ईरान का इजरायल पर हमला
ईरान ने इजरायल पर मंगलवार रात कई मिसाइलें दागीं, जिससे पूरी दुनिया चौंक गई है। इस अप्रत्याशित हमले ने पश्चिम एशिया में गतिरोध की स्थिति को और भी नाजुक बना दिया है। ईरान ने यह हमला कर स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि वह इजरायल के साथ युद्ध के लिए तैयार है। भारत ने इस तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अपने नागरिकों को ईरान की यात्रा से बचने की सलाह दी है और ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए तेहरान में भारतीय दूतावास से संपर्क करने की एडवाइजरी जारी की है।
शिया धर्म गुरु कल्बे जवाद का बड़ा बयान
शिया धर्म गुरु कल्बे जवाद ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ईरान ने इजरायल पर हमला नहीं किया, बल्कि यह एक प्रतिरक्षात्मक कार्रवाई थी। उनके अनुसार, मीडिया इजरायल की सच्चाई को उजागर नहीं कर रही है और उसे आतंकवादी नहीं कह रही है। कल्बे जवाद के अनुसार, इजरायल ने न सिर्फ बाल-बच्चों में बल्कि एक-एक महीने के बच्चों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि दुनिया को इजरायल को सजा देने के लिए साथ आना चाहिए।
इजरायल के मनसूबे
शिया धर्म गुरु कल्बे जवाद ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इजरायल मक्का-मदीना को कब्जा करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि इजरायल के नक़्शे से यह स्पष्ट होता है कि उसकी निगाह मिस्र और सऊदी अरब समेत पांच देशों पर है। ग्रेटर इजरायल की योजना के तहत, इजरायल इन देशों पर कब्जा करना चाहता है। कल्बे जवाद ने जोर देकर कहा कि इजरायल के खिलाफ सिर्फ ईरान ही शेर की तरह डटकर खड़ा है और हुसैन की तरह सिर कटाकर भी जुल्म के सामने नहीं झुकेगा।
प्रतिक्रिया में नेतन्याहू का कड़ा संदेश
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल हमले का तगड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान ने बड़ी गलती की है और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। नेतन्याहू ने इस हमले को असफल करार देते हुए कहा कि ईरान को जल्द ही एक कड़ा सबक मिलेगा, जैसा कि गाजा, लेबनान और अन्य स्थानों पर उनके दुश्मनों को मिला है। नेतन्याहू ने यह भी बताया कि इजरायल हर उस हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा जो उस पर किया जाएगा।
हमले पर इजरायल का दावा
मंगलवार रात को हुए इस हमले के बाद इजरायली नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। दूसरी ओर, ईरान में इस पर जश्न मनाया गया। इस हमले में कितने लोग हताहत हुए हैं, इसकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। इजरायल ने दावा किया है कि उसने कई मिसाइलों को लक्ष्य तक पहुँचने से पहले ही नष्ट कर दिया। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी युद्धपोत इजरायल की रक्षा में सहायता कर रहे हैं। इसके विपरीत, ईरान का दावा है कि उसकी ज्यादातर मिसाइलें अपने लक्ष्य पर पहुंच गईं।
ईरान की नई रणनीति
ईरान ने इजरायल के खिलाफ यह कदम उठा कर अपनी नई रणनीति जाहिर कर दी है। विश्व राजनीति के विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ईरान अब इजरायल के खिलाफ और भी आक्रामक रुख अपनाएगा। इस घटना ने पश्चिम एशिया की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है, जहां कई देश इस मुद्दे पर अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला सिर्फ ईरान और इजरायल के बीच का मामला नहीं है, बल्कि इससे पूरी दुनिया की शांति को खतरा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत भी इस मुद्दे पर गंभीर है और उसने अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए चेतावनी जारी की है। भारतीय दूतावास ने ईरान में रह रहे भारतीयों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी है। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि भारत के लिए यह स्थिति चिंता का विषय है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
न केवल भारत, बल्कि दुनिया के अन्य देश भी इस हमले की प्रतिक्रिया में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अमेरिका ने इजरायल की सहायता करने का वादा किया है, जबकि कई अन्य देशों ने भी इस मुद्दे पर अपनी नीतियां बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना आने वाले दिनों में वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव ला सकती है।
इस पूरे मामले में ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ गया है और इससे न केवल पश्चिम एशिया, बल्कि पूरी दुनिया पर असर पड़ सकता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आने वाले दिनों में कौन-कौन से देश इस तनावपूर्ण स्थिति को कैसे संभालते हैं और इसका वैश्विक राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।