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हरियाणा चुनाव में AAP-कांग्रेस गठबंधन: आतिशी का बड़ा खुलासा

मुख्य घटनाक्रम: कांग्रेस में मंथन और गठबंधन की संभावना

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में एक महीने से भी कम समय बचा है, और इसके पहले कांग्रेस पार्टी में गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। सोमवार को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी (CEC) की बैठक हुई, जिसमें प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ और उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। खासकर राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन को लेकर सलाह मांगी। अब कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी का प्रतिक्रिया सामने आई है। दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने पार्टी की रणनीति का खुलासा किया है।

आतिशी का बयान: गठबंधन पर अब भी अनिर्णय

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संभावित गठबंधन को लेकर जब आतिशी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं से राय मांगी है और इसका जवाब उनके कांग्रेस के नेता देंगे। हमें मीडिया से यह खबर मिली है। जब अरविंद केजरीवाल इस मामले पर बयान देंगे, उसके बाद ही इस पर कोई ठोस फैसला हो पाएगा।”

आप की तैयारियां: सभी 90 सीटों पर नजर

आप हरियाणा के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी की रणनीति स्पष्ट है। “हम सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में हमारी बैठकें हो रही हैं और हम लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। अगले 15 दिनों में हम 40 और कार्यक्रम आयोजित करेंगे। हमारा मकसद भाजपा की अहंकारी और तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकना है,” उन्होंने कहा। गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान करेगा।

चुनावी तिथियाँ: मतदान और नतीजों की जानकारी

हरियाणा विधानसभा चुनाव की सभी 90 सीटों के लिए मतदान एक ही चरण में होगा। वोटिंग 5 अक्टूबर को होगी और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। पहले यह चुनाव 1 अक्टूबर को होने वाले थे और गिनती 4 अक्टूबर को होने वाली थी, लेकिन बिश्नोई समाज के त्योहार आसोज अमावस्या के कारण भाजपा ने चुनाव आयोग से तारीख बढ़ाने की अपील की थी। चुनाव आयोग ने इसे स्वीकार कर लिया और मतदान की तारीख बदल दी गई।

सियासी घटनाक्रम: गठबंधन की दिशा और दलों की स्थिति

चुनाव की तिथियाँ नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक घटनाक्रम भी तेजी से बदल रहे हैं। आतिशी और सुशील गुप्ता के बयानों से यह स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी अभी तक कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर समर्पित निर्णय नहीं ले पाई है। दूसरी ओर, कांग्रेस भी अंदरूनी मंथन में जुटी है और राहुल गांधी इस गठबंधन को लेकर अंतर्मुखी वार्ताएं कर रहे हैं।

सम्भावनाएँ और चुनौतियाँ

अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन होता है तो यह हरियाणा के चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है। भाजपा के सामने एक सशक्त विपक्ष खड़ा हो सकता है, जिससे सत्ता की कुर्सी पर कड़ी चुनौती आ सकती है। हालांकि, इस गठबंधन को भी अपने आपसी मतभेदों को हल करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संघटन चुनाव बाद की राजनीति में भी कायम रह सके।

आप का संघर्ष और रोडमैप

आम आदमी पार्टी की रणनीति बिल्कुल साफ है और वह भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पार्टी ने जमीनी स्तर पर अपने कार्यक्रमों और अभियानों को तेज कर दिया है। सुशील गुप्ता ने कहा, “हम 90 सीटों पर पूरी तैयारी कर रहे हैं और बदलाव के लिए संघर्षरत हैं। हमारी यह रणनीति वास्तव में हरियाणा के मतदाताओं को एक नया विकल्प प्रदान करने के लिए है।”

भविष्य की दिशा

आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति में और अधिक स्पष्टता आएगी। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच होने वाली संभावित बैठकें और उन पर निर्भर निर्णय इस चुनाव के भविष्य को निर्धारित करेंगे। सभी प्रमुख खिलाड़ियों की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि आखिरी वक्त में कौन सी चाल चलती जाती है और इससे राजनीतिक खेल में किस तरह की बिसात बिछती है।

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