Maharashtra News: देश में एक बार फिर औरंगजेब को लेकर बहस छिड़ गई है. महाराष्ट्र से उठा ये तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब शिवसेना नेता मनीषा कायंदे की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि सच्चाई यही है कि लोगों ने कई सालों तक औरंगजेब की कब्र को सहन किया गया. क्रूर मुगल शासक की कब्र की जरूरत क्या है? उन्होंने ऐसी टिप्पणी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान के बाद की है.
कब्र को लेकर क्या बोलीं
क्रूर मुगल शासक की कब्र की जरूरत क्या है? हालांकि, इस पर निर्णय सरकार लेगी कि उसे रखना चाहिए या नहीं. सेंट्रल गवर्नमेंट, एएसआई जैसी संस्थाएं भी इस पर फैसला लेती हैं. ये जनभावना है कि औरंगजेब, जिसने हिंदुओं को तकलीफ दी और हमारे मंदिरों को तोड़ा, हिंदुओं पर अत्याचार भी किए, ऐसे इंसान की कब्र को क्यों रखना है और उस पर खर्च क्यों करना है.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इतिहास के पन्नों से उसका नाम भी मिटाना चाहिए. अगर इतिहास के पन्नों में उसका नाम रहेगा, तो एक क्रूर शासक के तौर पर रखना चाहिए. जनभावना है कि उसकी कब्र पर खर्च क्यों किया जाए.
ये है अलग बात
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के धर्म बदलने की सजा वाले बयान पर शिवसेना नेता ने कहा, “हर एक सरकार का अधिकार है कि वह क्या बिल लाना चाहती है, क्योंकि बहुत सारे बिल लाए जाते हैं और उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है. हम किसी भी बिल को लेकर भावनात्मक नजरिए से बहुत कुछ बोलते हैं, मगर वह प्रत्यक्ष रूप में आएगा या नहीं, यह एक अलग बात है. मुझे लगता है कि धर्मांतरण एक पाप है और किसी को भी अवैध रूप से धर्म बदलवाना सही नहीं है. हालांकि मामले में किसी को फांसी की सजा देनी है या नहीं, इस पर चर्चा हो सकती है. (आईएएनएस)
कब्र को लेकर क्या बोलीं
क्रूर मुगल शासक की कब्र की जरूरत क्या है? हालांकि, इस पर निर्णय सरकार लेगी कि उसे रखना चाहिए या नहीं. सेंट्रल गवर्नमेंट, एएसआई जैसी संस्थाएं भी इस पर फैसला लेती हैं. ये जनभावना है कि औरंगजेब, जिसने हिंदुओं को तकलीफ दी और हमारे मंदिरों को तोड़ा, हिंदुओं पर अत्याचार भी किए, ऐसे इंसान की कब्र को क्यों रखना है और उस पर खर्च क्यों करना है.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इतिहास के पन्नों से उसका नाम भी मिटाना चाहिए. अगर इतिहास के पन्नों में उसका नाम रहेगा, तो एक क्रूर शासक के तौर पर रखना चाहिए. जनभावना है कि उसकी कब्र पर खर्च क्यों किया जाए.
ये है अलग बात
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के धर्म बदलने की सजा वाले बयान पर शिवसेना नेता ने कहा, “हर एक सरकार का अधिकार है कि वह क्या बिल लाना चाहती है, क्योंकि बहुत सारे बिल लाए जाते हैं और उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है. हम किसी भी बिल को लेकर भावनात्मक नजरिए से बहुत कुछ बोलते हैं, मगर वह प्रत्यक्ष रूप में आएगा या नहीं, यह एक अलग बात है. मुझे लगता है कि धर्मांतरण एक पाप है और किसी को भी अवैध रूप से धर्म बदलवाना सही नहीं है. हालांकि मामले में किसी को फांसी की सजा देनी है या नहीं, इस पर चर्चा हो सकती है. (आईएएनएस)
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इतिहास के पन्नों से उसका नाम भी मिटाना चाहिए. अगर इतिहास के पन्नों में उसका नाम रहेगा, तो एक क्रूर शासक के तौर पर रखना चाहिए. जनभावना है कि उसकी कब्र पर खर्च क्यों किया जाए.
ये है अलग बात
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के धर्म बदलने की सजा वाले बयान पर शिवसेना नेता ने कहा, “हर एक सरकार का अधिकार है कि वह क्या बिल लाना चाहती है, क्योंकि बहुत सारे बिल लाए जाते हैं और उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है. हम किसी भी बिल को लेकर भावनात्मक नजरिए से बहुत कुछ बोलते हैं, मगर वह प्रत्यक्ष रूप में आएगा या नहीं, यह एक अलग बात है. मुझे लगता है कि धर्मांतरण एक पाप है और किसी को भी अवैध रूप से धर्म बदलवाना सही नहीं है. हालांकि मामले में किसी को फांसी की सजा देनी है या नहीं, इस पर चर्चा हो सकती है. (आईएएनएस)
ये है अलग बात
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के धर्म बदलने की सजा वाले बयान पर शिवसेना नेता ने कहा, “हर एक सरकार का अधिकार है कि वह क्या बिल लाना चाहती है, क्योंकि बहुत सारे बिल लाए जाते हैं और उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है. हम किसी भी बिल को लेकर भावनात्मक नजरिए से बहुत कुछ बोलते हैं, मगर वह प्रत्यक्ष रूप में आएगा या नहीं, यह एक अलग बात है. मुझे लगता है कि धर्मांतरण एक पाप है और किसी को भी अवैध रूप से धर्म बदलवाना सही नहीं है. हालांकि मामले में किसी को फांसी की सजा देनी है या नहीं, इस पर चर्चा हो सकती है. (आईएएनएस)
