समाजवादी पार्टी का महाराष्ट्र में बड़ा दांव
महाराष्ट्र में जहां इंडिया गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत में व्यस्त है, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने एक बड़ा दांव खेला है। राज्य में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही समाजवादी पार्टी ने अपने चार उम्मीदवारों के नाम घोषणा कर दी है। यह घोषणा उस समय हुई है जब महाविकास अघाड़ी और सपा के बीच सीटों का अंतिम फैसला होना बाकी है।
प्रमुख उम्मीदवारों की सूची
अखिलेश यादव द्वारा मालेगांव में की गई सभा के दौरान चार उम्मीदवारों की घोषणा की गई। इन उम्मीदवारों में दो मौजूदा विधायक और दो नए चेहरे शामिल हैं। सूची इस प्रकार है:
– शिवाजी नगर से अबू आजमी
– भिवंडी पूर्व से रईस शेख
– मालेगांव से सासने हिंद
– भिवंडी पश्चिम से रियाज आजमी
इंडिया एलायंस की रणनीति
समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह 12 सीटों की मांग कर रही है। महाराष्ट्र स्पा के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने जोर दिया कि उनके पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इसलिए जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा तय हो जाना चाहिए।
चुनाव आयोग की घोषणा
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को आयोजित की जाएगी। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 9.63 करोड़ है, जिसमें पहली बार वोट डालने वालों की संख्या 20.93 लाख है। इसके लिए 1,00,186 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
महाविकास अघाड़ी की चर्चाएं
यह देखा जाना बाकी है कि समाजवादी पार्टी के इस कदम का महाविकास अघाड़ी पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अबू आसिम आजमी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है, इससे बहस छिड़ सकती है कि क्या समाजवादी पार्टी की मांगों को महाविकास अघाड़ी ने स्वीकार किया है या नहीं।
वोटरों की उम्मीदें
महाराष्ट्र के मतदाताओं के नजरिए से यह चुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इन महासंग्रामों में जनता की क्या राय होगी और किस ओर रुख करेगी, यह तो आगामी चुनाव परिणाम ही बताएंगे। लेकिन समाजवादी पार्टी के इस कदम ने एक बार फिर से चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है।
समाजवादी पार्टी की चुनौतियाँ
इस बीच, समाजवादी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह अपने कोर मतदाताओं को संगठित बनाए रखे। इसके अलावा, महाविकास अघाड़ी के साथ उन्हें समान रूप से संतुलन बनाए रखना भी जरूरी होगा, जिससे कि उनके उम्मीदवारों को समर्थन मिल सके।
अखिल भारतीय राजनीति में समाजवादी पार्टी का यह कदम पार्टी की रणनीतिक सोच और गठबंधन की राजनीति में उनकी मजबूती का संकेत देता है। आने वाले महीनों में यह देखना रोचक होगा कि क्या यह दांव उन्हें राजनीतिक रूप से मजबूत बनाता है या भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले में कहीं कमजोर दिखने लगता है।