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आज की ताजा खबर: गांदरबल में आतंकियों का कहर टारगेट किलिंग से 7 लोगों की मौत


गांदरबल में आतंकी हमला: आतंकियों का नया निशाना

जम्मू-कश्मीर के शांति प्रिय क्षेत्र गांदरबल में एक बार फिर आतंकवाद ने अपनी जड़े फैलाई हैं। आतंकी हमले में इस बार निर्दोष जनता को निशाना बनाया गया है। पुराने पैटर्न के अनुकरण में, आतंकियों ने टारगेट किलिंग की घटना को अंजाम दिया, जिससे गांदरबल एक बार फिर दहशत में डूब गया। इस आतंकी हमले में डॉक्टर समेत कुल सात लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। इसके अलावा, घटना स्थल पर मौजूद पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। डॉक्टर की हत्या से यह साफ हो जाता है कि ये आतंकवादी केवल निर्दोष जीवन को समाप्त करने के उद्देश्य से परिचालित होते हैं।

गोलियों की बौछार से दहशत

हमला श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के पास गगनगीर क्षेत्र में हुआ, जहां जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा था। इस निर्माण स्थल पर कार्य कर रहे मजदूरों को आक्रमण का सामना करना पड़ा। अचानक ही गोलियों की बौछार से पूरा क्षेत्र दहल उठा, और स्थानीय लोग सहम गए। कायराना तरीके से हुए इस हमले ने पूरे गांदरबल इलाके को सन्न कर दिया है।

दिल्ली में हिंसा: रोहिणी में बम धमाका

इस बीच, दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए बम धमाके से हड़कंप मच गया। हालांकि, किसी को जान का नुकसान नहीं हुआ है, परंतु यह घटना दिल्ली पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई है। पुलिस के अनुसार, यह संभव है कि यह धमाका देसी बम के कारण हुआ हो। विस्फोट के पहले और बाद की घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज पुलिस के कब्जे में हैं, और पुलिस इनका गहराई से विश्लेषण कर रही है।

तफ्तीश जारी

दिल्ली पुलिस ने टेलीग्राम को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें ‘Justice League India’ नाम के चैनल की जानकारी मांगी है। धमाके के बाद टेलीग्राम चैनल पर सीसीटीवी फुटेज अपलोड कर धमाके की जिम्मेदारी ली गई थी। अभी तक टेलीग्राम की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिली है, जिससे पुलिस की जांच शामिल समूहों के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने में धीमी हो गई है।

निगरानी और सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता

विशेषज्ञ इस तरह की घटनाओं को सरकारी एजेंसियों की सुरक्षा खामियों के रूप में देखते हैं। कहीं न कहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण ही आतंकवादी और हिंसावादी तत्व अपने मिशन को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं। ऐसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव

इन घटनाओं के चलते जम्मू-कश्मीर में निवेश और पर्यटन के क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विदेशी और भारतीय निवेशक इन क्षेत्रों में निवेश करने से पहले कई बार सोचेंगे, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, सामान्य जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं, जो कि सरकारी आंकड़ों को भी चुनौती देती है।

जांच और प्रतिक्रियाएं

जांच एजेंसियों को आरोपियों को पकड़ने और उनके पैटर्न का अध्ययन करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोका जा सके। सरकार की तरफ से भी इस बार गंभीर कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है। देशभर के नागरिक इन घटनाओं की कड़ी निंदा कर रहे हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

समेकन की दिशा में कदम

समय की मांग है कि सभी सरकारी और निजी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर इन हालातों पर काबू पाने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक प्राथमिकता होनी चाहिए। यह आशा की जाती है कि जल्द ही इस घटनाक्रम के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

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