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वृंदावन कॉरिडोर: एक नया स्वरूप एक नई संभावना

हाथरस हादसे के बाद दिशा निर्देश

हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापक दिशा निर्देश जारी किए थे कि राज्य में ऐसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाए जहां श्रद्धालुओं की संख्या भारी होती है। इसी निमित्त प्रक्रिया के तहत मुख्य सचिव और डीजीपी ने आज वृंदावन में दौरा किया और प्रमुख मंदिरों, विशेषकर बांके बिहारी मंदिर में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

वृंदावन का सुधार योजना

वृंदावन को एक नए सिरे से सुधारने और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने की योजना है। इसमें प्रमुख रूप से पार्किंग की सुविधा में सुधार किया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर के पास एक नई पार्किंग की व्यवस्था की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही, मंदिर तक पहुँचने वाले संकरे रास्तों का भी चौड़ीकरण किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो।

काशी की तर्ज पर वृंदावन कॉरिडोर

योगी सरकार की योजना के अनुसार, वृंदावन को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर सजाने का प्रस्ताव है। इससे आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। योजना के तहत, बांके बिहारी मंदिर तक जाने वाले रास्तों को चौड़ा किया जाएगा, जिसमें 276 से ज्यादा भवनों का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 149 आवासीय, 66 व्यवसायिक और 57 अन्य भवन शामिल हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत 505 करोड़ रुपये है।

व्यवस्थाओं का निरीक्षण

यूपी के डीजीपी और मुख्य सचिव ने आज वृंदावन का दौरा किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अब वृंदावन की तस्वीर बदलने वाली है। वृंदावन में पीक दिनों में 7 से 10 लाख श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन बांके बिहारी मंदिर सहित कई मंदिरों के रास्ते संकरे हैं, जिससे भीड़भाड़ हो जाती है। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को होने वाली दिक्कतों और उसके समाधान के उपायों का निरीक्षण किया।

राहत की उम्मीद

वृंदावन आने वाले श्रद्धालु अक्सर तंग गलियों और सुविधाओं के अभाव से परेशान होते हैं। नए कॉरिडोर से उन्हें बेहतर व्यवस्थाएं मिल सकेंगी। हालांकि इसके तहत कुछ स्थानीय लोगों के घर और दुकानों की अधिग्रहण की जाएगी। वृंदावन के लोग इसके लिए मिश्रित प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन अधिकतर का मानना है कि इससे व्यवस्थित और आसान तीर्थ यात्रा संभव होगी।

मुख्य सचिव और डीजीपी का दौरा

डीजीपी और मुख्य सचिव का आज का दौरा भविष्य में होने वाले कार्यों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। इसके पीछे योगी सरकार का मकसद वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित व्यवस्था करना है।

श्रद्धालुओं के लिए राहत

कॉरिडोर बनने से वृंदावन में श्रद्धालुओं को कई समस्याओं से राहत मिलेगी, विशेषकर भीड़भाड़ और संकरे रास्तों की समस्याओं से। इससे न केवल वृंदावन का स्वरूप बदलेगा, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की तीर्थ यात्रा भी अधिक सुखदायी और यादगार होगी।

पार्किंग व्यवस्था

श्रद्धालुओं के लिए बेहतर पार्किंग प्रणाली लागू करने की योजना है जिससे भक्तगण आसानी से अपने वाहनों को पार्क कर सकें। बांके बिहारी मंदिर के नजदीक पार्किंग के लिए विशेष स्थलों का निर्माण किया जाएगा।

आशाजनक परिणाम

इस परियोजना से वृंदावन की धार्मिक पर्यटन का स्तर बढ़ेगा और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों दोनों को इससे लाभ होगा। इसके चलते वृंदावन को राज्य में एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का योगी सरकार का सपना साकार हो सकेगा।

भविष्य की योजना

अधिकारियों ने अपने दौरे के बाद वृंदावन के भविष्य के विकास की दिशा तय कर दी है। सरकार का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को अधिकतम सुविधाएं मिलें और वह सुरक्षित और सुगम तीर्थ यात्रा कर सकें। वृंदावन के विकास की इस योजना से न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा, बल्कि धार्मिक आस्वादन भी उच्चतम स्तर पर पहुंच सकेगा।

(वरुण भसीन की रिपोर्ट)

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