंटित रकम पिछले सालों के बकाया भुगतान को निपटाने में खर्च हो जाएगी.’
समय पर नहीं मिल रहा वेतन
सदन में आगे बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम और नेशनल मोबाइल सर्विलांस सिस्टम की अनिवार्यता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत मिलने वाली सैलरी में लगातार देरी हो रही है और महंगाई के हिसाब से लोगों को मिलने वाली मजदूरी दर पर्याप्त नहीं है.
डेली वेतन में भी होना चाहिए इजाफा
सोनिया गांधी ने इन समस्याओं के हल के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से कुछ मांगें सदन के सामने रखीं. इन मांगों में कहा गया है कि मनरेगा के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जाएं, योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त धन दिया जाए. न्यूनतम मजदूरी में इजाफा किया जाए. दैनिक न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये हो. समय पर सैलरी मिले. सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम के तहत लागू कई अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाने की भी बात कही.
गारंटी के साथ मिलने काम
उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. साथ ही गारंटी के साथ काम मिलने के दिनों में इजाफा किया जाए. हर साल के लिए 100 से 150 काम करने के दिनों की गारंटी दी जाए. सोनिया गांधी ने कहा कि ये उपाय मनरेगा के तहत गरिमापूर्ण रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
सोनिया गांधी ने राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए कहा,’मैं आपका ध्यान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार के अधिकार की तरफ आकर्षित करना चाहती हूं. इस योजना को यूपीए सरकार के कार्यकाल में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू किया गया था. यह ऐतिहासिक कानून लाखों गांव के गरीबों के लिए एक अहम सुरक्षा चक्र साबित हुआ है.’
बजट में नहीं किया जा इजाफा
मनरेगा योजना की मौजूदा हालत पर फिक्र का इजहार करते हुए सोनिया ने कहा,’मुझे इस बात की गहरी चिंता है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है और बजट आवंटन 86000 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा है. वास्तविकता में आवंटित बजट में 4000 करोड़ रुपए की कमी आई है. इसके अलावा अनुमान है कि लगभग 20 फीसद आवंटित रकम पिछले सालों के बकाया भुगतान को निपटाने में खर्च हो जाएगी.’
समय पर नहीं मिल रहा वेतन
सदन में आगे बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम और नेशनल मोबाइल सर्विलांस सिस्टम की अनिवार्यता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत मिलने वाली सैलरी में लगातार देरी हो रही है और महंगाई के हिसाब से लोगों को मिलने वाली मजदूरी दर पर्याप्त नहीं है.
डेली वेतन में भी होना चाहिए इजाफा
सोनिया गांधी ने इन समस्याओं के हल के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से कुछ मांगें सदन के सामने रखीं. इन मांगों में कहा गया है कि मनरेगा के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जाएं, योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त धन दिया जाए. न्यूनतम मजदूरी में इजाफा किया जाए. दैनिक न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये हो. समय पर सैलरी मिले. सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम के तहत लागू कई अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाने की भी बात कही.
गारंटी के साथ मिलने काम
उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. साथ ही गारंटी के साथ काम मिलने के दिनों में इजाफा किया जाए. हर साल के लिए 100 से 150 काम करने के दिनों की गारंटी दी जाए. सोनिया गांधी ने कहा कि ये उपाय मनरेगा के तहत गरिमापूर्ण रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
मनरेगा योजना की मौजूदा हालत पर फिक्र का इजहार करते हुए सोनिया ने कहा,’मुझे इस बात की गहरी चिंता है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है और बजट आवंटन 86000 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा है. वास्तविकता में आवंटित बजट में 4000 करोड़ रुपए की कमी आई है. इसके अलावा अनुमान है कि लगभग 20 फीसद आवंटित रकम पिछले सालों के बकाया भुगतान को निपटाने में खर्च हो जाएगी.’
समय पर नहीं मिल रहा वेतन
सदन में आगे बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम और नेशनल मोबाइल सर्विलांस सिस्टम की अनिवार्यता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत मिलने वाली सैलरी में लगातार देरी हो रही है और महंगाई के हिसाब से लोगों को मिलने वाली मजदूरी दर पर्याप्त नहीं है.
डेली वेतन में भी होना चाहिए इजाफा
सोनिया गांधी ने इन समस्याओं के हल के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से कुछ मांगें सदन के सामने रखीं. इन मांगों में कहा गया है कि मनरेगा के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जाएं, योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त धन दिया जाए. न्यूनतम मजदूरी में इजाफा किया जाए. दैनिक न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये हो. समय पर सैलरी मिले. सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम के तहत लागू कई अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाने की भी बात कही.
गारंटी के साथ मिलने काम
उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. साथ ही गारंटी के साथ काम मिलने के दिनों में इजाफा किया जाए. हर साल के लिए 100 से 150 काम करने के दिनों की गारंटी दी जाए. सोनिया गांधी ने कहा कि ये उपाय मनरेगा के तहत गरिमापूर्ण रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
सदन में आगे बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम और नेशनल मोबाइल सर्विलांस सिस्टम की अनिवार्यता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत मिलने वाली सैलरी में लगातार देरी हो रही है और महंगाई के हिसाब से लोगों को मिलने वाली मजदूरी दर पर्याप्त नहीं है.
डेली वेतन में भी होना चाहिए इजाफा
सोनिया गांधी ने इन समस्याओं के हल के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से कुछ मांगें सदन के सामने रखीं. इन मांगों में कहा गया है कि मनरेगा के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जाएं, योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त धन दिया जाए. न्यूनतम मजदूरी में इजाफा किया जाए. दैनिक न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये हो. समय पर सैलरी मिले. सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम के तहत लागू कई अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाने की भी बात कही.
गारंटी के साथ मिलने काम
उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. साथ ही गारंटी के साथ काम मिलने के दिनों में इजाफा किया जाए. हर साल के लिए 100 से 150 काम करने के दिनों की गारंटी दी जाए. सोनिया गांधी ने कहा कि ये उपाय मनरेगा के तहत गरिमापूर्ण रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
सोनिया गांधी ने इन समस्याओं के हल के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से कुछ मांगें सदन के सामने रखीं. इन मांगों में कहा गया है कि मनरेगा के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जाएं, योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त धन दिया जाए. न्यूनतम मजदूरी में इजाफा किया जाए. दैनिक न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये हो. समय पर सैलरी मिले. सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम के तहत लागू कई अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाने की भी बात कही.
गारंटी के साथ मिलने काम
उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. साथ ही गारंटी के साथ काम मिलने के दिनों में इजाफा किया जाए. हर साल के लिए 100 से 150 काम करने के दिनों की गारंटी दी जाए. सोनिया गांधी ने कहा कि ये उपाय मनरेगा के तहत गरिमापूर्ण रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. साथ ही गारंटी के साथ काम मिलने के दिनों में इजाफा किया जाए. हर साल के लिए 100 से 150 काम करने के दिनों की गारंटी दी जाए. सोनिया गांधी ने कहा कि ये उपाय मनरेगा के तहत गरिमापूर्ण रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जरूरी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
(इनपुट- आईएएनएस)

Kerala Lottery Result
Tops