India–Kyrgyzstan ‘Khanjar’ Exercise: भारत और किर्गिस्तान ने आंतकियों से निपटने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण संयुक्त अभ्यास किया. खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ यह अभ्यास अहम है. दोनों देशों के बीच ज्वाइंट स्पेशल फोर्सेज अभ्यास ‘खंजर’ का यह 12वां संस्करण था, जो रविवार को पूरा हो गया.
यह मिलिट्री एक्सरसाइज 10 मार्च से किर्गिस्तान स्थित टोकमोक की दुर्गम पहाड़ियों में जारी था. भारत की पैरा रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिज़ स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिकों ने इस हाइ-लेवल ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया. इस अभ्यास का मकसद अत्यधिक ऊंचाई पर युद्ध कौशल और आतंकवाद-रोधी रणनीतियों को बढ़ाना था.
सीनियर सैन्य अफसरों के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का एक प्रमुख आकर्षण नौरोज का उत्सव रहा. यह एक कल्चरल प्रोग्राम था जिसका मकसद दोनों देशों के सैन्य कर्मियों को एक-दूसरे के नजदीक लाना और आपसी समझ को बढ़ावा देना था. साथ ही, द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती मिली.
दो भारतीय जवानों को किया सम्मानित
इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने स्नाइपिंग, माउंटैन वॉरफेयर स्कील्स और आतंकवाद-रोधी अभ्यास जैसे खास उन्नत ऑपरेशनों का ट्रेनिंग लिया. समापन समारोह के दौरान, किर्गिज़ डिफेंस मिनिस्टरी ने दो भारतीय सैनिकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक से सम्मानित किया. वहीं, दो अन्य जवानों को उनके पेशेवर मानकों के लिए प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए.
कई अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने लिया हिस्सा
इस प्रोग्राम में दोनों देशों की रक्षा बलों के सीनियर अफसरों और अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने हिस्सा लिया, जो ‘खंजर’ के रणनीतिक महत्व और क्षेत्रीय स्थिरता एवं रक्षा सहयोग को मजबूत करने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है. इस दौरान यहां एक डिटेल्ड रिव्यू सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने यहां सीखे गए पाठों को कंसोलिडेटेड किया और फ्यूचर में मदद के नए रास्तों पर बात की.
भारत की पैराशूट रेजिमेंट ने भी लिया हिस्सा
‘खंजर’ की सफल समाप्ति दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की कमिटमेंट को प्रमाणित करती है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी दोस्ती और सहयोग को दिखाता है. इस संस्करण में भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक शामिल रहे.
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
यह मिलिट्री एक्सरसाइज 10 मार्च से किर्गिस्तान स्थित टोकमोक की दुर्गम पहाड़ियों में जारी था. भारत की पैरा रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिज़ स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिकों ने इस हाइ-लेवल ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया. इस अभ्यास का मकसद अत्यधिक ऊंचाई पर युद्ध कौशल और आतंकवाद-रोधी रणनीतियों को बढ़ाना था.
सीनियर सैन्य अफसरों के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का एक प्रमुख आकर्षण नौरोज का उत्सव रहा. यह एक कल्चरल प्रोग्राम था जिसका मकसद दोनों देशों के सैन्य कर्मियों को एक-दूसरे के नजदीक लाना और आपसी समझ को बढ़ावा देना था. साथ ही, द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती मिली.
दो भारतीय जवानों को किया सम्मानित
इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने स्नाइपिंग, माउंटैन वॉरफेयर स्कील्स और आतंकवाद-रोधी अभ्यास जैसे खास उन्नत ऑपरेशनों का ट्रेनिंग लिया. समापन समारोह के दौरान, किर्गिज़ डिफेंस मिनिस्टरी ने दो भारतीय सैनिकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक से सम्मानित किया. वहीं, दो अन्य जवानों को उनके पेशेवर मानकों के लिए प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए.
कई अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने लिया हिस्सा
इस प्रोग्राम में दोनों देशों की रक्षा बलों के सीनियर अफसरों और अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने हिस्सा लिया, जो ‘खंजर’ के रणनीतिक महत्व और क्षेत्रीय स्थिरता एवं रक्षा सहयोग को मजबूत करने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है. इस दौरान यहां एक डिटेल्ड रिव्यू सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने यहां सीखे गए पाठों को कंसोलिडेटेड किया और फ्यूचर में मदद के नए रास्तों पर बात की.
भारत की पैराशूट रेजिमेंट ने भी लिया हिस्सा
‘खंजर’ की सफल समाप्ति दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की कमिटमेंट को प्रमाणित करती है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी दोस्ती और सहयोग को दिखाता है. इस संस्करण में भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक शामिल रहे.
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
सीनियर सैन्य अफसरों के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का एक प्रमुख आकर्षण नौरोज का उत्सव रहा. यह एक कल्चरल प्रोग्राम था जिसका मकसद दोनों देशों के सैन्य कर्मियों को एक-दूसरे के नजदीक लाना और आपसी समझ को बढ़ावा देना था. साथ ही, द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती मिली.
दो भारतीय जवानों को किया सम्मानित
इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने स्नाइपिंग, माउंटैन वॉरफेयर स्कील्स और आतंकवाद-रोधी अभ्यास जैसे खास उन्नत ऑपरेशनों का ट्रेनिंग लिया. समापन समारोह के दौरान, किर्गिज़ डिफेंस मिनिस्टरी ने दो भारतीय सैनिकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक से सम्मानित किया. वहीं, दो अन्य जवानों को उनके पेशेवर मानकों के लिए प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए.
कई अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने लिया हिस्सा
इस प्रोग्राम में दोनों देशों की रक्षा बलों के सीनियर अफसरों और अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने हिस्सा लिया, जो ‘खंजर’ के रणनीतिक महत्व और क्षेत्रीय स्थिरता एवं रक्षा सहयोग को मजबूत करने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है. इस दौरान यहां एक डिटेल्ड रिव्यू सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने यहां सीखे गए पाठों को कंसोलिडेटेड किया और फ्यूचर में मदद के नए रास्तों पर बात की.
भारत की पैराशूट रेजिमेंट ने भी लिया हिस्सा
‘खंजर’ की सफल समाप्ति दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की कमिटमेंट को प्रमाणित करती है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी दोस्ती और सहयोग को दिखाता है. इस संस्करण में भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक शामिल रहे.
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
दो भारतीय जवानों को किया सम्मानित
इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने स्नाइपिंग, माउंटैन वॉरफेयर स्कील्स और आतंकवाद-रोधी अभ्यास जैसे खास उन्नत ऑपरेशनों का ट्रेनिंग लिया. समापन समारोह के दौरान, किर्गिज़ डिफेंस मिनिस्टरी ने दो भारतीय सैनिकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक से सम्मानित किया. वहीं, दो अन्य जवानों को उनके पेशेवर मानकों के लिए प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए.
कई अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने लिया हिस्सा
इस प्रोग्राम में दोनों देशों की रक्षा बलों के सीनियर अफसरों और अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने हिस्सा लिया, जो ‘खंजर’ के रणनीतिक महत्व और क्षेत्रीय स्थिरता एवं रक्षा सहयोग को मजबूत करने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है. इस दौरान यहां एक डिटेल्ड रिव्यू सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने यहां सीखे गए पाठों को कंसोलिडेटेड किया और फ्यूचर में मदद के नए रास्तों पर बात की.
भारत की पैराशूट रेजिमेंट ने भी लिया हिस्सा
‘खंजर’ की सफल समाप्ति दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की कमिटमेंट को प्रमाणित करती है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी दोस्ती और सहयोग को दिखाता है. इस संस्करण में भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक शामिल रहे.
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
कई अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने लिया हिस्सा
इस प्रोग्राम में दोनों देशों की रक्षा बलों के सीनियर अफसरों और अन्य मित्र देशों के नुमाइंदों ने हिस्सा लिया, जो ‘खंजर’ के रणनीतिक महत्व और क्षेत्रीय स्थिरता एवं रक्षा सहयोग को मजबूत करने में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है. इस दौरान यहां एक डिटेल्ड रिव्यू सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने यहां सीखे गए पाठों को कंसोलिडेटेड किया और फ्यूचर में मदद के नए रास्तों पर बात की.
भारत की पैराशूट रेजिमेंट ने भी लिया हिस्सा
‘खंजर’ की सफल समाप्ति दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की कमिटमेंट को प्रमाणित करती है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी दोस्ती और सहयोग को दिखाता है. इस संस्करण में भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक शामिल रहे.
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
भारत की पैराशूट रेजिमेंट ने भी लिया हिस्सा
‘खंजर’ की सफल समाप्ति दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी की कमिटमेंट को प्रमाणित करती है. भारत और किर्गिस्तान के बीच यह सैन्य अभ्यास गहरी दोस्ती और सहयोग को दिखाता है. इस संस्करण में भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) और किर्गिस्तान की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के विशेष सैनिक शामिल रहे.
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी
भारत और किर्गिस्तान के बीच इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास की शुरुआत पहली बार साल 2011 में हुई थी. मौजूदा अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने शहरी जंगी हालात, आतंकवाद रोधी रणनीतियों और सटीक स्नाइपिंग एक्सरसाइज की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ का मकसद भारतीय सेना और किर्गिस्तान सेना के स्पेशल फोर्सेज के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ किए जाने वाले अभियानों में अपना हुनर दिखाया. यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक तालुकात के अनूठे आयाम को भी दिखाता है.
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
पिछला खंजर अभ्यास जनवरी 2024 में भारत में किया गया था. इस अभ्यास में जहां एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में भी ऐसी हिंसक समस्याओं से निपटने का ट्रेनिंग किया गया.
इनपुट- IANS
इनपुट- IANS
