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अखिलेश ने बहराइच एनकाउंटर पर उठाए सवाल

बहराइच एनकाउंटर की घटना

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक प्रमुख घटना के तहत गुरुवार को पुलिस एनकाउंटर में हिंसा के दो आरोपी, सरफराज और तालिब, गोली लगने से घायल हो गए। इन पर आरोप था कि इन्होंने बहराइच में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या की थी। इस घटना के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।

अखिलेश यादव का बयान

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि ये एनकाउंटर सरकार की नाकामी छिपाने का एक नया तरीका बन गया है। अखिलेश ने इसे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि सरकार एनकाउंटर के माध्यम से लोगों को डराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह घटना विचलित करने वाली है और सरकार की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है।

घटना के पीछे की सोच

अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि यह घटना रोकी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में चाहती तो हिंसा को रोका जा सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की पुलिस का तरीका अब बिगड़ गया है। जब भी एनकाउंटर की जांच होगी, तो सच्चाई सामने आएगी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के पूर्व डीजीपी भी इस प्रकार की घटनाओं को हत्याएं करार दे चुके हैं।

पुलिस की कार्यवाही

एनकाउंटर के बाद बहराइच हिंसा मामले में कुल पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें से दो लोगों को गोली लगी है। जानकारी के अनुसार, ये आरोपी कथित तौर पर नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे, जो कि बहराइच के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने मीडिया से बातचीत में पुष्टि की कि आरोपियों को पकड़ा गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

बहराइच हिंसा की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हिंसा में संलिप्त व्यक्तियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे और हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएंगे।

समाज की प्रतिक्रियाएँ

घटना के बाद समाज के कई वर्गों ने प्रतिक्रिया दी है। रामगोपाल मिश्रा के परिजनों ने भी असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि जब तक हत्यारों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक उनका गुस्सा शांत नहीं होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वादा किया है कि वह हर संभव कदम उठाएगी ताकि कानून का शासन कायम रहे और दोषियों को सजा मिले।

मामले की जटिलता

यह मामला अब न केवल कानून और व्यवस्था के मुद्दों तक सीमित है, बल्कि इसमें राजनीतिक रंग भी शामिल हो गया है। अखिलेश यादव जैसे नेताओं की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है कि इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा है। यह स्थिति यह भी दर्शाती है कि प्रदेश में अपराध और राजनीति के बीच की दलदल कितनी गहरी है।

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