Aurangzeb Tomb Controversy: महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर मचा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस घमासान को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे कदम से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी.
न हो राजनीतिकरण
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के नेता ने यह भी कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की है. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे संगठनों ने सोमवार को राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है, जिसमें कब्र को हटाने के लिए कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया जाएगा. संगठनों ने मांग पूरी नहीं होने पर ‘कारसेवा’ और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
कब्र हटाने की हुई थी मांग
मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी. महाराष्ट्र में औरंगजेब को मराठों के साथ उनकी लड़ाई के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने मुगल शासक की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का विरोध किया था. शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी को औरंगजेब के आदेश पर पकड़ कर प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री
आठवले ने कहा कि यह सच है कि औरंगजेब क्रूर था और उसने (शिवाजी महाराज के बेटे) छत्रपति संभाजी महाराज को मार डाला, लेकिन, औरंगजेब (मराठा) साम्राज्य को जीतने में विफल रहा और अंततः महाराष्ट्र में उसकी मृत्यु हो गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘औरंगजेब की कब्र कई वर्षों से मौजूद है और इस मुद्दे को फिर से खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह कब्र उसके बुरे कर्मों की याद दिलाती है और इसे हटाने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी. कुछ भाजपा नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर आठवले ने कहा कि उनका मानना है कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. (भाषा)
न हो राजनीतिकरण
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के नेता ने यह भी कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की है. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे संगठनों ने सोमवार को राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है, जिसमें कब्र को हटाने के लिए कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया जाएगा. संगठनों ने मांग पूरी नहीं होने पर ‘कारसेवा’ और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
कब्र हटाने की हुई थी मांग
मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी. महाराष्ट्र में औरंगजेब को मराठों के साथ उनकी लड़ाई के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने मुगल शासक की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का विरोध किया था. शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी को औरंगजेब के आदेश पर पकड़ कर प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री
आठवले ने कहा कि यह सच है कि औरंगजेब क्रूर था और उसने (शिवाजी महाराज के बेटे) छत्रपति संभाजी महाराज को मार डाला, लेकिन, औरंगजेब (मराठा) साम्राज्य को जीतने में विफल रहा और अंततः महाराष्ट्र में उसकी मृत्यु हो गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘औरंगजेब की कब्र कई वर्षों से मौजूद है और इस मुद्दे को फिर से खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह कब्र उसके बुरे कर्मों की याद दिलाती है और इसे हटाने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी. कुछ भाजपा नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर आठवले ने कहा कि उनका मानना है कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. (भाषा)
कब्र हटाने की हुई थी मांग
मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी. महाराष्ट्र में औरंगजेब को मराठों के साथ उनकी लड़ाई के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने मुगल शासक की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का विरोध किया था. शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी को औरंगजेब के आदेश पर पकड़ कर प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री
आठवले ने कहा कि यह सच है कि औरंगजेब क्रूर था और उसने (शिवाजी महाराज के बेटे) छत्रपति संभाजी महाराज को मार डाला, लेकिन, औरंगजेब (मराठा) साम्राज्य को जीतने में विफल रहा और अंततः महाराष्ट्र में उसकी मृत्यु हो गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘औरंगजेब की कब्र कई वर्षों से मौजूद है और इस मुद्दे को फिर से खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह कब्र उसके बुरे कर्मों की याद दिलाती है और इसे हटाने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी. कुछ भाजपा नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर आठवले ने कहा कि उनका मानना है कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. (भाषा)
क्या बोले केंद्रीय मंत्री
आठवले ने कहा कि यह सच है कि औरंगजेब क्रूर था और उसने (शिवाजी महाराज के बेटे) छत्रपति संभाजी महाराज को मार डाला, लेकिन, औरंगजेब (मराठा) साम्राज्य को जीतने में विफल रहा और अंततः महाराष्ट्र में उसकी मृत्यु हो गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘औरंगजेब की कब्र कई वर्षों से मौजूद है और इस मुद्दे को फिर से खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह कब्र उसके बुरे कर्मों की याद दिलाती है और इसे हटाने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी. कुछ भाजपा नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर आठवले ने कहा कि उनका मानना है कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. (भाषा)
