घुसपैठ की कोशिश और बारामुला में सचिवीय ऑपरेशन
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं ने एक बार फिर पूरे देश में हलचल मचा दी है। खासकर बारामुला में हुए ऑपरेशन ने सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता बढ़ा दी है। भारतीय सेना के अधिकारियों को उरी, बारामुला के सामान्य क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की सटीक जानकारी मिली थी। इस जानकारी के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। आतंकवादियों की गतिविधि पर नजर रखते हुए, सतर्क सैनिकों ने उन्हें चुनौती दी, जिसके बाद आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। भारतीय सेना की तरफ से गंभीर जवाबी कार्रवाई की गई और एक आतंकी को भारी हथियारों के साथ मार गिराया गया।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद: गांदरबल में खूनी वारदात
सेना का बारामुला में सफलता के बाद भी आतंक का काला साया हटने का नाम नहीं ले रहा। गांदरबल में एक अलग घटना में, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 7 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इन निर्मम हमलों ने स्थानीय लोगों को हिला कर रख दिया है और इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय हाईवे पर टनल साइट पर बंदूकधारियों ने एक डॉक्टर और छह मजदूरों को निशाना बनाया, जो अपने काम से लौट रहे थे।
सरकार का सख्त रुख और सुरक्षा बलों की बढ़ती जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर में एक नए दशक के बाद सरकार का गठन हुआ ही था कि इस तरह के बर्बर हमले सामने आ रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने सेना और सुरक्षाबलों को आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ फ्री हैंड दिया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पिछले 10 सालों से सेना को किसी भी आतंकवादी गतिविधि को कुचलने की अनुमति दी गई है। इस नीति के तहत, सुरक्षा बल किसी भी आगाख्ता आतंकवादी को धराशायी करने के लिए स्वतंत्र हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान
आतंकवादी घटनाओं की निंदा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांदरबल हमले को बेहद नृशंस बताया और कहा कि इसमें शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि निर्दोष नागरिकों पर इस बेहद कायरतापूर्ण हमले के गुनहगारों को जल्द से जल्द उनके किए की सजा दिलाई जाएगी।
आतंकवाद के खिलाफ सतर्कता की जरूरत
बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने हालिया आतंकी हमले के मद्देनजर कहा कि आतंकवादियों का मकसद नई सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को बाधित करना और डर फैलाने का हो सकता है। उन्होंने लोगों से सतर्क और सावधान रहने की अपील की है।
सर्च ऑपरेशन और सुरक्षाबलों की तैनाती
इन आतंकवादी घटनाओं के बाद कश्मीर घाटी के कई इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। खासकर गांदरबल से लेकर कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में सघन सर्च ऑपरेशन्स चल रहे हैं।
इस प्रकार की घटनाएं जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं और इससे निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां हर संभव कोशिश कर रही हैं। इन खतरों को समाप्त करने के लिए जनता और सुरक्षा बलों का संयुक्त प्रयास आवश्यक है। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की नजर अब ऐसे आतंकवादी तत्वों पर और भी मजबूत हो गई है, ताकि जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति के प्रयास सफल हो सकें।