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‘कांग्रेस की ईवीएम बैटरी पर हार: चुनाव आयोग के बयान में नया मोड़’

परिचय

चुनावी माहौल हलचल से परिपूर्ण होता है। जब तक चुनावी नतीजे आते हैं, तब तक ईवीएम की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता पर सवाल उठना अनिवार्य सा हो गया है। हाल में हरियाणा विधानसभा चुनावों में इस मुद्दे ने जोर पकड़ा जब कांग्रेस ने अलग-अलग बैटरी की क्षमता वाली ईवीएम पर उंगलियां उठाईं। इन आरोपों के मद्देनजर, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया कि हरियाणा के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम की बैटरी क्षमता के साथ छेड़छाड़ की गई, जिसने नतीजों को प्रभावित किया। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने लोगों को इस ‘षड्यंत्र’ को समझने की चुनौती दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जहां बैटरी का चार्ज 99% था, वहां भाजपा की जीत हुई, जबकि 60-70% चार्ज वाली बैटरी में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा।

चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इन दावों को आधारहीन करार दिया। उन्होंने बताया कि ईवीएम की बैटरी साधारण लीथियम बैटरी की तरह होती है, जिसका एक निश्चित जीवनकाल होता है और ये कैल्कुलेटर जैसी वस्तुओं में प्रयुक्त होती हैं। बैटरी को मतदान से कुछ दिन पहले बदला जाता है और उम्मीदवारों के हस्ताक्षर के साथ सील किया जाता है।

ईवीएम बैटरी कैसे काम करती है?

ईवीएम की बैटरी एक स्थिर करंट प्रदान करती है जो शुरू में 7.5 से 8 वोल्ट के बीच होती है। जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया बढ़ती है, बैटरी की क्षमता घटती जाती है और 7.4 वोल्ट से नीचे आते ही बैटरी की प्रतिशत पावर 98% से घटकर 10% तक दिखने लगती है। बैटरी को 5.8 वोल्ट तक खर्च किया जा सकता है और तब तक मशीन समुचित रूप से काम करती है। कंट्रोल यूनिट में मतदान के दिन की बैटरी क्षमता मॉक वोटिंग और असल वोटिंग के आधार पर निर्भर करती है।

पेजर की तुलना में ईवीएम

चुनाव आयुक्त ने ईवीएम हैकिंग के आरोपों पर बात करते हुए पेजर की मिसाल दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेजर नेटवर्क से जुड़े होते हैं, जबकि ईवीएम पूरी तरह से स्वतंत्र होती हैं। इस तकनीकी विभाजक के कारण ईवीएम को हैक करना असंभव है।

शिकायतों का समाधान

हरियाणा के चुनावों में ईवीएम के खिलाफ 20 शिकायतें दर्ज की गईं। सीईसी ने इन पर विस्तृत जवाब देने का आश्वासन दिया और यह भी कहा कि आयोग अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का FAQ जारी करेगा, जिससे सभी हितधारकों को सूचित किया जा सके।

निष्कर्ष

चुनाव आयोग के इस स्पष्टीकरण के बाद यह साफ है कि ईवीएम से जुड़ी बैटरी की क्षमता को लेकर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं। आयोग ने सभी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और प्रामाणिकता की गारंटी दी है। जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, इस मुद्दे पर जनता की नजर बनी रहेगी, और भविष्य में ऐसी चुनौतियों को पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता से संभालना होगा।

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