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हरियाणा में नई राजनीतिक बयार: कैबिनेट में किसने बनाई जगह?

नायब सिंह सैनी की तीसरी जीत

हरियाणा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर से विजयी ताज पहना है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह पार्टी की लगातार तीसरी जीत है। चुनावी परिश्रम के फलस्वरूप, सैनी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति रही।

36 बिरादरी का वादा

भाजपा ने हरियाणा में अपनी सरकार को 36 बिरादरी के साझा सपने पर आधार देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री सैनी के मंत्रिमंडल ने इसी वादे को प्रतिबिंबित किया है। कैबिनेट में ऐसे चेहरों को शामिल किया गया है जो विभिन्न जातीय और क्षेत्रीय समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि पार्टी ने अपना वादा निभाने की पूरी कोशिश की है।

नए चेहरे पर फोकस

नई सरकार की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें मुख्यमंत्री सैनी और अनिल विज के अलावा सभी नए चेहरों को जगह मिली है। इससे पार्टी की युवा ऊर्जा और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत मिलता है। इस मंत्रिमंडल में समावेश के तहत जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री सैनी खुद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं।

कैबिनेट में कौन कहां से?

कैबिनेट में विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। पंजाबी समुदाय से अनिल विज मंत्री के तौर पर नियुक्त किए गए हैं, जबकि श्याम सिंह राणा राजपूत चेहरा हैं। विपुल गोयल को बनिया वर्ग का प्रतिनिधित्व मिलता है। ओबीसी वर्ग से शामिल प्रमुख नाम हैं- आरती राव, राव नरबीर सिंह और राजेश नागर। ये सभी नए मंत्रियों के रूप में नियुक्त किए गए हैं।

रिजर्वेशन और विविधता

सैनी के मंत्रिमंडल में ब्राह्मण समुदाय से गौरव गौतम और अरविंद शर्मा को जगह दी गई है। दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व कृष्ण कुमार बेदी और कृष्ण लाल पंवार करते हैं। जाट समुदाय से किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी प्रमुख चेहरा हैं। सरकार का यह कदम सामाजिक विविधता और समावेश को दर्शाता है।

शपथ से पहले सीएम का फोन

शपथ ग्रहण से पहले सभी नए मंत्रियों को मिलने वाला फोन कॉल चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री सैनी ने व्यक्तिगत रूप से सभी को फोन कर उनका सहयोग मांगा और उन्हें कैबिनेट का हिस्सा बनने का न्योता दिया। यह व्यक्तिगत स्पर्श सरकार की अंदरूनी संघटनात्मक मजबूती को दर्शाता है।

अनुभव और युवा जोश का मेल

हरियाणा की विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, जिसके मुताबिक अधिकतम 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल की गुंजाइश होती है। यह मंत्रिमंडल अब अनुभव और युवा जोश का अनूठा संगम है। अनुभवी नेताओं के साथ नए चेहरों का तालमेल, सरकार के मिशनों को नई दिशा देगा।

महिला सशक्तिकरण की दिशा

आरती राव और श्रुति चौधरी का चयन महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सरकार के उस दृष्टिकोण को उजागर करता है जिसमें महिलाएं नेतृत्व के प्रमुख रोल्स में होती हैं।

इस प्रकार, नए मंत्रिमंडल में विभिन्न जाति और समुदायों का ध्यान रखा गया है। भाजपा की यह सरकार इस वादे के साथ आई है कि हरियाणा के विकास के लिए सभी बिरादरियों का योगदान सुनिश्चित किया जाएगा। यह नई सरकार विविधता, परिवर्तन और नवाचार की दिशा को परिभाषित करेगी।

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