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अमित शाह पर कनाडा के आरोपों पर भारत का कड़ा जवाब

परिचय

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंध आमतौर पर सहयोगपूर्ण रहे हैं। हालाँकि, हाल ही में कनाडाई सरकार के अधिकारियों द्वारा किए गए दावों ने इन संबंधों में अस्थिरता पैदा कर दी है। कनाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिए गए बयान के बाद स्थिति ज़्यादा जटिल हो गई है जिसमें भारत के गृहमंत्री अमित शाह का नाम किसी गतिविधि में खींचा गया था।

भारत की प्रतिक्रिया

पिछले कुछ दिनों में भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर के अपने कड़े विरोध प्रकट किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि कनाडा के अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भारत के विरुद्ध झूठे और निराधार बातें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत की छवि खराब करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है, जिससे दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिका ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं। अमेरिकी सरकार ने कहा कि वह कनाडा के इस आरोप को चिंताजनक मानती है और इस पर कनाडा से बातचीत जारी रखेगी। अमेरिकी दृष्टिकोण से यह मामला केवल भारत-कनाडा संबंधों का नहीं हो सकता, बल्कि इसमें अंतरराष्ट्रीय राजनीति के व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

पसमंजर

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कनाडा में राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की एक सुनवाई के दौरान कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने माना कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भारत के गृहमंत्री अमित शाह का नाम लीक किया था। इसका दावा था कि खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने वाले अभियान के पीछे अमित शाह का हाथ है। यह आरोप भारतीय प्रशासन के लिए खासा गंभीर था और तुरंत इसका खंडन किया गया।

भारतीय समाज की प्रतिक्रिया

भारतीय समाज और विभिन्न संगठनों ने कनाडाई आरोपों को सिरे से नकार दिया है। भारतीय समुदाय में इस मुद्दे को लेकर नाराजगी व्याप्त है, और यह मांग की जा रही है कि कनाडा इस पर स्पष्टता लाए और भारत के खिलाफ फैलाए गए झूठ पर माफी मांगे।

विजा और समारोह सम्बंधी मुद्दे

भारत ने यह भी चिंता जताई है कि वर्तमान माहौल के चलते कनाडा में भारतीय नागरिकों के लिए वीजा की संख्या में कमी की जा रही है। इसके अलावा, कनाडा की संसद में दिवाली समारोह रद्द होने की खबरों के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे असहिष्णुता का उदाहरण बताया है।

निष्कर्ष

इस स्थिति में जल्द ही समाधान की उम्मीद है क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं जो दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि द्विपक्षीय बातचीत और सहयोग से इस प्रकार के विवादों को सुलझाया जाना चाहिए ताकि दोनों देशों के संबंधों में स्थिरता आ सके।

भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। दूसरी ओर, कनाडा को यह समझना होगा कि इस तरह के आरोपों से न केवल भारत-कनाडा संबंध प्रभावित होंगे, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भी उसका नुकसान हो सकता है।

इस मुद्दे पर दोनों देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में कोई भी ऐसी स्थिति ना उत्पन्न हो जो उनके आपसी रिश्तों को खतरे में डाले।

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